नई दिल्ली : सरकार ने बृहस्पतिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी दी . पिछले सप्ताह तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को उस देश के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी.
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है. उन्होंने बताया कि बैठक में 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हम ज़्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं, लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं. हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं, जो इस समय भारत आना चाहते थे. सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
डॉ. एस जयशंकर ने बताया, 'ऑपरेशन 'देवी शक्ति' के तहत हमने 6 निकासी उड़ानें भरी हैं. हम अधिकांश भारतीयों को वापस लाए हैं, लेकिन सभी को नहीं, क्योंकि उनमें से कुछ उड़ान के दिन नहीं पहुंच सके. हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे और सभी को बाहर लाएंगे. हमने कुछ अफग़ान नागरिकों को भी निकाला है.
बैठक में मौजूद लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के अभियान के संबंध में उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने दूतावास के 175 कर्मियों, 263 अन्य भारतीय नागरिकों, हिन्दू एवं सिख समेत अफगानिस्तान के 112 नागरिकों, तीसरे देशों के 15 नागरिकों को बाहर निकाला और यह कुल आंकड़ा 565 है.
विदेशमंत्री ने कहा कि हमने आज सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को आज अफगानिस्तान की स्थिति से अवगत कराया. हमारा ध्यान लोगों को बाहर निकालने पर है और सरकार लोगों को निकालने के लिए सब कुछ कर रही है.
संसदीय सौंध में आयोजित इस बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे .
समझा जाता है कि अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान के अलावा मंत्रियों, राजनीतिक दलों के नेताओं को युद्ध से प्रभावित इस देश की स्थिति बारे में सरकार के आकलन से भी अवगत कराया जाएगा .
बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने भी लिया.
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि बैठक में शामिल होंगे. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, हम निश्चित रूप से अफगानिस्तान के संबंध में बृहस्पतिवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे.
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इससे पूर्व जयशंकर ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को यह जानकारी देने का निर्देश दिया है. जयशंकर ने ट्वीट किया, अफगानिस्तान में घटनाक्रम को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह विभिन्न पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को इस संबंध में जानकारी दें. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आगे की जानकारी देंगे.
सरकार की ब्रीफिंग अफगानिस्तान से लोगों की निकासी के अभियान पर केंद्रित रहने की उम्मीद है तथा इसमें वहां के हालात को लेकर सरकार के आकलन की भी जानकारी दी जा सकती है. अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के तहत भारत सिख और हिंदू समुदाय के अफगान समेत करीब 730 लोगों को यहां ला चुका है.
अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से चार अलग-अलग विमानों के जरिये सोमवार को भारत पहुंचे. इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था.
भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था.
इससे पहले, 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे. काबुल से दूसरे विमान से 150 लोगों को लाया गया, जिनमें भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य भारतीय थे, जिन्हें 17 अगस्त को लाया गया था.
आज भी एयरफोर्स का एक विमान भारतीय और नेपाली नागरिकों को लेकर भारत पहुंचने वाला है.