नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से लाई गईं 29 प्राचीन कलाकृतियों का निरीक्षण किया. भारतीय इतिहास से जुड़े ये पुरातत्व अवशेषों को वर्षों पहले तस्करों ने देश के बाहर भेज दिया था. सरकार के हस्तक्षेप के बाद ये पुरातन कलाकृतियां दोबारा भारत लाई गईं हैं.
पीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार, ये प्राचीन मूर्तियां 6 व्यापक श्रेणियों में हैं. शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुएं. इन्हें बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल से बनाया गया है. इनमें कागज पर बनी पेंटिंग भी शामिल हैं. ये पुरातन अवशेष राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं.
बता दें कि पिछले साल जुलाई में भारत सरकार की पहल के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत को कलाकृति लौटाने का फैसला लिया था. ऑस्ट्रेलिया की कैनबरा आर्ट गैलेरी ने भारत से चुराई गई कलाकृतियों की पहचान की थी. तब गैलरी के निदेशक ने कहा था कि कलाकृतियों को मूल देश को लौटाना सांस्कृतिक जिम्मेदारी है और ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के बीच सहयोग का परिणाम है. हम भारत सरकार के सहयोग के लिए उनके आभारी है और हम खुश है कि अब सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इन वस्तुओं को लौटा सकते हैं.
बता दें कि 2014 में भी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू देवताओं की दो प्राचीन मूर्तियां सौंपी थीं, जिन्हें कथित तौर पर तमिलनाडु के मंदिरों से चुराया गया था.
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