लखनऊ : सुब्रत राय का जीवनभर अंदाज राजाओं वाला रहा. लखनऊ के खास इलाके गोमती नगर में उनका खुद का सहारा शहर बसा हुआ था. जहां अपने परिवार के साथ सिनेमा देखने के लिए खुद का एक सिनेमा हॉल था. एक समय सहारा इंडिया एयरलाइंस थी. अपने चार्टर्ड प्लेन थे. इंडियन प्रीमियर लीग में पुणे वॉरियर्स नाम की क्रिकेट टीम भी सुब्रत राय ने खरीदी थी. लॉन टेनिस, गोल्फ और क्रिकेट के अलावा हॉकी का शौक सुब्रत राय को था. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन तक को शहर शहर में सुब्रत राय ने एक बार बुलाया था. जबकि श्रीदेवी, शाहरुख खान, अनिल कपूर, बोनी कपूर भारतीय और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऐसे ही ना जाने कितने सेलिब्रिटी समय-समय पर सुब्रत राय के मेहमान बन चुके थे. सुब्रत राय जब सड़क पर चलते थे तो उनका काफिला और सुरक्षा मुख्यमंत्री से काम नहीं हुआ करती थी प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के साथ सुब्रत राय का काफिला करीब 20 गाड़ियों का हुआ करता था.
![सुब्रत राय सहारा का निधन.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-11-2023/20026122_sahara2.jpg)
शहर में सहारा का था जलवा : लखनऊ के सबसे महंगे इलाके गोमतीनगर में सैकड़ों एकड़ में सहारा शहर का विकास किया गया था. यह बात अलग है कि नगर निगम की इस जमीन को लेकर काफी विवाद भी रहा और इसको अवैध कब्जा और अवैध निर्माण माना गया, मगर इस सहारा शहर में सुब्रत राय का खुद का साम्राज्य था. सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे. इसके अलावा लखनऊ से अलग एक अलग शहर था. जिसमें वे सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं जो एक अंतरराष्ट्रीय मानकों के शहर में होनी चाहिए.
![अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ सहारा दंपती.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-11-2023/up-luc-02-subrat-roy-7210474_15112023075239_1511f_1700014959_533.jpg)
![अभिनेता जितेंद्र व अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ सहाराश्री.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-11-2023/20026122_sahara1.jpg)
2014 से शुरू हुआ पतन : सहारा श्री के नाम से मशहूर सुब्रत राय का पतन 2014 से कब शुरू हुआ. जब निवेशकों का रुपये न लौटाने के मामले में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट के कई बार नोटिस देने के बावजूद सुब्रत राय ने दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया. यहां तक कि वह सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भी बयानबाजी किया करते थे. इसके बाद में मार्च 2014 में उनकी गिरफ्तारी का आदेश हुआ लगभग 3 साल तक में जेल में रहे. यहां से सहारा इंडिया कंपनी और खुद सुब्रत राय का भी पतन शुरू हो गया. बड़े-बड़े लोगों ने उनसे दूरी कर ली इसके साथ ही तमाम अकाउंट सीज होने की वजह से कारोबार पर बुरा असर पड़ा. हजारों कर्मचारियों की तनख्वाह पर गलत प्रभाव पड़ा. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में सहारा परिवार टूट गया.
सहाराश्री सुब्रत राय सहारा का निधन, आज मुंबई से लखनऊ लाया जाएगा पार्थिव शरीर