नई दिल्ली : सोशल मीडिया जगत से बड़ी खबर यह है कि ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी ने (Twitter CEO Jack Dorsey resigns) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब उनकी जगह पराग अग्रवाल ट्वीटर के नए सीईओ (Twitter CEO Parag Agrawal), मुख्य कार्यपालक अधिकारी, (Parag Aggarwal Chief Executive Officer of Twitter) होंगे. जैक डॉर्सी अपने उत्तराधिकारी पराग को ट्वीटर के सीईओ पद की कमान सौपेंगे. यह फैसला तब लिया गया है जब ट्विटर ने अपने प्रतिद्वंद्वियों का सामना करने के लिए बीते एक साल में कई इनोवेशन किए हैं.
जानकारी के अनुसार ट्विटर ने फेसबुक और टिकटॉक जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ बाजार में बने रहने और 2023 तक अपना सालाना राजस्व दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए कई नए उपाय किए हैं.
ट्विटर की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. इसमें जैक डॉर्सी ने कहा कि उन्होंने ट्वीटर में कई पदों पर जिम्मेदारी को निभाया है. उन्होंने कहा कि पहले को-फाउंडर से सीईओ की भूमिका निभाई. फिर चेयरमैन के पद पर रहा. इसके बाद एक्जीक्यूटिव चेयरमैन, फिर अंतरिम सीईओ के पद पर रहा.
उन्होंने कहा कि मैंने सीईओ के तौर पर करीब 16 साल तक काम किया, लेकिन अब मैंने फैसला किया है कि कंपनी को अलविदा कहने का समय आ गया है. लिहाजा मेरे उत्तराधिकारी यानी पराग अग्रवाल अब हमारे नए सीईओ होंगे.
अग्रवाल इस समय ट्विटर के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) हैं. डॉर्सी 2022 में अपना कार्यकाल पूरा होने तक निदेशक मंडल में बने रहेंगे. अग्रवाल ने ट्विटर लिखा कि वह अपनी नियुक्ति को लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं एवं खुश हैं और उन्होंने डॉर्सी के निरंतर मार्गदर्शन एवं दोस्ती के लिए उनका आभार व्यक्त किया.
आईआईटी-बंबई और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र अग्रवाल 2011 से ट्विटर में काम कर रहे हैं और 2017 से कंपनी के सीटीओ हैं. जब वह कंपनी में शामिल हुए थे तब कर्मचारियों की संख्या 1000 से भी कम थी.
डॉर्सी ने अपने ट्विटर पेज पर डाले एक पत्र में लिखा कि वह कंपनी छोड़ने को लेकर काफी दुखी लेकिन काफी खुश भी हैं और यह उनका अपना फैसला है. इससे पहले डॉर्सी के पद छोड़ने की खबर के बाद ट्विटर के शेयरों में उछाल आ गया.
डॉर्सी ने रविवार को ट्विटर पर लिखा था कि मुझे ट्विटर बहुत प्रिय है. डॉर्सी स्क्वॉयर नाम की एक दूसरी कंपनी के भी शीर्ष कार्यकारी हैं. उन्होंने इस वित्तीय भुगतान सेवा प्रदाता कंपनी की स्थापना की थी. कुछ बड़े निवेशकों ने खुलकर यह सवाल उठाया था कि डॉर्सी कैसे कारगर तरीके से दोनों ही कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं.