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Israel and Hamas War : तबाही जैसा मंजर, क्या है इजराइल और हमास के संघर्ष की असली कहानी, समझें - इजराइल हमास युद्ध

इजराइल और हमास के बीच जंग छिड़ चुकी है. दोनों ही ओर से हमले जारी हैं. आसपास के क्षेत्रों में तबाही जैसा मंजर है. गलियां रक्तरंजित लग रहीं हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हमास क्या है और हमास और इजराइल के बीच विवाद की मुख्य वजह क्या है.

israel hamas
इजराइल हमास
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2023, 6:33 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 2:01 PM IST

नई दिल्ली : इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ चुका है. हमास के हमले में इजराइल के 400 से अधिक लोग मारे गए, जबकि दो हजार से अधिक घायल बताए जा रहे हैं. जवाबी हमले में इजराइल ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इजराइली एयरफोर्स ने हमास के इलाके में ताबड़तोड़ हमला जारी रखा है. हमास ने भी इस हमले का फिर से जवाब देने की बात कही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हमास क्या है और हमास और इजराइल के बीच विवाद की मुख्य वजह क्या है.

  • #WATCH | Tel Aviv: On Hamas terrorists' attack on Israel, Spokesperson, Israel Defense Forces (IDF), Major Libby Weiss says, "We know that Hamas is a terrorist organisation. They talk very regularly about wanting to wipe Israel off the map, to target Israeli civilians. They have… pic.twitter.com/OfMrHLGFMA

    — ANI (@ANI) October 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हमास क्या है - हमास एक उग्रवादी (चरमपंथी) संगठन है. यह इस्लाम धर्म को मानता है. फिलिस्तीन के लिए काम करता है. इसकी स्थापना 1987 में शेख अहमद यासीन ने की थी. हमास मुख्य रूप से गाजा से काम करता है. इसका मकसद इस इलाके में इस्लामी राज्य की स्थापना करना है. यह इजराइलियों को फिलिस्तीन इलाके से निकालना चाहता है. इसने अभी तक इजराइल को मान्यता नहीं दी है. हमास दो भागों में विभक्त है. उसका एक हिस्सा गाजा से और दूसरा हिस्सा वेस्ट बैंक से काम करता है. इजराइल के पूर्वी इलाके में वेस्ट बैंक है. यहां से फिलिस्तीन नेशनल ऑथोरिटी काम करती है. यूएन ने इसे मान्यता दी है. हमास के पास कई तरह के घातक हथियार हैं. वह प्रायः रॉकेट से हमला करता है. मोर्टार और मिसाइल से भी हमले करता रहा है. उसे मध्य पूर्व के देशों से समर्थन मिलता है.

क्या है विवाद की असली कहानी - प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य की हार हुई तो फिलिस्तीनी इलाके पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने यहूदियों के लिए एक एरिया निर्धारित किया. यह वह जगह था जहां पर इस्लाम, यहूदी और ईसाई तीनों दावा करते थे. इस इलाके में फिलिस्तीनियों का दबदबा था. वह मूल रूप से अरब के हैं. यहूदी अल्पसंख्यक के तौर पर रहते थे. तभी से विवाद चला आ रहा है. फिलिस्तीनियों ने यहूदी को यहां से हटाने का निर्णय लिया. जबकि यहूदियों ने इसे अपना मूल स्थान मानकर यहां से कहीं भी नहीं जाने का फैसला किया है. अंग्रेजों ने पूरे एरिया में भ्रम की स्थिति बना दी और उसके बाद वे यहां से निकल गए. अंग्रेज चाहते तो इस एरिया को सेटल करने के बाद एग्जिट कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया.

1948 में इजराइल की औपचारिक रूप से स्थापना की गई. इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच तभी से संघर्ष जारी है. 1948 में जिस संघर्ष की शुरुआत हुई, उसके बाद इजराइल, जॉर्डन और मिस्र तीनों ने अपना-अपना एरिया निर्धारित कर लिया. जॉर्डन के इलाके में जो जमीन पड़ी, उसे वेस्ट बैंक नाम दिया गया. मिस्र के कब्जे वाले इलाके को गाजा पट्टी नाम दिया गया. यरुसलम को इजराइल और जॉर्डन ने बांट लिया. लेकिन फिलिस्तीनी इस बंटवारे से नाराज थे.

