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पंजाब सरकार से लोगों को मुफ्त में बिजली की आस

पंजाब सरकार फिलहाल लोगों को मुफ्त में बिजली देने को लेकर असमंजस में है. सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने राज्य के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था. लेकिन पंजाब सरकार अभी तक इस वादे को पूरा नहीं कर सकी है.

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पंजाब सरकार से लोगों को मुफ्त में बिजली की आस
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Published : Apr 6, 2022, 10:49 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य में लोगों को मुफ्त में बिजली देने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग (पीएसईआरसी) की ओर से एक अप्रैल को एक टैरिफ ऑर्डर जारी किया गया. लेकिन इसमें उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने की बात शामिल नहीं थी.

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने दो सबसे प्रमुख वादे किये थे. इनमें पहला हर घर के लिए प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली और हर महिला के लिए 1000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का आश्वासन दिया था. इन दोनों वादों को पूरा करने में सरकार पर भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है.

पंजाब में कितने है बिजली उपभोक्ता-
एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 1 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें 73 लाख घरेलू उपभोक्ता, 14 लाख कृषि उपभोक्ता (जिन्हें मुफ्त बिजली की आपूर्ति होती है), 11.50 लाख वाणिज्यिक उपभोक्ता और 1.50 लाख औद्योगिक उपभोक्ता शामिल हैं. सरकार का वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल 10,000 करोड़ रुपये है, जिसमें सिर्फ किसानों को बिजली सब्सिडी के रूप में 7,180 करोड़ रुपये शामिल हैं.

मुफ्त बिजली पर लागत -
सभी 73.39 लाख उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की लागत प्रत्येक बिलिंग चक्र में 1,300 करोड़ रुपये है. कृषि, अल्पसंख्यकों और ईडब्ल्यूएस को मुफ्त बिजली, उद्योग को सब्सिडी वाली बिजली के अलावा 2022-23 में राज्य के खजाने पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
अकाली दल के राज्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री डा दलजीत सिंह चीम का कहना है कि राज्य सरकार को अपने वायदे तुरंत पूरे करने चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग बेसब्री से 300 यूनिट मुफ्त बिजली तथा पंजाब की महिलाएं एक अप्रैल से एक एक हजार अपने अकाउंट में आने का इंतजार कर रहीं हैं. कांग्रेस के प्रांतीय उपाध्यक्ष गुरिंदर सिंह बाली का कहना था कि पंजाब के लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बनने के बाद 'आप' की सरकार 300 यूनिट बिजली की गारंटी को जल्द लागू कर सकती है. मगर 'आप' सरकार ने लोगों को निराश करते हुए अपने वायदों को पूरा नहीं किया. अपने मेनिफेस्टो में किए वादे पूरी करे पंजाब सरकार. पंजाब के लोगों को बहुत उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान एक अप्रैल से 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का एलान करके पंजाब के लोगों को एक बड़ा तोहफा देंगे. मगर सरकार की तरफ से लोगों को निराशा ही लगी.

आल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के अध्यक्ष गुरचरण सिंह ग्रेवाल का कहना था कि पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी की गारंटियों पर विश्वास करते हुए उन्हें भारी बहुमत से सरकार बनाने का मौका दिया. लेकिन अब लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसके साथ ही पंजाब में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना शुरू कर दी गई है. इससे गरीब लोगों पर सीधे तौर पर असर पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- युवाओं की प्रतिभा निखार रहे ये पूर्व IPS अधिकारी, दे रहे निःशुल्क ट्रेनिंग

पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इस पर कहा कि 1 अप्रैल से ही पंजाब की बहनें 1-1 हजार अकाउंट में आने का इंतजार कर रही हैं. 300 यूनिट फ्री बिजली मिलनी शुरू होनी थी, लेकिन सरकार अन्य मुद्दों को उठा कर लोगों का ध्यान अन्य बातों की ओर भटका रही है. आम आदमी पार्टी के नेता की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी. पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त केएपी सिन्हा का कहना है कि सरकार आबकारी और रेत खनन से राजस्व जुटाने पर विचार कर रही है. सरकार इस साल आबकारी राजस्व को दोगुना करना चाहती है और विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. अतिरिक्त राजस्व से ही पंजाब की योजनाओं का काम पूरा किया जाएगा.

