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फ्रांस की दुल्हन, बेगूसराय का दूल्हा : गांव में रचाई शादी, ऐसी है इनकी प्रेम कहानी

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Published : Nov 22, 2021, 6:09 PM IST

बेगूसराय में फ्रांसीसी दुल्हन और भारतीय दूल्हे की शादी हुई है. सात समंदर पार से चलकर दुल्हन और उसका पूरा परिवार लड़के के घर पहुंचा. प्रेमी जोड़े ने भारतीय सभ्यता से शादी करने का मन बना लिया था. परिवार से अनुमति मिलते ही दोनों ने पूरे हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार धूमधाम से शादी की. लड़की का परिवार पेरिस से बेगूसराय पहुंचा.

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बेगूसराय : सात समुंदर पार एक फ्रांसीसी प्रेमिका (French Girl Reached Begusarai) ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए भारतीय रीति रिवाज को अपनाया. पेरिस से पूरा परिवार प्रेमी के घर बेगूसराय ( Begusarai ) के कटहरिया गांव पहुंचा. लड़की के पिता ने हिंदी और भोजपुरी गानों पर ऐसे ठुमके लगाए कि देसी लोग भी उनके सामने फीके पड़ गए. भारतीय दूल्हा और फ्रांसीसी दुल्हनिया की इस गजब की प्रेम कहानी को जानने और शादी देखने आसपास के लोग भी पहुंचे.

बेगूसराय में भगवानपुर के कटहरिया में प्रेमी के घर ही प्रेमिका की शादी पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ धूमधाम से रविवार की रात सम्पन्न हुई. भारतीय रंग में डूबा पूरा फ्रांसीसी परिवार कहीं से भी विदेशी नहीं लग रहा था. इतना ही नहीं प्रेमिका का पूरा परिवार जिसमें माता-पिता और अन्य दूसरे रिश्तेदारों ने भारतीय रीतिरिवाज से अपनी बेटी की शादी की.

फ्रांस की दुल्हन, बेगूसराय का दूल्हा

रविवार की रात जब दोनों की शादी हुई तो भारतीय दूल्हा और विदेशी दुल्हन को देखने के लिए गांव-समाज की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई. रामचंद्र साह के पुत्र राकेश कुमार ने पेरिस की रहने वाली व्यवसायी मैरी लोरी हेरल के साथ सनातन परंपरा के अनुसार विवाह रचाया है. सात समंदर पार से विवाह करने के लिए ना सिर्फ लड़की आई थी, बल्कि लड़की के रिश्तेदार भी साथ आए थे.

अगले सप्ताह फिर दूल्हा और दुल्हन विदेश लौट जाएंगे. लड़का राकेश कुमार के पिता रामचंद्र साह ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में रहता था. देश के विभिन्न हिस्सों में टूरिस्ट गाइड का काम करता था. इसी दौरान करीब छह साल पहले उसकी दोस्ती भारत घूमने आई मैरी के साथ हो गई. भारत से वापस अपने देश जाने के बाद दोनों की बातचीत कब प्रेम प्रसंग में बदल गयी, इसका कुछ पता नहीं चला.

लड़के के पिता ने बताया कि इसके बाद करीब तीन साल पहले राकेश भी पेरिस चला गया और वहां मैरी के साथ मिलकर पार्टनरशिप में कपड़ा का व्यवसाय शुरू कर दिया. कपड़ा का व्यवसाय करने के दौरान दोनों का प्रेम-प्रसंग प्रगाढ़ होता गया. इसकी जानकारी जब मैरी के परिजनों को लगी तो उन्होंने दोनों की शादी की स्वीकृति दे दी. पहले पेरिस में ही शादी का प्लान बना. लेकिन हमारी बहू मैरी को भारतीय सभ्यता और संस्कृति इतनी पसंद थी कि उसने भारत आकर अपने होने वाले पति के गांव में शादी करने का प्लान बनाया.

उन्होंने बताया कि कुछ दिनों के बाद मैरी अपने माता-पिता के साथ गांव आ गई. जहां रविवार की रात भारतीय वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों की शादी संपन्न कराई गई. शादी में लड़की के मां और पिता की साथ रिश्तेदारों की खुशी भी देखते बन रही थी. बता दें कि हिंदू रीति रिवाज और सभ्यता के कद्रदान न सिर्फ भारतीय हैं, बल्कि दूसरे मुल्क के लोग भी हैं. विदेश में भी भारतीय रीति रिवाज, सभ्यता और परंपरा से बड़ा प्यार है. इसका ही परिणाम है कि विदेश में रहने वाले लोग भी भारतीयों रीति रिवाज में खुद को ढाल कर फक्र महसूस करते हैं. ऐसी ही एक दास्तान बिहार के बेगूसराय में देखने को मिली है.

