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Vijay Sankhnad Rally: प्रियंका गांधी के हाथों में किस संकल्प का नारियल, ‘नर्मदे हर’ 2023 में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएगा - 2023 में एमपी कांग्रेस की नैया लगेगी पार

Vijay Sankhnad Madhya Pradesh: जबलपुर पहुंची प्रियंका गांधी का मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर या कहें कि 'नर्मदे हर' के सहारे एमपी कांग्रेस की विधानसभा चुनाव 2023 में नैया पार लगा पाएंगी? आइए जानते हैं कांग्रेस की राष्ट्रीय महसचिव प्रियंका गांधी के हाथों में किस संकल्प का नारियल है.

Vijay Sankhnad Madhya Pradesh
प्रियंका गांधी जबलपुर दौरा
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Published : Jun 12, 2023, 2:10 PM IST

Updated : Jun 12, 2023, 2:23 PM IST

जबलपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महसचिव प्रियंका गांधी ने ग्वारीघाट पर मां नर्मदा के पूजन के साथ ये संकेत दे दिया है कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर हिंदुत्व की राह पकड़ेगी. जबलपुर पहुंचते ही प्रियंका गांधी का पहला कार्यक्रम ग्वारीघाट का था, जहां प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की आरती उतारी. प्रियंका गांधी ने 101 ब्राम्हणों की मौजूदगी में नर्मदा का पूजन किया, हाथों में रुद्राक्ष की माला नर्मदा जल का कलश और आरती लिए प्रियंका हिंदुत्व में रची बसी नज़र आईं. उन्होंने अपने हाथों में नारियल लेकर संकल्प भी लिया, प्रियंका गांधी के इस नर्मदा पूजन के सियासी मायने भी हैं. मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 100 से ज्यादा सीटे ऐसी हैं, जो सीधे तौर पर नर्मदा नदी की आस्था और असर में हैं.

101 ब्राहणों की मौजूदगी में प्रियंका ने किया पूजन: 2018 के विधासभा चुनाव से कांग्रेस ने हिंदुत्व का जो ट्रैक पकड़ा, मध्यप्रदेश में जीत के बाद लगता है कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर उसी राह पर आगे बढ़ने की तैयारी में है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चुनाव अभियान की शुरुआत जिस ढंग से हुई है, उससे तो इसी बात के संकेत मिल रहे हैं. कांग्रेस के चुनावी शंखनाद जबलपुर पहुंची, प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की पूजा आरती के साथ चुनावी शंखनाद किया. कांग्रेस ने भी इस आयोजन को भव्य धार्मिक आयोजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस मौके के लिए एक साथ 101 ब्राम्हण ग्वारीघाट पर मंत्रोच्चार के लिए मौजूद थे, प्रियंका गांधी ने पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ मां नर्मदा का पूजन किया.

हाथ में रुद्राक्ष जल का कलश और प्रियंका की आस्था: ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की आरती उतारते हुए प्रियंका गांधी पूरी तरीके से हिंदुत्व में रची बसी दिखाई दे रही थी, उनके हाथो में रुद्राक्ष की माला थी. कलश में नर्मदा जल था और आरती लिए हुए थी. प्रियंका गांधी ने बाकायदा पूजन के समय अपना सिर भी ढंका हुआ था, उनके साथ इस मौके पर पीसीसी चीफ कमलनाथ के अलावा महाकौशल से जुडे कांग्रेस के तमाम नेता ग्वारीघाट पर मौजूद थे.

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2019 के चुनाव में प्रियंका पहुंची थी महाकाल: 2019 के आम चुनाव में जब कांग्रेस ने हिंदुत्व की हुंकार भरी थी, तब भी प्रियंका गांधी उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची थी. महाकालेश्वर में उन्होंने लंबी पूजा भी की थी, तब माना जा रहा था कि प्रियंका गांधी का उज्जैन दौरा मालवा में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करेगा. प्रियंका गांधी ने इस दौरान इंदौर में रोड शो भी किया था, हांलाकि इस दौरे का कोई खास असर नहीं पड़ा. लोकसभा चुनाव में मालवा के नतीजों में कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई थी.

  • कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी ने जबलपुर स्थित ग्वारीघाट में नर्मदा पूजन कर देश की सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। pic.twitter.com/TCWsAiDoUI

    — Congress (@INCIndia) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रियंका की नर्मदा पूजा के सियासी मायने: एमपी में नर्मदा नदी पिछले दो दशकों से राजनीति का भी केन्द्र बनी हुई है. बीजेपी कांग्रेस में नर्मदा का अवैध रेत उत्खनन सियासत का मुद्दा तो बना ही है, लेकिन नर्मदा की आस्था के बहाने इसके किनारे की विधानसभा सीटों पर दोनों पार्टियों की नजर रही है. शिवराज अपने चुनावी यात्राओं में नर्मदा बैल्ट पर खास फोकस होता है. उधर पिछले विधानसभा चुनाव में नर्मदा तीरे और उससे लगी हुई करीब 100 से ज्यादा सीटों तक पहुंचकर दिग्विजय सिंह ने भी कांग्रेस की जमीन मजबूत की थी.

जबलपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महसचिव प्रियंका गांधी ने ग्वारीघाट पर मां नर्मदा के पूजन के साथ ये संकेत दे दिया है कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर हिंदुत्व की राह पकड़ेगी. जबलपुर पहुंचते ही प्रियंका गांधी का पहला कार्यक्रम ग्वारीघाट का था, जहां प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की आरती उतारी. प्रियंका गांधी ने 101 ब्राम्हणों की मौजूदगी में नर्मदा का पूजन किया, हाथों में रुद्राक्ष की माला नर्मदा जल का कलश और आरती लिए प्रियंका हिंदुत्व में रची बसी नज़र आईं. उन्होंने अपने हाथों में नारियल लेकर संकल्प भी लिया, प्रियंका गांधी के इस नर्मदा पूजन के सियासी मायने भी हैं. मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 100 से ज्यादा सीटे ऐसी हैं, जो सीधे तौर पर नर्मदा नदी की आस्था और असर में हैं.

101 ब्राहणों की मौजूदगी में प्रियंका ने किया पूजन: 2018 के विधासभा चुनाव से कांग्रेस ने हिंदुत्व का जो ट्रैक पकड़ा, मध्यप्रदेश में जीत के बाद लगता है कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर उसी राह पर आगे बढ़ने की तैयारी में है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चुनाव अभियान की शुरुआत जिस ढंग से हुई है, उससे तो इसी बात के संकेत मिल रहे हैं. कांग्रेस के चुनावी शंखनाद जबलपुर पहुंची, प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की पूजा आरती के साथ चुनावी शंखनाद किया. कांग्रेस ने भी इस आयोजन को भव्य धार्मिक आयोजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस मौके के लिए एक साथ 101 ब्राम्हण ग्वारीघाट पर मंत्रोच्चार के लिए मौजूद थे, प्रियंका गांधी ने पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ मां नर्मदा का पूजन किया.

हाथ में रुद्राक्ष जल का कलश और प्रियंका की आस्था: ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की आरती उतारते हुए प्रियंका गांधी पूरी तरीके से हिंदुत्व में रची बसी दिखाई दे रही थी, उनके हाथो में रुद्राक्ष की माला थी. कलश में नर्मदा जल था और आरती लिए हुए थी. प्रियंका गांधी ने बाकायदा पूजन के समय अपना सिर भी ढंका हुआ था, उनके साथ इस मौके पर पीसीसी चीफ कमलनाथ के अलावा महाकौशल से जुडे कांग्रेस के तमाम नेता ग्वारीघाट पर मौजूद थे.

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2019 के चुनाव में प्रियंका पहुंची थी महाकाल: 2019 के आम चुनाव में जब कांग्रेस ने हिंदुत्व की हुंकार भरी थी, तब भी प्रियंका गांधी उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची थी. महाकालेश्वर में उन्होंने लंबी पूजा भी की थी, तब माना जा रहा था कि प्रियंका गांधी का उज्जैन दौरा मालवा में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करेगा. प्रियंका गांधी ने इस दौरान इंदौर में रोड शो भी किया था, हांलाकि इस दौरे का कोई खास असर नहीं पड़ा. लोकसभा चुनाव में मालवा के नतीजों में कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई थी.

  • कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी ने जबलपुर स्थित ग्वारीघाट में नर्मदा पूजन कर देश की सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। pic.twitter.com/TCWsAiDoUI

    — Congress (@INCIndia) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रियंका की नर्मदा पूजा के सियासी मायने: एमपी में नर्मदा नदी पिछले दो दशकों से राजनीति का भी केन्द्र बनी हुई है. बीजेपी कांग्रेस में नर्मदा का अवैध रेत उत्खनन सियासत का मुद्दा तो बना ही है, लेकिन नर्मदा की आस्था के बहाने इसके किनारे की विधानसभा सीटों पर दोनों पार्टियों की नजर रही है. शिवराज अपने चुनावी यात्राओं में नर्मदा बैल्ट पर खास फोकस होता है. उधर पिछले विधानसभा चुनाव में नर्मदा तीरे और उससे लगी हुई करीब 100 से ज्यादा सीटों तक पहुंचकर दिग्विजय सिंह ने भी कांग्रेस की जमीन मजबूत की थी.

Last Updated : Jun 12, 2023, 2:23 PM IST
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