ETV Bharat / bharat

40 हजार सालों से भारत के लोगों का DNA एक जैसा: मोहन भागवत - भारत के लोगों का DNA

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का अर्थ धारणा है, जो समाज को जोड़ता है. पिछले 40 हजार सालों से सभी भारतीयों का डीएनए एक है.

rss
rss
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 1:46 PM IST

धर्मशाला : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में एक बार फिर देश के डीएनएन का जिक्र किया. मोहन भागवत ने कहा कि 40 हजार साल पूर्व से भारत के सभी लोगों का डीएनए समान (dna of all people in india has been same) है . ये आज का डीएनए मैपिंग बताता है. हम समान पूर्वजों के वंशज है, हमारे पूर्वजों के कारण हमारा देश और संस्कृति फले फूले हैं और आज तक चली आ रही है. यूनान, रोम, मिस्र जैसी संस्कृतियां मिट गई लेकिन हमारे पूर्वजों के त्याग और बलिदान के कारण हम आज भी हैं.

मोहन भागवत

आरएसएस (RSS) मोहन भागवत पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरएसएस को सरकार का रिमोट कंट्रोल बताने पर भी अपनी बात रखी. भागवत ने कहा कि "मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है. हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं. सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है. लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है. उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है''

उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है. चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा, “हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया. अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है’’

आरएसएस प्रमुख ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) दिवंगत बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था. उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी. उन्होंने डॉ. बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं’’

ये भी पढ़ें: हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं : भागवत

धर्मशाला : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में एक बार फिर देश के डीएनएन का जिक्र किया. मोहन भागवत ने कहा कि 40 हजार साल पूर्व से भारत के सभी लोगों का डीएनए समान (dna of all people in india has been same) है . ये आज का डीएनए मैपिंग बताता है. हम समान पूर्वजों के वंशज है, हमारे पूर्वजों के कारण हमारा देश और संस्कृति फले फूले हैं और आज तक चली आ रही है. यूनान, रोम, मिस्र जैसी संस्कृतियां मिट गई लेकिन हमारे पूर्वजों के त्याग और बलिदान के कारण हम आज भी हैं.

मोहन भागवत

आरएसएस (RSS) मोहन भागवत पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरएसएस को सरकार का रिमोट कंट्रोल बताने पर भी अपनी बात रखी. भागवत ने कहा कि "मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है. हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं. सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है. लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है. उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है''

उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है. चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा, “हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया. अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है’’

आरएसएस प्रमुख ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) दिवंगत बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था. उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी. उन्होंने डॉ. बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं’’

ये भी पढ़ें: हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं : भागवत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.