प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयाग स्टेशन के निकट रेलवे ट्रैक पर जाम लगाने और उपद्रव करने के मामले में पुलिस ने दो नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जबकि अनावश्यक बल प्रयोग करने के लिए छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों में प्रदीप यादव और मुकेश यादव शामिल हैं जबकि सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने वाले राजेश सचान की तलाश जारी है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में एक वीडियो भी वायरल किया गया था जिसमें कुछ पुलिसकर्मी अनावश्यक बल प्रयोग करते हुए दिखाई दे रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मामले में मीडिया सेल प्रभारी राकेश भारती, एसआई शैलेन्द्र यादव, एसआई कपिल कुमार चहल, आरक्षी मोहम्मद आरिफ, आरक्षी अच्छे लाल और आरक्षी दुर्वेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.
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गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
विरोध प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए।
प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है। शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए। 2/2
">गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 26, 2022
विरोध प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए।
प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है। शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए। 2/2गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए।
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विरोध प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए।
प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है। शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए। 2/2
उन्होंने बताया कि मंगलवार को हुई इस घटना के संबंध में पुलिस ने 1,000 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज पुलिस किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करेगी. इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उन इलाकों का दौरा किया जहां हजारों की संख्या में छात्र रहते हैं. उन्होंने छात्रों को सभी मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया और उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की.
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रयागराज में छात्रों के लॉज में पुलिस द्वारा तोड़फोड़ का वीडियो ट्विटर पर साझा किया था और इस घटना की निंदा की थी. उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए इसे दमनकारी कार्रवाई बताया है.
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प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए। युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं। pic.twitter.com/jjOxy2iZH2
">प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है।
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प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए। युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं। pic.twitter.com/jjOxy2iZH2प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है।
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प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए। युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं। pic.twitter.com/jjOxy2iZH2
प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है. प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए. युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.
अजय कुमार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये उपद्रवी कुछ राजनीतिक दलों से धन लेकर ऐसा कर रहे हैं या फिर इन्हें अशांति पैदा करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस पहलू की जांच के लिए 11 लोगों की टीम बनाई गई है और जल्द ही इसका पर्दाफाश होगा. इस बीच वर्ष 1979-80 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर शहर उत्तरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे अनुग्रह नारायण सिंह ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने कहा कि जो नौजवान लोग बेरोजगार हैं, वे अपने हक की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, हक की मांग करना गुनाह नहीं है. लाठी के दम पर उन्हें दबाना ठीक नहीं है. लगभग 1.24 लाख छात्रों ने ग्रुप-डी के तहत रेलवे की नौकरियों के लिए मार्च, 2019 से आवेदन कर रखा है. सरकार ने तीन साल से भर्ती लटका रखी है. ऐसे में छात्रों का गुस्सा होना जायज है. बता दें, कर्नलगंज थाना अंतर्गत प्रयाग स्टेशन के पास मंगलवार को एक हजार से अधिक की संख्या में छात्र रेलवे ट्रैक पर एकत्र हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगा दिया था. इस दौरान कुछ छात्रों ने पुलिस बल पर पथराव किया था.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, ये उपद्रवी आसपास के लॉज में जाकर छिप गए थे. उन्होंने कहा कि पुलिस लॉज में जाकर उन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रही थी और इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का भी प्रयोग किया.
इनपुट पीटीआई-भाषा