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केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक के दाखिले की उम्रसीमा बढ़ाने पर HC ने मांगा जवाब - केंद्रीय विद्यालय में कक्षा में दाखिला

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय संगठन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. दरअसल, यह नोटिस केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक में दाखिले की उम्र सीमा को लेकर है.

Delhi High Court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Mar 8, 2022, 6:37 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 7:43 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालय में इस साल कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा 5 साल से बढ़ाकर छह साल कर दी गई है, वहीं अधिकतम उम्रसीमा सात साल से बढ़ाकर आठ साल कर दी गई है. दाखिले की उम्रसीमा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

मंगलवार को जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 10 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

याचिका आरिन नामक छात्रा की ओर से दायर की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि आयु मानदंड में बदलाव संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21-ए के तहत याचिकाकर्ता को प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का तथा दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 और बच्चों को निशुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन है. न्यूनतम आयु पहले 5 वर्ष थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन का आदेश मनमाना और गैरकानूनी है.

अशोक अग्रवाल ने दावा किया कि केवीएस ने अचानक से कक्षा-1 में प्रवेश के आयु मानदंड को बढ़ाकर छह साल कर दिया और पिछले महीने प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से महज चार दिन पहले केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए उनके पोर्टल पर दिशानिर्देश डाले गए. याचिका में इस बदलाव को मनमाना, भेदभावपूर्ण, अनुचित, अतर्कसंगत कहा गया है.

अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के आदेश से छात्रों के अभिभावक परेशान हैं. चार मार्च 2022 को केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से कहा गया था कि याचिकाकर्ता को नई शिक्षा नीति को चुनौती देनी चाहिए.

ये भी पढ़ें : Kendriya Vidyalaya Sangathan का फैसला कोरोना में माता-पिता खो चुके बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता

याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि वो नई शिक्षा नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं. क्योंकि पहले तो वो कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है और दूसरा यह कि नई शिक्षा नीति में पहली कक्षा के लिए उम्र सीमा छह साल करने का जिक्र कहीं नहीं है. अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन नई शिक्षा नीति की गलत व्याख्या कर रही है. बता दें कि केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए उम्र सीमा पहले पांच से सात साल थी जो अब इसे बढ़ाकर छह से आठ साल कर दिया गया है.

नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालय में इस साल कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा 5 साल से बढ़ाकर छह साल कर दी गई है, वहीं अधिकतम उम्रसीमा सात साल से बढ़ाकर आठ साल कर दी गई है. दाखिले की उम्रसीमा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

मंगलवार को जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 10 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

याचिका आरिन नामक छात्रा की ओर से दायर की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि आयु मानदंड में बदलाव संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21-ए के तहत याचिकाकर्ता को प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का तथा दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 और बच्चों को निशुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन है. न्यूनतम आयु पहले 5 वर्ष थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन का आदेश मनमाना और गैरकानूनी है.

अशोक अग्रवाल ने दावा किया कि केवीएस ने अचानक से कक्षा-1 में प्रवेश के आयु मानदंड को बढ़ाकर छह साल कर दिया और पिछले महीने प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से महज चार दिन पहले केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए उनके पोर्टल पर दिशानिर्देश डाले गए. याचिका में इस बदलाव को मनमाना, भेदभावपूर्ण, अनुचित, अतर्कसंगत कहा गया है.

अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के आदेश से छात्रों के अभिभावक परेशान हैं. चार मार्च 2022 को केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से कहा गया था कि याचिकाकर्ता को नई शिक्षा नीति को चुनौती देनी चाहिए.

ये भी पढ़ें : Kendriya Vidyalaya Sangathan का फैसला कोरोना में माता-पिता खो चुके बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता

याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि वो नई शिक्षा नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं. क्योंकि पहले तो वो कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है और दूसरा यह कि नई शिक्षा नीति में पहली कक्षा के लिए उम्र सीमा छह साल करने का जिक्र कहीं नहीं है. अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन नई शिक्षा नीति की गलत व्याख्या कर रही है. बता दें कि केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए उम्र सीमा पहले पांच से सात साल थी जो अब इसे बढ़ाकर छह से आठ साल कर दिया गया है.

Last Updated : Mar 8, 2022, 7:43 PM IST
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