  • Hamas terrorists have entered Ofakim a full 20-30 kilometres from Gaza inside the Negev desert. The map plots major attacks today - deep deep inside israel pic.twitter.com/cm3o1qjbLL

    — Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) October 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

1967 में मध्य पूर्व के कई देशों ने मिलकर इजराइल पर हमला किया. युद्ध के दौरान इजराइल ने गाजा और वेस्ट बैंक दोनों ही एरिया पर कब्जा कर लिया. वेस्ट बैंक पर अभी तक इजराइल का कब्जा है. गाजा पर कब्जा छोड़ दिया. इजराइल ने पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी घोषित कर दिया. वेस्ट बैंक को फिलिस्तीन अपनी राजधानी घोषित करना चाहता है. फिलहाल यहीं से ये काम भी करते हैं.

क्या है अल अक्सा विवाद - मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थल है. इसे अल-हरम-अल-शरीफ कहा जाता है. ईसाइयों का मानना है कि यहीं पर ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था. यहूदी भी इसे टेंपल माउंट कहते हैं. उनका सबसे पवित्र स्थल डोम ऑफ द रॉक यहीं पर है.

हमास और इजराइल के बीच कब-कब हुआ भीषण संघर्ष, एक नजर

अगस्त 2005- 38 साल बाद इजराइल ने 2005 में गाजा पट्टी पर से कब्जा छोड़ दिया. इसने मध्य-पूर्व युद्ध के दौरान मिस्र से गाजा पट्टी छीन ली थी. तब से इस एरिया पर फिलिस्तीनियों के नियंत्रण में है.

25 जनवरी 2006 - फिलिस्तीनी लेजिस्लेटिव चुनाव में हमास की जीत. इजराइल और अमेरिका ने फिलिस्तीन को दी जाने वाली मदद पर रोक लगा दी, क्योंकि हमास ने न तो इजराइल को मान्यता दी और न ही हिंसा का रास्ता छोड़ा.

25 जून 2006 - हमास ने गाजा से बाहर निकलकर इजराइली सैनिक गिलाद शालित को किडनैप कर लिया. इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की. पांच साल बाद शालित को कैदियों की अदला-बदली के दौरान छोड़ा गया.

14 जून 2007 - सिविल वॉर के बीच हमास ने गाजा पर कब्जा कर लिया. यहां से फिलिस्तीन के प्रेसिडेंट मो. अब्बास के विश्वस्त युद्धाओं, फतह, को खदेड़ दिया. फतह मुख्य रूप से वेस्ट बैंक में रहते हैं.

17 दिसंबर 2008 - दक्षिणी इजराइल शहर एसेडेरॉट पर फिलिस्तीनियों के हमले के बाद इजराइल ने 22 दिनों तक मिलिट्री अभियान चलाया. इस दौरान करीब 1400 फिलिस्तीनी और 13 इजराइली मारे गए.

14 नवंबर 2012 - इजराइल ने हमास मिलिट्री प्रमुख अहमद जबारी को मार गिराया गया. इसके बाद आठ दिनों तक दोनों देशों के बीच रॉकेट और हवाई हमले जारी रहे.

जुलाई - अगस्त 2014 - हमास ने इजराइल के तीन बच्चों को किडनैप कर लिया. उनकी हत्या कर दी. जवाबी कार्रवाई में गाजा में 2100 फिलिस्तीनी मारे गए. 73 इजराइली भी मारे गए, जिनमें 67 सैनिक शामिल थे.

मार्च 2018 - गाजा की घेरेबंदी करने पर फिलिस्तीनियों का विरोध प्रदर्शन, इजराइली सेना ने उन्हें भगाने के लिए गोलीबारी की. 170 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए.

मई 2021 - रमजान के महीने में यरुशलम स्थित अल अक्सा कंपाउंड में इजराइली सेना की कार्रवाई में सौ से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए. अल अक्सा मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. अल अक्सा से इजराइली कब्जे को हटाने को लेकर हमास ने गाजा से हमला किया. इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की. 11 दिनों तक चले इस हमले में गाजा के 250 लोग मारे गए, जबकि 13 इजराइली मारे गए.

