गोरखपुर : दुश्मनों के बंकरों को तहस-नहस करना हो या उन पर गोलियां बरसानी हो, नैनो रोबो टैंक यह काम बखूबी कर सकता है. डेढ़ किलो का यह टैंक बिना दुश्मनों की नजर में आए ही उन पर हमला कर सकता है. अहम बात ये है कि इसे 300 मीटर की दूरी से ही ऑपरेट किया जा सकता है. इस टैंक को इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के 6 स्टूडेंट ने बनाया है. यह टैंक सेना के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है.
300 मीटर की दूरी से किया जाएगा ऑपरेट : इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा से बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के 6 छात्र-छात्राओं ने मिलकर सेना के जवानों के लिए नैनो रोबो टैंक तैयार किया है. यह आकार में काफी छोटा है. इसका वजन करीब डेढ़ किलोग्राम ही है. छोटा होने के बावजूद यह टैंक काफी ताकतवर है. इसमें दुश्मनों के बंकर को और उनके टैंक को नष्ट करने की भी क्षमता है. छात्र अमित श्रीवास्तव, मुस्कान शेख, अमृता कुमारी, अभिषेक गुप्ता, शालिनी, सिद्धार्थ मौर्या ने इस टैंक को तैयार किया है. टैंक में लगे गन को वायरलेस सिस्टम की मदद से 300 मीटर की दूरी से ऑपरेट किया जा सकता है. बिना इंटरनेट की मदद के कैमरे व स्क्रीन की सहायता से दुश्मन की नजर में आए बिना इसे कमांड दिया जा सकता है. छात्रों ने इस टैंक को संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय के निर्देशन में तैयार किया है.
बनाने में आया 18 हजार का खर्च : असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय ने बताया कि ये नैनो टैंक दुश्मन के बिछाए लैंडमाइन को भी नष्ट कर सकता है. रेडियो रिमोट ऑपरेटिंग सिस्टम से लैस ये नैनो टैंक दुश्मन की गतिविधि पर नजर भी रख सकता है. इसे बनाने में करीब 18 हजार रुपये का खर्च आया. 15 दिनों में इसे तैयार किया गया. टैंक को बनाने में गियर मोटर, गन बैरल पाइप, रेडियो रिमोट, 3.7 वोल्टेज बैट्री, मिनी एलसीडी स्क्रीन, इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर, रेडियो कैमरा आदि उपकरणों का प्रयोग किया गया है. संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि ITM कॉलेज में इन्नोवेशन सेंटर है. यहां छात्र अपने नए-नए आइडिया पर कार्य करते रहते हैं. यहां वह देश और समाज के लिए उपयोगी यंत्रों का निर्माण करते हैं. संस्थान के छात्रों ने देश के जवानों की सुरक्षा के लिए नैनो रोबो आर्मी टैंक तैयार किया है.
सेना के मुख्यालय में भेजा गया टैंक : डॉ. एनके सिंह ने बताया कि इसके पहले भी यहां के छात्र ऑटोमेटिक बैरल गन, सेंसर सिक्योरिटी जैकेट, फायरप्रूफ कैंप, जैसे कई चीजें बना चुके हैं. वह अपनी टेक्नोलॉजी संस्थान के माध्यम से सेना के हेड क्वार्टर को भी भेजे हैं. वहां से टैंक वाला प्रोजेक्ट स्वीकार किया गया है. आगे का निर्णय सेना मुख्यालय स्तर से होना है. असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय ने बताया कि कंप्यूटर एप्लीकेशन के इन छात्र-छात्राओं के मन में जो जिज्ञासा जगी, उसको धरातल पर उतारने का काम किया गया. प्रोजेक्ट के लिए जिन भी वस्तुओं की आवश्यकता हुई उसे इनोवेशन सेंटर के जरिए ही उपलब्ध कराया गया. नैनो रोबो टैंक का प्रदर्शन लाजवाब है. संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल आदि लोगों ने खास टैंक के निर्माण पर खुशी जताई है.
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