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Pandit Pradeep Mishra in raipur : धर्मांतरण करने वालों को पंडित प्रदीप मिश्रा की दो टूक

Pandit Pradeep Mishra in raipur रायपुर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रदीप मिश्रा ने धर्मांतरण करने वालों को एक लाइन में कहा कि किसी भी दूसरे धर्म में जाने से पहले अपने माता पिता या दादा दादी से पूछ लें कि वो कौन से धर्म के हैं.कभी दबाव में आकर धर्म नहीं बदलना चाहिए.conversion in chhattisgarh

Pandit Pradeep Mishra statement
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बयान
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Published : Nov 11, 2022, 6:23 PM IST

रायपुर : राजधानी में 9 नवंबर से 13 नवंबर तक शिव महापुराण कथा का आयोजन सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कर रहे (Pandit Pradeep Mishra statement ) हैं. शुक्रवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने धर्मांतरण को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि '' जो धर्मांतरण करवा रहे हैं, पहले उनके माता-पिता से पूछे कि वह कौन से धर्म से थे. उनके दादा परदादा कौन से धर्म के थे. क्या उन्होंने कभी शिव के सामने अगरबत्ती जलाई थी. धर्मांतरण करने वालों को किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए. ये उनकी विपरीत बुद्धि है. उनके ऊपर से प्रेशर रहता है, उन्हें इतना धन दिया जाता है, कि उन्हें धर्मांतरण कराना पड़ता है.'' (Pradeep Mishra statement regarding conversion )

धर्मांतरण पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बयान

राजनीति पर हमेशा धर्म हावी : कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राजनीति और धर्म को लेकर कहा कि '' राजनीति पर हमेशा से धर्म हावी रहा है. पहले भी राजा महाराजाओं के साथ उनके गुरु बैठे रहते थे. इसलिए चाहे वह केंद्र हो या राज्य अगर धर्म के अनुसार राजनीति को बढ़ाया जाए, तो राजा और प्रजा दोनों सुखी होंगे. और हमेशा एक ही राजा रहेगा. ज्ञान व्यापी के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि शिव शिव है. पूरे विश्व की भूमि को कहीं से भी खुदाई करेंगे, तो शिव ही निकलेंगे बाकी मूर्तियां बाद में प्रकट हुई है. लेकिन भगवान शिव का वर्चस्व प्राचीन समय से ही रहा है. ऐसे में निर्णय तो भगवान शिव ही देंगे.''conversion in chhattisgarh




सनातन धर्म सर्वोपरि : conversion in raipur जगतगुरु शंकराचार्य के हिंदू राष्ट्र निर्माण को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि '' पूरा राष्ट्र सनातनी बने. उनके साथ पूरा राष्ट्र है. सनातन धर्म सर्वोपरि हो. सनातन धर्म का हमेशा विजय हो. शिव के नाम पर चरस गांजा के नशे पर पंडित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया है. कभी चिलम और गांजा का सेवन नहीं किया है. शिव के सामने नशे का सामान रहता था, लेकिन शिव ने कभी उसका सेवन नहीं किया. जब विष की बूंदे उत्पन्न हुई तो भांग उत्पन्न हुआ जो भगवान शिव के नजदीक में रखा हुआ है, और उन्होंने उसका सेवन भी नहीं किया. भगवान शिव कहते हैं मुझे तो सिर्फ राम और कृष्ण का नशा है.'' ( raipur latest news)

ये भी पढ़ें: Ruckus over conversion in Narayanpur:धर्मांतरण की वजह से नारायणपुर में शव दफनाने को लेकर हंगामा !


