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शहीद कैप्टन आशुतोष के पिता बोले- कब तक शहीद होते रहेंगे जवान ? - मधेपुरा के शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार

मधेपुरा के शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार के पिता ने कहा कि मुझे बेटे के शहीद होने पर गर्व है, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं ?

madhepura captain ashutosh kumar martyr in j&k
शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार
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Published : Nov 9, 2020, 5:33 PM IST

मधेपुरा : जिले के घैलाढ़ प्रखंड के रहने वाले कैप्टन आशुतोष कुमार आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद हो गए. आशुतोष दो साल पहले सेना में कैप्टन बने थे और 9 महीने से जम्मू कश्मीर में तैनात थे. कैप्टन आशुतोष समेत चार जवान शहीद हुए हैं, जिसमें बीएसएफ का जवान भी शामिल है.

जागीर टोला वार्ड-17 के रहने वाले थे शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल इलाके में आतंकियों के घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान सेना के एक कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए. हालांकि, इस दौरान सेना ने तीन आतंकियों को भी मार गिराया. शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार घैलाढ़ प्रखंड के भतरंधा परमानंदपुर पंचायत के जागीर टोला वार्ड-17 के रहने वाले थे.

देखें रिपोर्ट

शाम 5 बजे मिली शहीद होने की सूचना

मधेपुरा के शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार के पिता रविन्द्र भारती घैलाढ़ पशु अस्पताल में अनुसेवक हैं. बता दें, आशुतोष कुमार 9 महीने से बॉर्डर पर तैनात थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद कैप्टन आशुतोष के घर समेत पूरे गांव में मातम पसर गया है. आशुतोष दो बहन और एक भाई थे. आशुतोष के पिता को शाम 5 बजे के आस-पास उनके शहीद होने की सूचना मिली.

मारे गए 3 आतंकी

बता दें कि रविवार की सुबह सेना के 12 जवानों की टीम पाकिस्तान बार्डर से सटे माछिल इलाके में पेट्रोलिंग कर रही थी. इसी दौरान 5 आतंकियों को घुसपैठ करते देखा गया. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. इसमें कैप्टन आशुतोष ने 2 आतंकियों को मार गिराया. हालांकि, बाद में आतंकियों की गोलीबारी में आशुतोष समेत 4 जवान शहीद हो गए, जबकि कुछ अन्य के घायल होने की सूचना है. इस कार्रवाई में 3 आतंकी मारे गए हैं. उनके पास से एके-47 भी जब्त की गई है.

पढ़ें: एलओसी पर घुसपैठ करने की फिराक में 250-300 आतंकी : बीएसएफ एडीजी

'प्रधानमंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं ?'

वहीं, इस घटना के बाद आशुतोष के घर पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है. शहीद आशुतोष के पिता रविन्द्र कुमार भारती ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के शहीद होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं ? कब तक भारत के बेटे शहीद होते रहेंगे. स्थानीय लोगों ने भी कहा कि आशुतोष देश की रक्षा के लिए शहीद हुए हैं. इस पर हम लोगों को गर्व है. हालांकि, अब तक आशुतोष के घर पर डीएम और एसपी से लेकर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है.

मधेपुरा : जिले के घैलाढ़ प्रखंड के रहने वाले कैप्टन आशुतोष कुमार आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद हो गए. आशुतोष दो साल पहले सेना में कैप्टन बने थे और 9 महीने से जम्मू कश्मीर में तैनात थे. कैप्टन आशुतोष समेत चार जवान शहीद हुए हैं, जिसमें बीएसएफ का जवान भी शामिल है.

जागीर टोला वार्ड-17 के रहने वाले थे शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल इलाके में आतंकियों के घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान सेना के एक कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए. हालांकि, इस दौरान सेना ने तीन आतंकियों को भी मार गिराया. शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार घैलाढ़ प्रखंड के भतरंधा परमानंदपुर पंचायत के जागीर टोला वार्ड-17 के रहने वाले थे.

देखें रिपोर्ट

शाम 5 बजे मिली शहीद होने की सूचना

मधेपुरा के शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार के पिता रविन्द्र भारती घैलाढ़ पशु अस्पताल में अनुसेवक हैं. बता दें, आशुतोष कुमार 9 महीने से बॉर्डर पर तैनात थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद कैप्टन आशुतोष के घर समेत पूरे गांव में मातम पसर गया है. आशुतोष दो बहन और एक भाई थे. आशुतोष के पिता को शाम 5 बजे के आस-पास उनके शहीद होने की सूचना मिली.

मारे गए 3 आतंकी

बता दें कि रविवार की सुबह सेना के 12 जवानों की टीम पाकिस्तान बार्डर से सटे माछिल इलाके में पेट्रोलिंग कर रही थी. इसी दौरान 5 आतंकियों को घुसपैठ करते देखा गया. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. इसमें कैप्टन आशुतोष ने 2 आतंकियों को मार गिराया. हालांकि, बाद में आतंकियों की गोलीबारी में आशुतोष समेत 4 जवान शहीद हो गए, जबकि कुछ अन्य के घायल होने की सूचना है. इस कार्रवाई में 3 आतंकी मारे गए हैं. उनके पास से एके-47 भी जब्त की गई है.

पढ़ें: एलओसी पर घुसपैठ करने की फिराक में 250-300 आतंकी : बीएसएफ एडीजी

'प्रधानमंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं ?'

वहीं, इस घटना के बाद आशुतोष के घर पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है. शहीद आशुतोष के पिता रविन्द्र कुमार भारती ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के शहीद होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं ? कब तक भारत के बेटे शहीद होते रहेंगे. स्थानीय लोगों ने भी कहा कि आशुतोष देश की रक्षा के लिए शहीद हुए हैं. इस पर हम लोगों को गर्व है. हालांकि, अब तक आशुतोष के घर पर डीएम और एसपी से लेकर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है.

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