नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संकटग्रस्त यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के बारे में कहा कि अगर परीक्षा भारत में आयोजित की जाती तो इससे छात्रों को लाभ होता. विदेश मंत्री ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से बातचीत के बाद यह बयान दिया.
जयशंकर ने कहा, 'मैं यूक्रेन से लौटे छात्रों में से एक से मिला, और उन्होंने मुझे फीडबैक दिया कि कैसे हमारे दूतावास ने यूक्रेन में कठिन समय के दौरान उनका समर्थन किया.' जयशंकर ने कहा कि प्रतिक्रिया देने के अलावा, छात्र ने वापस जाने और अपनी पढ़ाई पूरी करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा,'मैं यूक्रेन से लौटे एक छात्र से मिला. छात्र यूक्रेन लौटकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहता था लेकिन वहां हालात अभी भी नियंत्रण में नहीं है. यदि परीक्षाएं भारत में आयोजित की जाती तो इससे छात्रों को बड़ा लाभ होता.'
इसके बाद विदेश मंत्री में 1984 के दंगों पीड़ितों से भी मुलाकात की. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'हमने 1984 के दंगों के पीड़ितों की समस्याओं को सुना. उनमें से कुछ कह रहे थे कि उनके बिजली के बिल बहुत अधिक हैं जो निश्चित रूप से उनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याएं हैं. इसे देखते हुए उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिया.'
उल्लेखनीय है कि हाल में यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा भारत के दौरे पर आईं थीं. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मेडिकल छात्रों को आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत के मेडिकल छात्रों की पढ़ाई पूरी करने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने इसके लिए भारत में परीक्षा आयोजित कराने का आश्वासन दिया था.
इस दौरान एमीन झापरोवा ने भारत के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की था. भारतीय मेडिकल छात्रों के संबंध में झापरोवा ने उल्लेख किया कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा देने की अनुमति देगा.रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद हजारों भारतीय मेडिकल छात्र वहां फंसे हुए थे, उनका भविष्य अधर में लटक गया था. उनमें से अधिकांश छात्रों को यूक्रेन से भारत लाया गया था.
(एएनआई)