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य में लोगों को मुफ्त में बिजली देने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग (पीएसईआरसी) की ओर से एक अप्रैल को एक टैरिफ ऑर्डर जारी किया गया. लेकिन इसमें उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने की बात शामिल नहीं थी.

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने दो सबसे प्रमुख वादे किये थे. इनमें पहला हर घर के लिए प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली और हर महिला के लिए 1000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का आश्वासन दिया था. इन दोनों वादों को पूरा करने में सरकार पर भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है.

पंजाब में कितने है बिजली उपभोक्ता-
एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 1 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें 73 लाख घरेलू उपभोक्ता, 14 लाख कृषि उपभोक्ता (जिन्हें मुफ्त बिजली की आपूर्ति होती है), 11.50 लाख वाणिज्यिक उपभोक्ता और 1.50 लाख औद्योगिक उपभोक्ता शामिल हैं. सरकार का वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल 10,000 करोड़ रुपये है, जिसमें सिर्फ किसानों को बिजली सब्सिडी के रूप में 7,180 करोड़ रुपये शामिल हैं.

मुफ्त बिजली पर लागत -
सभी 73.39 लाख उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की लागत प्रत्येक बिलिंग चक्र में 1,300 करोड़ रुपये है. कृषि, अल्पसंख्यकों और ईडब्ल्यूएस को मुफ्त बिजली, उद्योग को सब्सिडी वाली बिजली के अलावा 2022-23 में राज्य के खजाने पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
अकाली दल के राज्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री डा दलजीत सिंह चीम का कहना है कि राज्य सरकार को अपने वायदे तुरंत पूरे करने चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग बेसब्री से 300 यूनिट मुफ्त बिजली तथा पंजाब की महिलाएं एक अप्रैल से एक एक हजार अपने अकाउंट में आने का इंतजार कर रहीं हैं. कांग्रेस के प्रांतीय उपाध्यक्ष गुरिंदर सिंह बाली का कहना था कि पंजाब के लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बनने के बाद 'आप' की सरकार 300 यूनिट बिजली की गारंटी को जल्द लागू कर सकती है. मगर 'आप' सरकार ने लोगों को निराश करते हुए अपने वायदों को पूरा नहीं किया. अपने मेनिफेस्टो में किए वादे पूरी करे पंजाब सरकार. पंजाब के लोगों को बहुत उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान एक अप्रैल से 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का एलान करके पंजाब के लोगों को एक बड़ा तोहफा देंगे. मगर सरकार की तरफ से लोगों को निराशा ही लगी.

आल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के अध्यक्ष गुरचरण सिंह ग्रेवाल का कहना था कि पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी की गारंटियों पर विश्वास करते हुए उन्हें भारी बहुमत से सरकार बनाने का मौका दिया. लेकिन अब लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसके साथ ही पंजाब में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना शुरू कर दी गई है. इससे गरीब लोगों पर सीधे तौर पर असर पड़ेगा.

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पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इस पर कहा कि 1 अप्रैल से ही पंजाब की बहनें 1-1 हजार अकाउंट में आने का इंतजार कर रही हैं. 300 यूनिट फ्री बिजली मिलनी शुरू होनी थी, लेकिन सरकार अन्य मुद्दों को उठा कर लोगों का ध्यान अन्य बातों की ओर भटका रही है. आम आदमी पार्टी के नेता की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी. पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त केएपी सिन्हा का कहना है कि सरकार आबकारी और रेत खनन से राजस्व जुटाने पर विचार कर रही है. सरकार इस साल आबकारी राजस्व को दोगुना करना चाहती है और विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. अतिरिक्त राजस्व से ही पंजाब की योजनाओं का काम पूरा किया जाएगा.

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