ETV Bharat / bharat

judges training : सुप्रीम कोर्ट से मिली अनुमति, राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी को भेजें सुझाव

उच्चतम न्यायालय ने एक पूर्व न्यायिक अधिकारी को न्यायाधीशों के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में अपने सुझाव देने की अनुमति दे दी. मामला एमपी ज्यूडिशियल एकेडमी में जजों को ट्रेनिंग (judges training at MP judicial academy) दिलाने से जुड़ा है.

SC
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jan 21, 2022, 2:47 PM IST

नई दिल्ली : जजों की ट्रेनिंग का सुझाव देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि यह ऐसे मामले नहीं है जिन पर न्यायिक पक्ष में बहस की जाए. इसकी बजाए विशेषज्ञों को इन पर विचार करना चाहिए.

शुक्रवार को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ से कहा कि अध्ययन कार्यक्रम में समस्या है और इन न्यायिक अकादमियों के पाठ्यक्रम विधि स्कूल की तरह हैं. इस पर पीठ ने कहा कि इन सभी मामलों को देखने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक न्यायिक समितियों के माध्यम से इन्हें संबंधित राज्यों की न्यायिक अकादमियों में लागू करने के लिए भेज सकते हैं.

यह भी पढ़ें- आदेश के बावजूद आरोपियों को नहीं किया रिहा, SC ने लगाई यूपी सरकार को फटकार

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'इस याचिका में जोर संबंधित न्यायिक अकादमियों में दिए जा रहे प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुधारने के लिए है. हम पाते हैं कि सुझाव विचार करने योग्य हैं.' पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, 'हम याचिकाकर्ता को लिखित में अपने सुझाव राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक को देने की अनुमति देते हैं जो इसे सक्षम प्राधिकार के समक्ष आगे की प्रक्रिया के लिए रख सकते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जजों की ट्रेनिंग का सुझाव देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि यह ऐसे मामले नहीं है जिन पर न्यायिक पक्ष में बहस की जाए. इसकी बजाए विशेषज्ञों को इन पर विचार करना चाहिए.

शुक्रवार को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ से कहा कि अध्ययन कार्यक्रम में समस्या है और इन न्यायिक अकादमियों के पाठ्यक्रम विधि स्कूल की तरह हैं. इस पर पीठ ने कहा कि इन सभी मामलों को देखने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक न्यायिक समितियों के माध्यम से इन्हें संबंधित राज्यों की न्यायिक अकादमियों में लागू करने के लिए भेज सकते हैं.

यह भी पढ़ें- आदेश के बावजूद आरोपियों को नहीं किया रिहा, SC ने लगाई यूपी सरकार को फटकार

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'इस याचिका में जोर संबंधित न्यायिक अकादमियों में दिए जा रहे प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुधारने के लिए है. हम पाते हैं कि सुझाव विचार करने योग्य हैं.' पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, 'हम याचिकाकर्ता को लिखित में अपने सुझाव राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक को देने की अनुमति देते हैं जो इसे सक्षम प्राधिकार के समक्ष आगे की प्रक्रिया के लिए रख सकते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.