यह भी पढ़ें- भारतीय संस्कृति और परंपरा से प्रभावित होकर विदेशी जोड़े ने बोधगया में रचाई शादी

बेगूसराय : सात समुंदर पार एक फ्रांसीसी प्रेमिका (French Girl Reached Begusarai) ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए भारतीय रीति रिवाज को अपनाया. पेरिस से पूरा परिवार प्रेमी के घर बेगूसराय ( Begusarai ) के कटहरिया गांव पहुंचा. लड़की के पिता ने हिंदी और भोजपुरी गानों पर ऐसे ठुमके लगाए कि देसी लोग भी उनके सामने फीके पड़ गए. भारतीय दूल्हा और फ्रांसीसी दुल्हनिया की इस गजब की प्रेम कहानी को जानने और शादी देखने आसपास के लोग भी पहुंचे.

बेगूसराय में भगवानपुर के कटहरिया में प्रेमी के घर ही प्रेमिका की शादी पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ धूमधाम से रविवार की रात सम्पन्न हुई. भारतीय रंग में डूबा पूरा फ्रांसीसी परिवार कहीं से भी विदेशी नहीं लग रहा था. इतना ही नहीं प्रेमिका का पूरा परिवार जिसमें माता-पिता और अन्य दूसरे रिश्तेदारों ने भारतीय रीतिरिवाज से अपनी बेटी की शादी की.

फ्रांस की दुल्हन, बेगूसराय का दूल्हा

रविवार की रात जब दोनों की शादी हुई तो भारतीय दूल्हा और विदेशी दुल्हन को देखने के लिए गांव-समाज की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई. रामचंद्र साह के पुत्र राकेश कुमार ने पेरिस की रहने वाली व्यवसायी मैरी लोरी हेरल के साथ सनातन परंपरा के अनुसार विवाह रचाया है. सात समंदर पार से विवाह करने के लिए ना सिर्फ लड़की आई थी, बल्कि लड़की के रिश्तेदार भी साथ आए थे.

अगले सप्ताह फिर दूल्हा और दुल्हन विदेश लौट जाएंगे. लड़का राकेश कुमार के पिता रामचंद्र साह ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में रहता था. देश के विभिन्न हिस्सों में टूरिस्ट गाइड का काम करता था. इसी दौरान करीब छह साल पहले उसकी दोस्ती भारत घूमने आई मैरी के साथ हो गई. भारत से वापस अपने देश जाने के बाद दोनों की बातचीत कब प्रेम प्रसंग में बदल गयी, इसका कुछ पता नहीं चला.

लड़के के पिता ने बताया कि इसके बाद करीब तीन साल पहले राकेश भी पेरिस चला गया और वहां मैरी के साथ मिलकर पार्टनरशिप में कपड़ा का व्यवसाय शुरू कर दिया. कपड़ा का व्यवसाय करने के दौरान दोनों का प्रेम-प्रसंग प्रगाढ़ होता गया. इसकी जानकारी जब मैरी के परिजनों को लगी तो उन्होंने दोनों की शादी की स्वीकृति दे दी. पहले पेरिस में ही शादी का प्लान बना. लेकिन हमारी बहू मैरी को भारतीय सभ्यता और संस्कृति इतनी पसंद थी कि उसने भारत आकर अपने होने वाले पति के गांव में शादी करने का प्लान बनाया.

उन्होंने बताया कि कुछ दिनों के बाद मैरी अपने माता-पिता के साथ गांव आ गई. जहां रविवार की रात भारतीय वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों की शादी संपन्न कराई गई. शादी में लड़की के मां और पिता की साथ रिश्तेदारों की खुशी भी देखते बन रही थी. बता दें कि हिंदू रीति रिवाज और सभ्यता के कद्रदान न सिर्फ भारतीय हैं, बल्कि दूसरे मुल्क के लोग भी हैं. विदेश में भी भारतीय रीति रिवाज, सभ्यता और परंपरा से बड़ा प्यार है. इसका ही परिणाम है कि विदेश में रहने वाले लोग भी भारतीयों रीति रिवाज में खुद को ढाल कर फक्र महसूस करते हैं. ऐसी ही एक दास्तान बिहार के बेगूसराय में देखने को मिली है.

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