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भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने के लिए, शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय होना चाहिए: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे. इस अवसर पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt Governor of Jammu and Kashmir, Manoj Sinha) ने उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति आईआईएम के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे.

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Published : Jun 9, 2022, 2:57 PM IST

Updated : Jun 10, 2022, 6:53 AM IST

President Ram Nath Kovind arrives in Jammu
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जम्मू पहुंचे,

जम्मू : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को ‘ज्ञान केंद्र’ के रूप में स्थापित करना चाहती है और भारत को ऐसा बनाने के लिए देश के शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर के अनुरूप बनाने की जरूरत है. 'स्टार्ट-अप' पर ध्यान केंद्रित किए जाने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कई प्रौद्योगिकियों और अवसरों का लाभ उठाते हुए उसने सफलता पाई है तथा 'स्टार्ट-अप' को भारतीय अर्थव्यवस्था का उभरता हुआ मुख्य आधार बताया जा रहा है.

कोविंद ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), जम्मू के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति आज की ज्ञान अर्थव्यवस्था में भारत को ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास करती है. यह हमारे प्राचीन मूल्यों को सहेजते हुए 21वीं सदी की दुनिया के लिए हमारे युवाओं को तैयार करने का प्रयास करती है, जो आज भी प्रासंगिक हैं. राष्ट्रपति ने संस्थान में एक विविधता प्रकोष्ठ का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, भारत को वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए, हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर के अनुरूप चाहिए.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू पहुंचे,

राष्ट्रपति ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वैश्विक रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. मुझे उम्मीद है कि आईआईएम-जम्मू जैसे नए संस्थान तेजी से सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाएंगे और उच्च रैंकिंग की आकांक्षा करेंगे. कोविंद ने यह भी कहा कि वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2014 के 76 से सुधर कर 2021 में 46 हो गई. उन्होंने कहा नवाचार और उद्यमिता एक दूसरे को मजबूत करते हैं.

उन्होंने 'दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ आईआईएम-जम्मू के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, 'अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संभावित उद्यमियों की मदद के लिए एक विशेष विविधता प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है. कोविंद ने कहा, मुझे बताया गया है कि यह आईआईएम के बीच अपनी तरह का पहला केंद्र होगा.

कोविंद ने जम्मू स्थित आईआईएम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बीच सहयोग पर भी प्रसन्नता व्यक्त की. राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में आईआईएम और अन्य संस्थानों से कस्बों और गांवों को अपनाने का भी आग्रह किया.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति कोविंद आज से 11 जून तक जम्मू, हिमाचल प्रदेश के दौरे पर रहेंगे

जम्मू : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को ‘ज्ञान केंद्र’ के रूप में स्थापित करना चाहती है और भारत को ऐसा बनाने के लिए देश के शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर के अनुरूप बनाने की जरूरत है. 'स्टार्ट-अप' पर ध्यान केंद्रित किए जाने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कई प्रौद्योगिकियों और अवसरों का लाभ उठाते हुए उसने सफलता पाई है तथा 'स्टार्ट-अप' को भारतीय अर्थव्यवस्था का उभरता हुआ मुख्य आधार बताया जा रहा है.

कोविंद ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), जम्मू के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति आज की ज्ञान अर्थव्यवस्था में भारत को ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास करती है. यह हमारे प्राचीन मूल्यों को सहेजते हुए 21वीं सदी की दुनिया के लिए हमारे युवाओं को तैयार करने का प्रयास करती है, जो आज भी प्रासंगिक हैं. राष्ट्रपति ने संस्थान में एक विविधता प्रकोष्ठ का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, भारत को वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए, हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर के अनुरूप चाहिए.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू पहुंचे,

राष्ट्रपति ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वैश्विक रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. मुझे उम्मीद है कि आईआईएम-जम्मू जैसे नए संस्थान तेजी से सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाएंगे और उच्च रैंकिंग की आकांक्षा करेंगे. कोविंद ने यह भी कहा कि वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2014 के 76 से सुधर कर 2021 में 46 हो गई. उन्होंने कहा नवाचार और उद्यमिता एक दूसरे को मजबूत करते हैं.

उन्होंने 'दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ आईआईएम-जम्मू के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, 'अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संभावित उद्यमियों की मदद के लिए एक विशेष विविधता प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है. कोविंद ने कहा, मुझे बताया गया है कि यह आईआईएम के बीच अपनी तरह का पहला केंद्र होगा.

कोविंद ने जम्मू स्थित आईआईएम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बीच सहयोग पर भी प्रसन्नता व्यक्त की. राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में आईआईएम और अन्य संस्थानों से कस्बों और गांवों को अपनाने का भी आग्रह किया.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति कोविंद आज से 11 जून तक जम्मू, हिमाचल प्रदेश के दौरे पर रहेंगे

Last Updated : Jun 10, 2022, 6:53 AM IST
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