तकलीफों में कटा जीवन : पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने बचपन की कहानी को बताते हुए कहा कि '' पहले उनके पास भोजन करने के लिए भी पैसे नहीं थे. घर की स्थिति देख कथावाचक बनने का विचार नहीं बना पाये. अपने कर्म के साथ शिव की भक्ति और भगवान शिव पर विश्वास बनाए रखा. घर पर बहन की शादी थी तो उसी दौरान सेठ के घर में भी शादी थी, जिसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुरोध पर सेठ ने उस साज सज्जा को जस का तस रहने दिया. उस वक्त की परिस्थितियां बुरी थी, फिर भी भोलेनाथ की कृपा इतनी हुई कि उन्होंने पेट तो भरा साथ ही जीवन में वैभव यश और सम्मान भी मिल रहा है.'' (Pandit Pradeep Mishra in raipur)

रायपुर : राजधानी में 9 नवंबर से 13 नवंबर तक शिव महापुराण कथा का आयोजन सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कर रहे (Pandit Pradeep Mishra statement ) हैं. शुक्रवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने धर्मांतरण को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि '' जो धर्मांतरण करवा रहे हैं, पहले उनके माता-पिता से पूछे कि वह कौन से धर्म से थे. उनके दादा परदादा कौन से धर्म के थे. क्या उन्होंने कभी शिव के सामने अगरबत्ती जलाई थी. धर्मांतरण करने वालों को किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए. ये उनकी विपरीत बुद्धि है. उनके ऊपर से प्रेशर रहता है, उन्हें इतना धन दिया जाता है, कि उन्हें धर्मांतरण कराना पड़ता है.'' (Pradeep Mishra statement regarding conversion )

धर्मांतरण पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बयान

राजनीति पर हमेशा धर्म हावी : कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राजनीति और धर्म को लेकर कहा कि '' राजनीति पर हमेशा से धर्म हावी रहा है. पहले भी राजा महाराजाओं के साथ उनके गुरु बैठे रहते थे. इसलिए चाहे वह केंद्र हो या राज्य अगर धर्म के अनुसार राजनीति को बढ़ाया जाए, तो राजा और प्रजा दोनों सुखी होंगे. और हमेशा एक ही राजा रहेगा. ज्ञान व्यापी के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि शिव शिव है. पूरे विश्व की भूमि को कहीं से भी खुदाई करेंगे, तो शिव ही निकलेंगे बाकी मूर्तियां बाद में प्रकट हुई है. लेकिन भगवान शिव का वर्चस्व प्राचीन समय से ही रहा है. ऐसे में निर्णय तो भगवान शिव ही देंगे.''conversion in chhattisgarh




सनातन धर्म सर्वोपरि : conversion in raipur जगतगुरु शंकराचार्य के हिंदू राष्ट्र निर्माण को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि '' पूरा राष्ट्र सनातनी बने. उनके साथ पूरा राष्ट्र है. सनातन धर्म सर्वोपरि हो. सनातन धर्म का हमेशा विजय हो. शिव के नाम पर चरस गांजा के नशे पर पंडित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया है. कभी चिलम और गांजा का सेवन नहीं किया है. शिव के सामने नशे का सामान रहता था, लेकिन शिव ने कभी उसका सेवन नहीं किया. जब विष की बूंदे उत्पन्न हुई तो भांग उत्पन्न हुआ जो भगवान शिव के नजदीक में रखा हुआ है, और उन्होंने उसका सेवन भी नहीं किया. भगवान शिव कहते हैं मुझे तो सिर्फ राम और कृष्ण का नशा है.'' ( raipur latest news)

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तकलीफों में कटा जीवन : पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने बचपन की कहानी को बताते हुए कहा कि '' पहले उनके पास भोजन करने के लिए भी पैसे नहीं थे. घर की स्थिति देख कथावाचक बनने का विचार नहीं बना पाये. अपने कर्म के साथ शिव की भक्ति और भगवान शिव पर विश्वास बनाए रखा. घर पर बहन की शादी थी तो उसी दौरान सेठ के घर में भी शादी थी, जिसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुरोध पर सेठ ने उस साज सज्जा को जस का तस रहने दिया. उस वक्त की परिस्थितियां बुरी थी, फिर भी भोलेनाथ की कृपा इतनी हुई कि उन्होंने पेट तो भरा साथ ही जीवन में वैभव यश और सम्मान भी मिल रहा है.'' (Pandit Pradeep Mishra in raipur)

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