5 अगस्त 2022 - गाजा पर किए गए हमले में इजराइल ने 10 से ज्यादा लोगों को मार गिराया. हमले में इस्लामिक जिहाद कमांडर भी मारा गया. इजराइल पर इस्लामिक जिहाद की ओर कई रॉकेट दागे गए. इस बार हमास ने हमले में भागीदारी नहीं की.

6 अगस्त 2022 - इस्लामिक जिहाद की फायरिंग. इजराइल का जवाब. गाजा में 24 की मौत. छह बच्चे भी मारे गए.

7 अगस्त 2022 - गाजा से रॉकेट से किया गया हमला, यरुशलम से पांच किलोमीटर दूर तक गिरा रॉकेट. गाजा में मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंची.

जनवरी 2023 - गाजा आतंकवादियों द्वारा रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने किया हवाई हमला. जेनिन में 10 फिलिस्तीनी मारे गए. मरने वालों में 61 वर्षीय महिला भी शामिल थी.

2 फरवरी, 2023 - फिलिस्तीनी क्षेत्र से रॉकेट हमला. इजराइल का जवाब. एसेडेरॉट, इविम और निर अम में सायरन बजा. इजराइली डिफेंस ने हमले को रोक लिया. उसके बाद जवाबी हमला किया. हमास की उस फैक्ट्री पर हमला किया, जहां पर कैमिकल का प्रोडक्शन किया जा रहा था.

मार्च 2023 - 13 मई को इजराइल और गाजा उग्रवादियों के बीच सीजफायर. इससे ठीक पहले 33 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी. दो इजराइली भी मारे गए.

26 सितंबर 2023 - इजराइली आर्मी ने हमास मिलिट्री पोस्ट पर हमला किया. गाजा पर ड्रोन से हमला किया गया. जब से इजराइल ने गाजा के एरेज क्रॉसिंग को बंद किया है, तब से हमास हर दिन इसका विरोध कर रहा है.

ये भी पढ़ें : Hamas attack on Israel : कोई नया मुद्दा नहीं, टाइमिंग बता रही है कि हमले के पीछे है भूराजनीतिक एंगल

नई दिल्ली : इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ चुका है. हमास के हमले में इजराइल के 400 से अधिक लोग मारे गए, जबकि दो हजार से अधिक घायल बताए जा रहे हैं. जवाबी हमले में इजराइल ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इजराइली एयरफोर्स ने हमास के इलाके में ताबड़तोड़ हमला जारी रखा है. हमास ने भी इस हमले का फिर से जवाब देने की बात कही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हमास क्या है और हमास और इजराइल के बीच विवाद की मुख्य वजह क्या है.

  • #WATCH | Tel Aviv: On Hamas terrorists' attack on Israel, Spokesperson, Israel Defense Forces (IDF), Major Libby Weiss says, "We know that Hamas is a terrorist organisation. They talk very regularly about wanting to wipe Israel off the map, to target Israeli civilians. They have… pic.twitter.com/OfMrHLGFMA

    — ANI (@ANI) October 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हमास क्या है - हमास एक उग्रवादी (चरमपंथी) संगठन है. यह इस्लाम धर्म को मानता है. फिलिस्तीन के लिए काम करता है. इसकी स्थापना 1987 में शेख अहमद यासीन ने की थी. हमास मुख्य रूप से गाजा से काम करता है. इसका मकसद इस इलाके में इस्लामी राज्य की स्थापना करना है. यह इजराइलियों को फिलिस्तीन इलाके से निकालना चाहता है. इसने अभी तक इजराइल को मान्यता नहीं दी है. हमास दो भागों में विभक्त है. उसका एक हिस्सा गाजा से और दूसरा हिस्सा वेस्ट बैंक से काम करता है. इजराइल के पूर्वी इलाके में वेस्ट बैंक है. यहां से फिलिस्तीन नेशनल ऑथोरिटी काम करती है. यूएन ने इसे मान्यता दी है. हमास के पास कई तरह के घातक हथियार हैं. वह प्रायः रॉकेट से हमला करता है. मोर्टार और मिसाइल से भी हमले करता रहा है. उसे मध्य पूर्व के देशों से समर्थन मिलता है.

