गुवाहाटी: असम में बुधवार को बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गयी है. इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 31.5 लाख पहुंच गयी. वहीं, राज्य में बाढ़ से जुड़ी घटनाओं ने और 12 लोगों की जान ले ली. जबकि कछार जिले में सिलचर शहर के ज्यादातर इलाके पिछले 10 दिनों से जलमग्न है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक बुलेटिन जारी कर कहा कि बाढ़ में 11 लोगों और एक व्यक्ति की भूस्खलन में मौत हो गई. इसके साथ ही, राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान गंवाने लोगों की संख्या बढ़ा कर 151 हो गयी है.
बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 31.54 लाख हो गयी है. जो एक दिन पहले के 24.92 लाख के आंकड़े से अधिक है. ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सिलचर शहर के ज्यादातर इलाके जलमग्न हैं और वहां के निवासी भोजन, पेयजल तथा दवाइयों की कमी का सामना कर रहे हैं. उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि बेथकुंडी में बांध टूटने के कारण सिलचर के ज्यादातर इलाके अब भी जलमग्न हैं. इसकी मरम्मत का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों तक स्वच्छ पेयजल और भोजन के साथ पहुंचने को प्राथमिकता दी जा रही है.
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जबकि स्वास्थ्य विभाग जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा शिविर लगा रहा है. शहर के 28 नगरपालिका वार्ड में चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया गया है जबकि विभिन्न राहत केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को डायरिया की रोकथाम के लिए ओआरएस के पैकेट दिए गए हैं. राज्यभर में 79 राजस्व मंडलों के तहत कुल 2,675 गांव बाढ से प्रभावित हुए हैं जबकि 3,12,085 लोगों ने 569 राहत शिविरों में शरण ली है. बाढ़ से कछार सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जहां 14.30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
इसके बाद बारपेटा (5.49 लाख) और नगांव (5.19 लाख) का स्थान है. पांच तटबंध टूट गये हैं, जबकि 177 सड़कें और पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं. कुल 548 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं और 1,034 को आंशिक नुकसान पहुंचा है. बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगईगांव, कोकराझार, लखीमपुर, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सालमार, तामुलपुर और तिनसुकिया जिलों में बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव हुआ है.