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G-20 देशों के मंत्रियों को डिनर में परोसा जाएगा खास बनारसी जायका, देखें मेन्यू में क्या-क्या रहेगा

वाराणसी में जी-20 सम्मेलन की तैयारियां जोर-शोर से की चल रही हैं. मेहमानों को क्या खिलाया और पिलाया जाएगा, इसका मेन्यू लगभग तैयार हो गया है. आईए जानते हैं मेहमानों का स्वागत कैसे होगा.

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Published : Jun 9, 2023, 12:50 PM IST

वाराणसी में आने वाले जी-20 देशों के मेहमानों के स्वागत पर संवाददाता गोपाल मिश्र की रिपोर्ट

वाराणसी: जी-20 की बैठक के लिए वाराणसी एक बार फिर से तैयार है. अप्रैल में हुई बैठक के बाद जी-20 की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक वाराणसी में होने जा रही है. डेवलपमेंट मिनिस्टर्स की इस कांफ्रेंस का आयोजन 11 से 13 जून तक वाराणसी में होने वाला है. इसमें हिस्सा लेने के लिए जी-20 देशों से मंत्रियों के अलावा विभिन्न विभागों के प्रमुखों के अतिरिक्त विदेशी प्रतिनिधियों और विदेशी पत्रकारों का आगमन वाराणसी में होने जा रहा है. जिला प्रशासन ने वाराणसी के चप्पे-चप्पे को चमकाने के साथ ही आने वाले मेहमानों के भव्य स्वागत की तैयारी की है.

यूपी की संस्कृति और स्वागत के तरीकों को ध्यान में रखते हुए लखनऊ और आगरा से भी ज्यादा भव्य आयोजन करने की योजना वाराणसी में की गई है. इसके लिए बीते 2 दिन तक लगातार कैबिनेट मंत्री एके शर्मा समेत कई अधिकारियों ने वाराणसी में ही डेरा डाल रखा था और तैयारियों का जायजा लेते हुए छोटी-छोटी चीजों को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. फिलहाल मेहमानों के स्वागत से लेकर शहर को चमकाने तक का काम पूरे प्लान के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है.

जानिए कैसे होगा मेहमानों का स्वागत
जानिए कैसे होगा मेहमानों का स्वागत

दूसरे जिलों से ज्यादा होगा भव्य आयोजनः इस बारे में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, आगरा के बाद वाराणसी में होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. तीन दिन तक वाराणसी में इस बैठक का आयोजन होना है. इसके लिए 10 जून को ही विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अधिकारियों की टीम के साथ वाराणसी पहुंच जाएंगे और विदेशी मेहमानों का स्वागत भी वह खुद करेंगे.

सैकड़ों प्रतिनिधि आएंगे विदेश सेः जिलाधिकारी का कहना है कि वाराणसी में तीन दिन तक होने वाले इस आयोजन में 40 से ज्यादा विदेश मंत्रियों के आने की संभावना जताई गई है. इसके अतिरिक्त 160 विदेशी डेलीगेट्स और 100 से ज्यादा विदेशी पत्रकारों की भी टीम वाराणसी आने वाली है. इन सभी के लिए 11 जून को विशेष रात्रि भोज का इंतजाम स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से किया जा रहा है. इसके अलावा 12 जून को इन सभी लोगों को गंगा आरती की भव्यता और गंगा घाटों की सुंदरता दिखाई जाएगी. 13 जून को सभी मेहमानों को भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ ले जाया जाएगा. विदेशी मेहमानों को वाराणसी के पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल भी ले जाया जाएगा. जहां वह पूर्वांचल के हस्तशिल्पियों की अनूठी कलाओं से परिचित होंगे. प्रदेश की योगी सरकार विदेशी मेहमानों के स्वागत को लेकर विशेष अलग हो रखी है और लगातार मुख्यमंत्री भी इस पर निगाह बनाए हुए हैं.

मुख्य आयोजन स्थल पर लगेंगे स्टॉलः जिलाधिकारी ने बताया कि जी-20 देशों के डेलीगेट्स की बैठक टीएफसी यानी ट्रेड फैसिलिटेट सेंटर लालपुर में आयोजित होगी. मुख्य बैठक का आयोजन यहीं पर किया जाएगा. यहीं पर प्रदर्शनी स्थल दुकानें भी लगाई जाएंगी. जहां से विदेशी मेहमान उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति और सभ्यता से सीधे रूबरू हो सकेंगे. इसके अलावा यहां आने वाले मेहमानों के भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है.

एयरपोर्ट से नमो घाट तक खास आयोजनः जिलाधिकारी ने बताया कि मेहमानों का काफिला होटल से कार्यक्रम स्थल इसके अलावा सारनाथ गंगा घाट नमो घाट तक जाएगा. इसलिए हर रास्ते पर अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और यह अनवरत तीन दिन तक चलता रहेगा. इसके अतिरिक्त नमो घाट पर भी भव्य तरीके से लोक कला और संस्कृति के अनुसार नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विदेशी मेहमान भी शरीक हो सकेंगे.

मेन्यू में क्या-क्या होगाः विभागीय सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय की टीम के द्वारा जो भी मेन्यू डिसाइड किया गया है, वह अलग-अलग देशों के खानपान के अतिरिक्त भारत की संस्कृति सभ्यता और भारत के खानपान के अनुसार भी तैयार किया जा रहा है. 11 जून को होने वाले विशेष अतिथि भोज में उत्तर प्रदेश के तमाम अलग-अलग व्यंजनों को परोसने की तैयारी की जा रही है. जिसमें वाराणसी की कचौड़ी जलेबी, लोंगलता लस्सी, ठंडाई और बनारसी पान को भी मेन्यू में शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के खानपान को भी इस सूची में जोड़ा जा रहा है ताकि मेहमानों को अलग-अलग जायका परोसा जा सके.