क्या है विवाद की असली कहानी - प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य की हार हुई तो फिलिस्तीनी इलाके पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने यहूदियों के लिए एक एरिया निर्धारित किया. यह वह जगह था जहां पर इस्लाम, यहूदी और ईसाई तीनों दावा करते थे. इस इलाके में फिलिस्तीनियों का दबदबा था. वह मूल रूप से अरब के हैं. यहूदी अल्पसंख्यक के तौर पर रहते थे. तभी से विवाद चला आ रहा है. फिलिस्तीनियों ने यहूदी को यहां से हटाने का निर्णय लिया. जबकि यहूदियों ने इसे अपना मूल स्थान मानकर यहां से कहीं भी नहीं जाने का फैसला किया है. अंग्रेजों ने पूरे एरिया में भ्रम की स्थिति बना दी और उसके बाद वे यहां से निकल गए. अंग्रेज चाहते तो इस एरिया को सेटल करने के बाद एग्जिट कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया.

1948 में इजराइल की औपचारिक रूप से स्थापना की गई. इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच तभी से संघर्ष जारी है. 1948 में जिस संघर्ष की शुरुआत हुई, उसके बाद इजराइल, जॉर्डन और मिस्र तीनों ने अपना-अपना एरिया निर्धारित कर लिया. जॉर्डन के इलाके में जो जमीन पड़ी, उसे वेस्ट बैंक नाम दिया गया. मिस्र के कब्जे वाले इलाके को गाजा पट्टी नाम दिया गया. यरुसलम को इजराइल और जॉर्डन ने बांट लिया. लेकिन फिलिस्तीनी इस बंटवारे से नाराज थे.

  • Hamas terrorists have entered Ofakim a full 20-30 kilometres from Gaza inside the Negev desert. The map plots major attacks today - deep deep inside israel pic.twitter.com/cm3o1qjbLL

    — Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) October 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

1967 में मध्य पूर्व के कई देशों ने मिलकर इजराइल पर हमला किया. युद्ध के दौरान इजराइल ने गाजा और वेस्ट बैंक दोनों ही एरिया पर कब्जा कर लिया. वेस्ट बैंक पर अभी तक इजराइल का कब्जा है. गाजा पर कब्जा छोड़ दिया. इजराइल ने पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी घोषित कर दिया. वेस्ट बैंक को फिलिस्तीन अपनी राजधानी घोषित करना चाहता है. फिलहाल यहीं से ये काम भी करते हैं.

क्या है अल अक्सा विवाद - मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थल है. इसे अल-हरम-अल-शरीफ कहा जाता है. ईसाइयों का मानना है कि यहीं पर ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था. यहूदी भी इसे टेंपल माउंट कहते हैं. उनका सबसे पवित्र स्थल डोम ऑफ द रॉक यहीं पर है.

हमास और इजराइल के बीच कब-कब हुआ भीषण संघर्ष, एक नजर

अगस्त 2005- 38 साल बाद इजराइल ने 2005 में गाजा पट्टी पर से कब्जा छोड़ दिया. इसने मध्य-पूर्व युद्ध के दौरान मिस्र से गाजा पट्टी छीन ली थी. तब से इस एरिया पर फिलिस्तीनियों के नियंत्रण में है.

25 जनवरी 2006 - फिलिस्तीनी लेजिस्लेटिव चुनाव में हमास की जीत. इजराइल और अमेरिका ने फिलिस्तीन को दी जाने वाली मदद पर रोक लगा दी, क्योंकि हमास ने न तो इजराइल को मान्यता दी और न ही हिंसा का रास्ता छोड़ा.

25 जून 2006 - हमास ने गाजा से बाहर निकलकर इजराइली सैनिक गिलाद शालित को किडनैप कर लिया. इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की. पांच साल बाद शालित को कैदियों की अदला-बदली के दौरान छोड़ा गया.

