मास्को : रूस के तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने खबरों के बीच रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी मास्को पर और प्रतिबंधों लगाने पर विचार करते हैं तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. इससे क्रूड ऑयल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी. फिर कच्चे तेल की कीमत 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो सकती है. इसके अलावा रूस यूरोपीय यूनियन को गैस सप्लाई करने पर भी विचार करेगा.
नोवाक ने कहा कि रूसी तेल पर प्रतिबंध की बात अस्थिरता पैदा करती है, जिससे उपभोक्ताओं का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इसमें एक वर्ष से अधिक समय लगेगा और यह यूरोपीय उपभोक्ताओं के लिए बहुत अधिक महंगा होगा. रूस के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले यूरोपीय राजनेताओं को अपने नागरिकों को यह बता देना चाहिए कि आने वाले समय में पावर स्टेशनों पर गैस की कीमत आसमान छू जाएगी.
गौरतलब है कि रूस के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के नेताओं के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस से बातचीत की थी. इस बातचीत में जो बाइडेन ने कहा कि अगर यूरोपीय देश प्रतिबंध लगाने को लेकर कोई फैसला नहीं करते हैं तो संयुक्त राज्य अमेरिका यूरोप में सहयोगियों के बिना आगे बढ़ने को तैयार है. बता दें कि महाद्वीप के कई देश रूस से आयात होने वाले नेचुरल गैस पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
जर्मनी ने पिछले महीने नॉर्ड स्ट्रीम 2 के काम को रोक दिया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि हमें एक समान निर्णय लेने और नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन के माध्यम से गैस पंपिंग पर प्रतिबंध लगाने का पूरा अधिकार है. हालांकि रूस के उप प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक हमने यह फैसला नहीं किया है. इससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि यूरोपीय बाजार में रूसी तेल को जल्दी से बदलना असंभव होगा. बता दें कि यूक्रेन पर हमले के बाद जारी प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग प्रणाली और मुद्रा पर भारी दबाव में है.
पढ़ें : यूक्रेन को वर्ल्ड बैंक की मदद, 723 मिलियन डॉलर का वित्तीय पैकेज मंजूर