जी-20 में इन देशों की है भागीदारीः ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी 20) में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएस और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः जी-20 के मेहमानों को काशी में मिलेगा शिल्पियों का विशेष तोहफा, गुलाबी मीनाकारी वाले मोर से होगा स्वागत

वाराणसी में आने वाले जी-20 देशों के मेहमानों के स्वागत पर संवाददाता गोपाल मिश्र की रिपोर्ट

वाराणसी: जी-20 की बैठक के लिए वाराणसी एक बार फिर से तैयार है. अप्रैल में हुई बैठक के बाद जी-20 की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक वाराणसी में होने जा रही है. डेवलपमेंट मिनिस्टर्स की इस कांफ्रेंस का आयोजन 11 से 13 जून तक वाराणसी में होने वाला है. इसमें हिस्सा लेने के लिए जी-20 देशों से मंत्रियों के अलावा विभिन्न विभागों के प्रमुखों के अतिरिक्त विदेशी प्रतिनिधियों और विदेशी पत्रकारों का आगमन वाराणसी में होने जा रहा है. जिला प्रशासन ने वाराणसी के चप्पे-चप्पे को चमकाने के साथ ही आने वाले मेहमानों के भव्य स्वागत की तैयारी की है.

यूपी की संस्कृति और स्वागत के तरीकों को ध्यान में रखते हुए लखनऊ और आगरा से भी ज्यादा भव्य आयोजन करने की योजना वाराणसी में की गई है. इसके लिए बीते 2 दिन तक लगातार कैबिनेट मंत्री एके शर्मा समेत कई अधिकारियों ने वाराणसी में ही डेरा डाल रखा था और तैयारियों का जायजा लेते हुए छोटी-छोटी चीजों को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. फिलहाल मेहमानों के स्वागत से लेकर शहर को चमकाने तक का काम पूरे प्लान के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है.

जानिए कैसे होगा मेहमानों का स्वागत
जानिए कैसे होगा मेहमानों का स्वागत

दूसरे जिलों से ज्यादा होगा भव्य आयोजनः इस बारे में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, आगरा के बाद वाराणसी में होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. तीन दिन तक वाराणसी में इस बैठक का आयोजन होना है. इसके लिए 10 जून को ही विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अधिकारियों की टीम के साथ वाराणसी पहुंच जाएंगे और विदेशी मेहमानों का स्वागत भी वह खुद करेंगे.

सैकड़ों प्रतिनिधि आएंगे विदेश सेः जिलाधिकारी का कहना है कि वाराणसी में तीन दिन तक होने वाले इस आयोजन में 40 से ज्यादा विदेश मंत्रियों के आने की संभावना जताई गई है. इसके अतिरिक्त 160 विदेशी डेलीगेट्स और 100 से ज्यादा विदेशी पत्रकारों की भी टीम वाराणसी आने वाली है. इन सभी के लिए 11 जून को विशेष रात्रि भोज का इंतजाम स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से किया जा रहा है. इसके अलावा 12 जून को इन सभी लोगों को गंगा आरती की भव्यता और गंगा घाटों की सुंदरता दिखाई जाएगी. 13 जून को सभी मेहमानों को भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ ले जाया जाएगा. विदेशी मेहमानों को वाराणसी के पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल भी ले जाया जाएगा. जहां वह पूर्वांचल के हस्तशिल्पियों की अनूठी कलाओं से परिचित होंगे. प्रदेश की योगी सरकार विदेशी मेहमानों के स्वागत को लेकर विशेष अलग हो रखी है और लगातार मुख्यमंत्री भी इस पर निगाह बनाए हुए हैं.

मुख्य आयोजन स्थल पर लगेंगे स्टॉलः जिलाधिकारी ने बताया कि जी-20 देशों के डेलीगेट्स की बैठक टीएफसी यानी ट्रेड फैसिलिटेट सेंटर लालपुर में आयोजित होगी. मुख्य बैठक का आयोजन यहीं पर किया जाएगा. यहीं पर प्रदर्शनी स्थल दुकानें भी लगाई जाएंगी. जहां से विदेशी मेहमान उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति और सभ्यता से सीधे रूबरू हो सकेंगे. इसके अलावा यहां आने वाले मेहमानों के भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है.

एयरपोर्ट से नमो घाट तक खास आयोजनः जिलाधिकारी ने बताया कि मेहमानों का काफिला होटल से कार्यक्रम स्थल इसके अलावा सारनाथ गंगा घाट नमो घाट तक जाएगा. इसलिए हर रास्ते पर अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और यह अनवरत तीन दिन तक चलता रहेगा. इसके अतिरिक्त नमो घाट पर भी भव्य तरीके से लोक कला और संस्कृति के अनुसार नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विदेशी मेहमान भी शरीक हो सकेंगे.

मेन्यू में क्या-क्या होगाः विभागीय सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय की टीम के द्वारा जो भी मेन्यू डिसाइड किया गया है, वह अलग-अलग देशों के खानपान के अतिरिक्त भारत की संस्कृति सभ्यता और भारत के खानपान के अनुसार भी तैयार किया जा रहा है. 11 जून को होने वाले विशेष अतिथि भोज में उत्तर प्रदेश के तमाम अलग-अलग व्यंजनों को परोसने की तैयारी की जा रही है. जिसमें वाराणसी की कचौड़ी जलेबी, लोंगलता लस्सी, ठंडाई और बनारसी पान को भी मेन्यू में शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के खानपान को भी इस सूची में जोड़ा जा रहा है ताकि मेहमानों को अलग-अलग जायका परोसा जा सके.

जी-20 में इन देशों की है भागीदारीः ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी 20) में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएस और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.

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