14 जून 2007 - सिविल वॉर के बीच हमास ने गाजा पर कब्जा कर लिया. यहां से फिलिस्तीन के प्रेसिडेंट मो. अब्बास के विश्वस्त युद्धाओं, फतह, को खदेड़ दिया. फतह मुख्य रूप से वेस्ट बैंक में रहते हैं.

17 दिसंबर 2008 - दक्षिणी इजराइल शहर एसेडेरॉट पर फिलिस्तीनियों के हमले के बाद इजराइल ने 22 दिनों तक मिलिट्री अभियान चलाया. इस दौरान करीब 1400 फिलिस्तीनी और 13 इजराइली मारे गए.

14 नवंबर 2012 - इजराइल ने हमास मिलिट्री प्रमुख अहमद जबारी को मार गिराया गया. इसके बाद आठ दिनों तक दोनों देशों के बीच रॉकेट और हवाई हमले जारी रहे.

जुलाई - अगस्त 2014 - हमास ने इजराइल के तीन बच्चों को किडनैप कर लिया. उनकी हत्या कर दी. जवाबी कार्रवाई में गाजा में 2100 फिलिस्तीनी मारे गए. 73 इजराइली भी मारे गए, जिनमें 67 सैनिक शामिल थे.

मार्च 2018 - गाजा की घेरेबंदी करने पर फिलिस्तीनियों का विरोध प्रदर्शन, इजराइली सेना ने उन्हें भगाने के लिए गोलीबारी की. 170 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए.

मई 2021 - रमजान के महीने में यरुशलम स्थित अल अक्सा कंपाउंड में इजराइली सेना की कार्रवाई में सौ से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए. अल अक्सा मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. अल अक्सा से इजराइली कब्जे को हटाने को लेकर हमास ने गाजा से हमला किया. इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की. 11 दिनों तक चले इस हमले में गाजा के 250 लोग मारे गए, जबकि 13 इजराइली मारे गए.

5 अगस्त 2022 - गाजा पर किए गए हमले में इजराइल ने 10 से ज्यादा लोगों को मार गिराया. हमले में इस्लामिक जिहाद कमांडर भी मारा गया. इजराइल पर इस्लामिक जिहाद की ओर कई रॉकेट दागे गए. इस बार हमास ने हमले में भागीदारी नहीं की.

6 अगस्त 2022 - इस्लामिक जिहाद की फायरिंग. इजराइल का जवाब. गाजा में 24 की मौत. छह बच्चे भी मारे गए.

7 अगस्त 2022 - गाजा से रॉकेट से किया गया हमला, यरुशलम से पांच किलोमीटर दूर तक गिरा रॉकेट. गाजा में मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंची.

जनवरी 2023 - गाजा आतंकवादियों द्वारा रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने किया हवाई हमला. जेनिन में 10 फिलिस्तीनी मारे गए. मरने वालों में 61 वर्षीय महिला भी शामिल थी.

2 फरवरी, 2023 - फिलिस्तीनी क्षेत्र से रॉकेट हमला. इजराइल का जवाब. एसेडेरॉट, इविम और निर अम में सायरन बजा. इजराइली डिफेंस ने हमले को रोक लिया. उसके बाद जवाबी हमला किया. हमास की उस फैक्ट्री पर हमला किया, जहां पर कैमिकल का प्रोडक्शन किया जा रहा था.

मार्च 2023 - 13 मई को इजराइल और गाजा उग्रवादियों के बीच सीजफायर. इससे ठीक पहले 33 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी. दो इजराइली भी मारे गए.

26 सितंबर 2023 - इजराइली आर्मी ने हमास मिलिट्री पोस्ट पर हमला किया. गाजा पर ड्रोन से हमला किया गया. जब से इजराइल ने गाजा के एरेज क्रॉसिंग को बंद किया है, तब से हमास हर दिन इसका विरोध कर रहा है.

ये भी पढ़ें : Hamas attack on Israel : कोई नया मुद्दा नहीं, टाइमिंग बता रही है कि हमले के पीछे है भूराजनीतिक एंगल

Last Updated : Oct 10, 2023, 2:01 PM IST
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