वाराणसी : श्रीसद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी की संपत्ति अवैध तरीके से बेचने और बिना वैध अंतरण किए अरबों की संपत्ति पर अपना नाम दर्ज कराने के आरोप में अदालत के आदेश पर कबीरचौरा मठ मूलगादी के प्रमुख विवेकदास समेत नौ लोगों के खिलाफ चेतगंज थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है. पिछले दिनों वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद चेतगंज पुलिस ने शुक्रवार को इन सभी को मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमा बाबा प्रहलाद दास ने दर्ज कराया है.
चेतगंज पुलिस ने आचार्य विवेकदास के साथ कबीरचौरा मठ मूलगादी के उत्तराधिकारी महंत प्रमोद दास, मठ के रामदास, चेतगंज के त्रिभुवन प्रसाद, कबीरचौरा के डा. दीपक मलिक, आनंद दास के साथ ही नगर निगम चेतगंज वार्ड कर अक्षीधक, इंस्पेक्टर, सर्किल क्लर्क के खिलाफ फर्जीवाड़ा समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया है. बाबा प्रहलाद दास ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 'श्री सद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संस्था है. संस्था के 23वें आचार्य महंत गंगाशरण शास्त्री ने अपने बाद 1999 में आचार्य विवेकदास को अध्यक्ष नियुक्त किया था. उन्होंने मठ का तीन लाख रुपया बैंक बैलेंस, मठ की देखभाल व संपूर्ण व्यवस्था आचार्य विवेकदास को सौंप दिया था.'
आचार्य विवेकदास ने सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से कतुआपुरा, बौलियाबाग, लहरतारा के मकान को बेच दिया. 14 अक्टूबर 2010 को सिद्धपीठ कबीरचौरा मठ मूलगादी ट्रस्ट के नाम से व्यक्तिगत ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन कराया और मठ की कई संपत्तियों पर नगर निगम के कर्मचारियों से मिलीभगत कर उक्त ट्रस्ट का नाम अंकित करा लिया. विवेकदास ने अपराध से बचने के लिए अध्यक्ष एवं ट्रस्टी पद से इस्तीफा देकर प्रमोद दास को महंत बना दिया और विदेश भागने के फिराक में हैं.