नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने कनाडा सरकार द्वारा देश के ट्रक चालकों के विरोध को दबाने के लिए आपात कानून लागू करने पर ध्यान दिया है और वह कनाडा के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग घटनाक्रम को लगातार करीब से देख रहा है. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'हम कनाडा में नाकेबंदी और विरोध प्रदर्शन से संबंधित घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. हमने देखा है कि कनाडा की सरकार ने वास्तव में आपातकालीन अधिनियम लागू किया है.'
बागची ने दोहराया कि 8 फरवरी 2022 को ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कनाडा में भारतीय नागरिकों और कनाडा की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए एक सलाह जारी की, जिसमें उन्हें सावधानी बरतने और सतर्क रहने के लिए कहा गया. उनसे कहा गया है कि वह उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां प्रदर्शन और बड़ी सभाएं हो रही हैं. हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संसद में कनाडा के पीएम ट्रूडो के भाषण पर टिप्पणी करने से परहेज किया.
दरअसल ट्रूडो ने इस महीने की शुरुआत में कनाडा की संसद में भाषण में कहा, ' कुछ व्यक्ति हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे लोकतंत्र और हमारे साथी नागरिकों के दैनिक जीवन को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं, इसे रोकना होगा.'
ट्विटर पर उन्होंने कहा, 'कनाडाई लोगों को विरोध करने का अधिकार है. उनकी सरकार से असहमत होने के लिए,और उनकी आवाज सुनने के लिए. हम हमेशा उस अधिकार की रक्षा करेंगे. लेकिन आइए स्पष्ट करें: उन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे लोकतंत्र, या हमारे साथी नागरिकों के दैनिक जीवन को अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं है. इसे रोकना होगा.'
इस बीच, कनाडा में आपातकालीन अधिनियम पर चिंता व्यक्त करते हुए, कनाडा भारत वैश्विक मंच ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत में किसानों के विरोध को संभालने के तरीके का पालन करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने सोमवार को इमरजेन्सी एक्ट (Emergency Act) लागू कर दिया था. पीएम ट्रूडो ने यह कदम कोविड-19 महामारी प्रतिबंधों के खिलाफ चल रही ट्रक ड्राइवरों की नाकेबंदी और विरोध को संभालने के लिए संघीय सरकार को अतिरिक्त अधिकार देने के लिए उठाया था.
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दिसंबर 2020 में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canadian PM Trudeau) भारत के आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में आए थे और कहा था कि उनका देश शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहेगा। इस बयान से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत ने भारतीय किसानों को समर्थन देने वाली टिप्पणियों के लिए ट्रूडो पर निशाना साधा था और इन्हें 'अनुचित' करार देते हुए कहा था यह भारत का आंतरिक मामला है.