लखनऊ : जब गुरुवार को साबरमती जेल से प्रयागराज लाए गए माफिया अतीक अहमद की पुलिस को रिमांड मिली तो ठीक उसी समय प्रयागराज से 450 किलोमीटर दूर झांसी में उसके बेटे को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया. असद के साथ उमेश पाल और गनर राघवेंद्र पर गोलियां बरसाने वाले गुलाम को भी मार गिराया गया है. एसटीएफ ने दोनों के ही पास से विदेशी पिस्टल बरामद की है. असद और गुलाम को मार गिराने के बाद यूपी में मारे गए अपराधियों की संख्या 183 हो गई है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के लिए तीन रास्ते खुले छोड़े थे. इसमें एक रास्ता जेल का था दूसरा यमराज के पास और तीसरा राज्य की सीमा के बाहर. बीते छह सालों में 183 ऐसे अपराधी थे, जिन्होंने योगी सरकार के इन तीन रास्तों को फॉलो नहीं किया. इस कारण मुठभेड़ में मारे गए करीब 23 हजार 32 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया. इतना ही नहीं, कभी पुलिस को अपने पीछे-पीछे भगाने वाले 4900 अपराधियों के पैर पर मुठभेड़ के दौरान गोली लगी. अपराधियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस ने अपने 15 जांबाज कर्मियों को भी खोया है.
योगी सरकार पार्ट 2 में अब तक 11 हुए ढेर : वर्ष 2018 में यूपी पुलिस ने लखनऊ में आतंक का दूसरा रूप बन चुके बवारिया गिरोह के 4 डकैत के साथ-साथ गाजियाबाद, कानपुर समेत दर्जनों जिलों में कुल 41 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था. यह संख्या अब तक बीते छह सालों में सबसे अधिक है. स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, वर्ष 2017 में 28, 2018 में 41, 2019 में 34, 2020 में 26, 2021 में 26 , 2022 में 14 और 2023 में अब तक 11 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं.
10500 एनकाउंटर में 4900 अपराधी हुए लंगड़े : वर्ष 2017 को यूपी में योगी सरकार बनते ही प्रदेश में ऑपरेशन क्लीन शुरू हुआ. इसके तहत अपराधियों की धड़पकड़ तेज की गई. राज्य के 23 हजार 32 उन अपराधियों को पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा, जो अब तक राजनीतिक संरक्षण के कारण कानून से बचते रहे . 2017 से अब तक राज्य में हर दिन पुलिस और अपराधियों की चार मुठभेड़ हुई है. बीते छह वर्षों 10,500 एनकाउंटर हुए, इसमें 4900 अपराधियों के पैर में गोली लगी. इस धारण 1425 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
10 जिलों में सबसे अधिक कार्रवाई : एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि, यूपी के 10 जिलों में पुलिस की तरफ से बदमाशों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है. इनमें आगरा में 14 ढेर व 258 घायल हुए. प्रयागराज में 9 मारे गए जबकि 101 घायल हुए. बरेली में पुलिस की गोली से 7 अपराधी ढेर तो 437 अपराधी जख्मी हुए. गोरखपुर में भी पुलिस ने कार्रवाई की. सीएम जिले में 7 क्रिमिनल मारे गए जबकि 196 घायल हुए. कानपुर में 5 ढेर और 117 अपराधी जख्मी हुए. यूपी की राजधानी लखनऊ में 11 अपराधी पुलिस की गोली के शिकार बने, यहां 331 क्रिमिनल घायल हुए. मेरठ में 63 ढेर और 1708 घायल हुए. वाराणसी 19 अपराधी मारे गए और 229 जख्मी हुए.
लखनऊ कमिश्नरेट में 8 ढेर हुए. गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट में रेकॉर्ड बन गया. इस जिले में 9 अपराधी मारे गए जबकि 702 पुलिस एनकाउंटर में घायल हुए. वाराणसी कमिश्नरेट में 7 बदमाश ढेर हुए. कानपुर कमिश्नरेट में 4 अपराधी मारे गए और 176 घायल हुए. आगरा कमिश्नरेट 6 ढेर और 80 घायल हुए. पिछले 6 साल में गाजियाबाद कमिश्नरेट में एनकाउंटर की कार्रवाई हुई, जिसमें 6 ढेर व 366 घायल हुए. प्रयागराज कमिश्नरेट में 3 अपराधी पुलिस की गोली के शिकार बने. यहां 58 क्रिमिनल मुठभेड़ में घायल हुए. झांसी में दो ढेर हुए, जिसमें असद और गुलाम शामिल हैं.
सरकार ने की तारीफ तो अखिलेश ने दिखाई नाराजगी : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर पर ट्वीट किया. उन्होंने एसटीएफ को बधाई देते हुए लिखा कि उमेश पाल एडवोकेट और पुलिस के जवानों के हत्यारों को यही हश्र होना था. वहीं निषाद पार्टी के प्रमुख मंत्री संजय निषाद ने कहा कि यूपी को अपराध मुक्त प्रदेश बनाने और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर बढ़ते हुए असद और गुलाम को मिट्टी में मिलाया गया है. यूपी में माफियागिरी नहीं चलेगी. हालांकि इस एनकाउंटर पर विपक्ष खुश होता नहीं दिख रहा है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमिक जमाई ने कहा कि एनकाउंटर न्याय नहीं है. अपने प्रवक्ता से एक कदम आगे बढ़ते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं. उन्होंने असद एनकाउंटर की जांच की मांग की है.
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