प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (akhil bharatiya akhada parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए स्वामी आनंद गिरि और आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. करीब 20 घंटे चली पूछताछ में पुलिस के साथ ही एसआईटी ने भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें भी गोलमोल जवाब ही मिला.
इस मामले में पुलिस अब तक करीब 20 से लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा मठ बाघम्बरी गद्दी में काम करने वाले उन सेवादारों का भी पुलिस ने बयान दर्ज किया है, जिन्होंने रस्सी काटकर महंत नरेंद्र गिरि के शव को फंदे से नीचे उतारा था. पुलिस ने उस वक्त कमरे में मौजूद सेवादार शिष्यों और सुरक्षा कर्मियों का बयान दर्ज किया है.
इस दौरान आनंद गिरि से मोबाइल के जरिये संपर्क में रहने वालों की भी पुलिस ने लिस्ट तैयार की है. उन लोगों से भी पुलिस जानकारी हासिल कर रही है कि उनके बीच क्या बातचीत हुई थी. इसमें जिन लोगों से आनंद गिरि की ज्यादा बात हुई है, उनसे पुलिस के साथ ही एसआईटी भी पूछताछ करेगी.
नेताओं से भी हो सकती है पूछताछ
नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस के रडार पर कुछ सफेद पोश नेता भी हैं, जिनसे पुलिस जानकारी जुटा रही है. बताया जा रहा है कि चार महीने पहले गुरु-शिष्य के बीच चल रहे विवाद को निपटाने के लिए महंत नरेंद्र गिरि के करीबी रहे सपा और भाजपा नेताओं के साथ ही जिले के बाहर तैनात पीपीएस अफसर ने पहल की थी. जिसके बाद ही गुरु-शिष्य के बीच समझौता हो गया था.
हालांकि, समझौता होने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि महंत नरेंद्र गिरि को आनंद गिरि को अपनी मौत का मुख्य जिम्मेदार बनाते हुए सुसाइड करना पड़ा. इन सवालों के जवाब का पता लगाने के लिए एसआईटी सफेदपोश लोगों से भी पूछताछ करेगी. वहीं यह भी चर्चा है कि पुलिस ने इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों से पूछताछ की है.
महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से मिल सकता है कोई सुराग
एक तरफ जहां आनंद गिरि ने वीडियो बनाने के आरोपों से इनकार किया है. वहीं यह भी चर्चा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड से पहले अपना कोई बयान मोबाइल में रिकॉर्ड किया है, लेकिन उस बयान के बारे में अभी किसी पुलिस अधिकारी ने कोई जानकारी साझा नहीं की है.
पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया था. उस मोबाइल में ब्लैकमेलिंग करने से जुड़ा कोई वीडियो मिला है या नहीं, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने मोबाइल में सुसाइड से पहले अपना कोई वीडियो वाला बयान रिकॉर्ड किया है, लेकिन इस बारे में पुलिस अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से कुछ डीलीट तो नहीं किया गया है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस उनके मोबाइल को जांच के लिए आईटी एक्सपर्ट्स के पास भेज सकती है.
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घटना के दो दिन बाद भी पुलिस के किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. दूसरी तरफ साधु संत और अखाड़ा के साथ ही विपक्ष व आम जनता लगातार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड और सुसाइड लेटर को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से घटना की सीबीआई जांच कराने के लिए संस्तुति कर दी गई है.