सहारनपुर : पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से कई नदियां उफान पर हैं. हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में करीब 2.23 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद यमुना नदी ने उग्र रूप ले लिया है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हथनीकुंड बैराज पर बढ़ते जल स्तर को देखते हुए वहां से निकलने वाली छोटी बड़ी सभी नहरों में भी पानी छोड़ना पड़ रहा है. इसके चलते चारों और पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. बाढ़ से कई गांव प्रभावित हो गए हैं. टीमों ने 42 लोगों को बाढ़ से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.
बता दें कि शुक्रवार की रात से शुरू हुई बारिश आज तीसरे दिन भी रुकने का नाम नहीं ले रही है. तीन दिन से लगातार हो बारिश ने जान जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. बारिश की वजह से चारों ओर पानी-पानी हो गया है. सहारनपुर जिला प्रशासन ने खराब मौसम को लेकर न सिर्फ एडवाइजरी जारी की है बल्कि जनपद वासियों से घरों में रहने की अपील की है. प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए बाकायदा कंट्रोल रूम नंबर 7906162869 जारी किया है.
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#WATCH | 42 people including senior citizens rescued by the fire brigade team from Saharanpur district of UP. All of them were trapped in the waterlogged due to heavy rainfall in the district and an increase in the water level in the Dhamola river.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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ढमोला नदी में पानी आने से नदी किनारे के मकानों में पानी घुस गया है. आलम यह की पहली मंजिल पानी में डूब चुकी है. आनन फानन में बाढ़ प्रभावित इलाको से रेस्क्यू कर उन परिवारों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया है. पहाड़ो में हो रही बारिश का पानी यमुना नदी में आने से हथनीकुंड बैराज में क्षमता से ज्यादा पानी इकट्ठा हो रहा है. इसके चलते हथनीकुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है, जिससे यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है. मौजूदा समय में यमुना का जलस्तर 205.99 मीटर पर पहुंच गया है. यमुना नदी 90 हजार क्यूसेक तक पहुंच जाती है तो मिनी फ्लड घोषित कर दिया जाता है. एक लाख क्यूसेक तक पहुंचने पर बाढ़ घोषित कर दिया जाता है. हालांकि यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है, इसे देखते हुए आस-पास के इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है.
सिंचाई विभाग के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी भी यमुना नदी पर नजर बनाए हुए हैं. थाना चिलकाना इलाके में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यमुना नदी किनारे बसे कई गांवों का संपर्क गांवों से टूट चुका है. आसपास के ग्रामीणों के लिए बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है.
स्मार्ट सिटी में आई बाढ़
स्मार्ट सिटी सहारनपुर की बात करें तो बरसिह ने शहरवासियों का भी बुरा हाल किया हुआ है, जहां बाहरी कालोनियों में पानी निकासी नहीं होने गालियां तालाब बनी हुई हैं वहीं घरों में पानी घुसने खुले आसमान के नीचे छतो पर रात गुजारने को मजबूर है. पानी में बहकर आये सांप और अन्य जहरीले जीव जंतुओं का डर लग से बना हुआ है. घरो में पानी घुसने से अनाज से लेकर खाने पीने का सामान भी खराब हो हो गया है.
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स्मार्ट सिटी सहारनपुर शहर के बीचों बीच से होकर बह रही ढमोला नदी भी खतरे के निशान से ऊपर आ गई है जिससे नदी किनारे बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ना भी लाज़मी हैं. यमुना नदी का जल स्तर बढ़ते ही ढमोला नदी में यमुना का पानी आने लगता है. ढमोला नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे 2013 में केदारनाथ में बादल फटने से आई बाढ़ को ताज़ा कर दिया है. जिला प्रशासन ने NDRF की टीमों को अलर्ट मोड में रखा हुआ है.
हिंडन नदी में फंसी यात्रियों से भरी बस
इन दिनों आसमान हो रही बारिश कुदरत का कहर बनी हुई है. कहीं बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं तो कहीं नदियों में पानी आने से गांव का सम्पर्क शहरों से टूट गया है. रविवार को हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से सवारियों से भरी बस पानी के बीचो बीच फंसी गई. पहाड़ों में हुई बारिश के बाद हिंडन नदी में अचानक तेज पानी आने से सवारियों में चीख पुकार मच गई. तेज बहाव के साथ आया पानी बस में घुस गया. हालांकि सवारियों से भरी बस बहने से बाल-बाल बच गई. नदी किनारे खड़े ग्रामीणों ने यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर कड़ी मशक्कत के बाद बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाल लिया.
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