गोरखपुर: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री समेत अति विशिष्ट अतिथियों को उपहार के रूप में गीता प्रेस की चार पुस्तक भी भेंट की जाएंगी. इन पुस्तकों का एक गुच्छ बनाया जाएगा, जो श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से इन अतिथियों को भेंट की जाएंगी. गीता प्रेस प्रबंधन इन पुस्तकों का बंडल तैयार करने में जुटा है. छपाई का भी कार्य प्रेस में चल रहा है.
किताबों के 101 गुच्छ तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा अयोध्या दर्शन नाम की पुस्तक 10 हजार की संख्या में गीता प्रेस प्रबंधन उपहार स्वरूप ट्रस्ट को प्रदान करेगा, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों को सप्रेम भेंट की जाएगी. इन पुस्तकों में रामांक सबसे प्रमुख होगी, जो गीता प्रेस के कल्याण पत्रिका का विशेषांक होगा. रामांक वर्ष 1972 में छापी गई थी जो नए सिरे से भगवान राम के जीवन लीला से जुड़े हुए, 50 चित्रों को समायोजित कर फिर से छापी जा रही है.
गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर गीता प्रेस जो अपनी चार पुस्तकें उपहार स्वरूप दे रहा है, यह उसके लिए भी स्वर्णिम अवसर है. इस अवसर को पाकर ट्रस्ट से जुड़े सभी पदाधिकारी बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक पुस्तकें ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को गीता प्रेस प्रबंधन सौंप देगा.
उन्होंने बताया कि अयोध्या दर्शन नाम की पुस्तक की दस हजार प्रतियां छापी जा रही हैं, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रित विशिष्ट अतिथियों को ट्रस्ट की तरफ से भेंट की जाएंगी. यह अयोध्या से जुड़े सभी दर्शनीय स्थलों के बारे में पूरी जानकारी देगी, तो वहीं विशिष्ट अतिथियों के लिए जिन चार पुस्तकों का बंडल बनाया जाएगा उसमें अयोध्या महात्म्य, रामांक, अयोध्या दर्शन और गीता दैनंदिनी शामिल है. यह सब उपहार स्वरूप ही गीता प्रेस, ट्रस्ट को भेंट करेगा.
रामांक इन पुस्तकों में सबसे खास है, जिसमें कुछ परिवर्तन करते हुए भगवान राम की लीलाओं से जुड़े 48 पृष्ठ और 50 चित्र जोड़कर नए कलेवर में यह तैयार की जा रही है. यह कुल 1024 पन्नों की पुस्तक होगी. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस प्रबंधन को इस आयोजन में शामिल होने का ट्रस्ट की तरफ से निमंत्रण भी प्राप्त हो चुका है, जिससे प्रबंधन बेहद खुश है. उन्होंने कहा कि जीवन में यह अवसर जिसे भी प्राप्त हो रहा है, वह बहुत ही सौभाग्यशाली है.
देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चल रही तैयारी के बीच, जो प्रसाद वितरित होगा, उसमें यह पुस्तक प्रसाद स्वरूप ही भेंट की जाएगी. इन पुस्तकों के माध्यम से अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि का समग्र दर्शन कराने की पहल होगी. पुस्तक में अयोध्या के इतिहास, प्रमुख मंदिरों, तीर्थ स्थलों और सांस्कृतिक महत्व का परिचय दिया गया है. रामांक में प्रमुख रूप से जो चीज शामिल की जा रही है वह सूर्य वंशावली भी होगी, जो पुराने विशेषांक में शामिल नहीं थी.
धार्मिक पुस्तकों की छपाई का पूरी दुनिया में एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण केंद्र गीता प्रेस, लगभग 15 भाषाओं में श्रीमद्भागवत गीता को प्रकाशित करता है. इसके अलावा अन्य धार्मिक पुस्तकें चाहे वह हनुमान चालीसा हो या फिर अन्य कोई भी पुस्तक, रामचरितमानस, शिव महापुराण, रामायण, सब एक छत के नीचे और ऑनलाइन आर्डर पर भी उपलब्ध रहती हैं.