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चारधाम यात्रा में अब तक 19 यात्रियों की मौत, केदारनाथ में 8 श्रद्धालुओं की गई जान

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Published : May 3, 2023, 7:24 PM IST

Updated : May 3, 2023, 7:58 PM IST

केदारनाथ यात्रा को शुरू हुए 9 दिन हो गए हैं. इन 9 दिनों के भीतर ही 8 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही अभी तक चारधाम यात्रा में 19 तीर्थयात्रियों की जान जा चुकी है. उधर, बर्फबारी के कारण केदारनाथ यात्रा रोकी गई है.

चारधाम यात्रा में अब तक 19 यात्रियों की मौत
केदारनाथ में भारी बर्फबारी
केदारनाथ में भारी बर्फबारी

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में बर्फबारी के कारण तापमान माइनस डिग्री में पहुंच रहा है, जिस कारण सबसे ज्यादा समस्या हार्ट के मरीजों को हो रही है. इन मरीजों को धाम में अत्यधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण समय रहते इलाज नहीं मिलने पर कुछ लोगों की मौत भी हो रही है. 9 दिनों की केदारनाथ यात्रा में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही गंगोत्री धाम में 4, यमुनोत्री धाम में 5 और बदरीनाथ धाम में 2 यात्रियों की मौत हुई है. राज्य आपदा विभाग की सूचना के अनुसार इस बार की चारधाम यात्रा में अब तक कुल 19 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

ग्लेशियर से होकर जा रहे तीर्थयात्री: बता दें कि केदारनाथ धाम में लगातार मौसम बिगड़ रहा है. जिस कारण से जो तीर्थयात्री केदारनाथ धाम दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं, उन्हें पहाड़ के नीचे की तरफ लाने में पुलिस, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट एवं पीआरडी के जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. पैदल मार्ग के लिनचोली से केदारनाथ के बीच 15 से 20 फीट तक के ग्लेशियर बने हुए हैं. इन ग्लेशियरों से होकर तीर्थयात्री निकल रहे हैं. ऐसे में इन ग्लेशियरों पर जवानों को तैनात किया गया है. ये जवान तीर्थयात्रियों को ग्लेशियरों से सुरक्षित निकाल रहे हैं.

बर्फबारी से टेंट हो रहे क्षतिग्रस्त: केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण दो सौ से ज्यादा टेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें स्थानीय लोगों के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के टेंट शामिल हैं. स्थानीय लोग किसी तरह से 6 माह तक केदारनाथ यात्रा पड़ाव के लिनचोली, बेस कैंप, रुद्रा प्वाइंट में टेंट लगाकर अपनी रोजी-रोटी का गुजारा करते हैं, लेकिन इस बार मौसम की ऐसी मार पड़ी है कि उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धाम में स्थानीय लोगों ने छोटे और बड़े टेंटों को लगाया है, जिनमें बड़े टेंटों में 10 लोग रह सकते हैं. जबकि छोटे टेंटों में 5 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में बड़ी मात्रा में टेंटों के क्षतिग्रस्त होने से धाम में तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है.

यह भी पढे़ं: उत्तराखंड में भगवान भरोसे चारधाम यात्रा, 'मिसिंग' हैं पर्यटन मंत्री, हेल्थ मिनिस्टर भी 'गायब'

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया केदारनाथ धाम में दो से ढाई सौ के करीब टेंट बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं. धाम में बिजली और पानी की व्यवस्था सही है. तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर यात्रा मैनेजमेंट, पुलिस और एसडीआरएफ के जवान तुरंत रेस्क्यू कर उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा लिनचोली से केदारनाथ के बीच बने दो बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवाजाही करवाई जा रही है.

केदारनाथ में भारी बर्फबारी

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में बर्फबारी के कारण तापमान माइनस डिग्री में पहुंच रहा है, जिस कारण सबसे ज्यादा समस्या हार्ट के मरीजों को हो रही है. इन मरीजों को धाम में अत्यधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण समय रहते इलाज नहीं मिलने पर कुछ लोगों की मौत भी हो रही है. 9 दिनों की केदारनाथ यात्रा में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही गंगोत्री धाम में 4, यमुनोत्री धाम में 5 और बदरीनाथ धाम में 2 यात्रियों की मौत हुई है. राज्य आपदा विभाग की सूचना के अनुसार इस बार की चारधाम यात्रा में अब तक कुल 19 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

ग्लेशियर से होकर जा रहे तीर्थयात्री: बता दें कि केदारनाथ धाम में लगातार मौसम बिगड़ रहा है. जिस कारण से जो तीर्थयात्री केदारनाथ धाम दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं, उन्हें पहाड़ के नीचे की तरफ लाने में पुलिस, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट एवं पीआरडी के जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. पैदल मार्ग के लिनचोली से केदारनाथ के बीच 15 से 20 फीट तक के ग्लेशियर बने हुए हैं. इन ग्लेशियरों से होकर तीर्थयात्री निकल रहे हैं. ऐसे में इन ग्लेशियरों पर जवानों को तैनात किया गया है. ये जवान तीर्थयात्रियों को ग्लेशियरों से सुरक्षित निकाल रहे हैं.

बर्फबारी से टेंट हो रहे क्षतिग्रस्त: केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण दो सौ से ज्यादा टेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें स्थानीय लोगों के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के टेंट शामिल हैं. स्थानीय लोग किसी तरह से 6 माह तक केदारनाथ यात्रा पड़ाव के लिनचोली, बेस कैंप, रुद्रा प्वाइंट में टेंट लगाकर अपनी रोजी-रोटी का गुजारा करते हैं, लेकिन इस बार मौसम की ऐसी मार पड़ी है कि उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धाम में स्थानीय लोगों ने छोटे और बड़े टेंटों को लगाया है, जिनमें बड़े टेंटों में 10 लोग रह सकते हैं. जबकि छोटे टेंटों में 5 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में बड़ी मात्रा में टेंटों के क्षतिग्रस्त होने से धाम में तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है.

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जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया केदारनाथ धाम में दो से ढाई सौ के करीब टेंट बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं. धाम में बिजली और पानी की व्यवस्था सही है. तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर यात्रा मैनेजमेंट, पुलिस और एसडीआरएफ के जवान तुरंत रेस्क्यू कर उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा लिनचोली से केदारनाथ के बीच बने दो बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवाजाही करवाई जा रही है.

Last Updated : May 3, 2023, 7:58 PM IST
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