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कर्नाटक पीएसआई भर्ती घोटाला : पूर्व भाजपा नेता के पति गिरफ्तार - PSI recruitment scam CID investigation

कर्नाटक सीआईडी ने पीएसआई भर्ती घोटाले (psi recruitment scam) की जांच के सिलसिले में परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया है. नोटिस पाने वाले 50 आवेदकों में से केवल 45 ही जांचकर्ताओं के सामने पेश हुए.

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पीएसआई भर्ती घोटाला
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Published : Apr 20, 2022, 5:25 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा घोटाले (psi recruitment scam) की जांच तेज कर दी है. सीआईडी की टीम ने बीते दिनों कलबुर्गी जिले में कर्नाटक में भाजपा की महिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष दिव्या हागरागी के घर छापेमारी की. लेकिन वह घर पर मौजूद नहीं थीं. सीआईडी ने उनके पति राजेश हागरागी को हिरासत में ले लिया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

इससे पहले सीआईडी ने दिव्या हागरागी के सेंटर पर परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी वीरेश को गिरफ्तार किया था. उसने परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर 36 लाख रुपये का भुगतान किया था. बता दें, वीरेश ने पीएसआई भर्ती परीक्षा में 100 अंक हासिल किए थे और उसकी सातवीं रैंक आई थी. लेकिन वीरेश ने कथित तौर पर केवल 21 अंकों के प्रश्नों का उत्तर लिखा था.

पूर्व भाजपा नेता दिव्या द्वारा संचालित ज्ञान ज्योति संस्थान में पीएसआई भर्ती परीक्षा के दौरान अनियमितता के आरोप लगे थे. कुछ उम्मीदवारों के जाली अंक बनाए गए. सीआईडी टीम ने नौ अप्रैल को मामला दर्ज किया था. बता दें, पीएसआई (पुलिस सब इंस्पेक्टर) के 545 पदों पर भर्ती की परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और इसमें करीब 52,000 छात्र शामिल हुए थे.

कलबुर्गी केंद्र का निरीक्षक फरार
पीएसआई भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कलबुर्गी परीक्षा केंद्र के निरीक्षक और कई अन्य फरार हैं. राज्य सरकार ने सीआईडी को प्रत्येक चयनित उम्मीदवार की जांच करने और जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में रायचूर निवासी प्रवीण कुमार, रायचूर जिला जेल में जेल वार्डन चेतन नंदगांव और परीक्षा पर्यवेक्षक सिद्धम्मा और सुमा शामिल हैं.

भाजपा ने दिव्या से बनाई दूरी
भर्ती परीक्षा घोटाले में भारतीय जनता पार्टी की महिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष दिव्या हागरागी का नाम सामने आने के बाद भाजपा ने उनसे दूरी बना ली है. भाजपा का कहना है कि दिव्या पार्टी से जुड़ी नहीं थीं. एक प्रेस विज्ञप्ति में, पार्टी ने कहा है कि वह पार्टी से जुड़ी नहीं हैं. अगर वह दोषी पाई जाती हैं तो सरकार और पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि दिव्या कर्नाटक राज्य नर्सिंग काउंसिल और केंद्र सरकार की दिशा समिति की मनोनीत सदस्य हैं.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक : सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन

बेंगलुरु : कर्नाटक में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा घोटाले (psi recruitment scam) की जांच तेज कर दी है. सीआईडी की टीम ने बीते दिनों कलबुर्गी जिले में कर्नाटक में भाजपा की महिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष दिव्या हागरागी के घर छापेमारी की. लेकिन वह घर पर मौजूद नहीं थीं. सीआईडी ने उनके पति राजेश हागरागी को हिरासत में ले लिया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

इससे पहले सीआईडी ने दिव्या हागरागी के सेंटर पर परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी वीरेश को गिरफ्तार किया था. उसने परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर 36 लाख रुपये का भुगतान किया था. बता दें, वीरेश ने पीएसआई भर्ती परीक्षा में 100 अंक हासिल किए थे और उसकी सातवीं रैंक आई थी. लेकिन वीरेश ने कथित तौर पर केवल 21 अंकों के प्रश्नों का उत्तर लिखा था.

पूर्व भाजपा नेता दिव्या द्वारा संचालित ज्ञान ज्योति संस्थान में पीएसआई भर्ती परीक्षा के दौरान अनियमितता के आरोप लगे थे. कुछ उम्मीदवारों के जाली अंक बनाए गए. सीआईडी टीम ने नौ अप्रैल को मामला दर्ज किया था. बता दें, पीएसआई (पुलिस सब इंस्पेक्टर) के 545 पदों पर भर्ती की परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और इसमें करीब 52,000 छात्र शामिल हुए थे.

कलबुर्गी केंद्र का निरीक्षक फरार
पीएसआई भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कलबुर्गी परीक्षा केंद्र के निरीक्षक और कई अन्य फरार हैं. राज्य सरकार ने सीआईडी को प्रत्येक चयनित उम्मीदवार की जांच करने और जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में रायचूर निवासी प्रवीण कुमार, रायचूर जिला जेल में जेल वार्डन चेतन नंदगांव और परीक्षा पर्यवेक्षक सिद्धम्मा और सुमा शामिल हैं.

भाजपा ने दिव्या से बनाई दूरी
भर्ती परीक्षा घोटाले में भारतीय जनता पार्टी की महिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष दिव्या हागरागी का नाम सामने आने के बाद भाजपा ने उनसे दूरी बना ली है. भाजपा का कहना है कि दिव्या पार्टी से जुड़ी नहीं थीं. एक प्रेस विज्ञप्ति में, पार्टी ने कहा है कि वह पार्टी से जुड़ी नहीं हैं. अगर वह दोषी पाई जाती हैं तो सरकार और पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि दिव्या कर्नाटक राज्य नर्सिंग काउंसिल और केंद्र सरकार की दिशा समिति की मनोनीत सदस्य हैं.

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