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'मॉडर्ना' की वैक्सीन को DCGI से मिली मंजूरी, सिप्ला करेगी आयात

जल्द ही भारत में कोरोना की चौथी वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध होने वाली है. औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना के कोरोना वैक्सीन (Moderna Vaccine) को मंजूरी दे दी है.

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Published : Jul 31, 2021, 7:38 AM IST

Updated : Dec 28, 2021, 12:58 PM IST

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हैदराबाद : कोरोना महामारी के खिलाफ जारी वैश्विक जंग में अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना वैक्सीन के आयात को भारतीय औषधि नियामक ने मंजूरी दे दी है. फाइजर कंपनी की इस वैक्सीन को भारत में सिपला कंपनी को आयात सप्लाई की अनुमति दी गई है.

इसी के साथ मॉडर्ना भारत में उपलब्ध होने वाला चौथा वैक्सीन होगा. इससे पहले रूस की स्पूतनिक V के अलावा भारत की स्वदेशी कोवीशील्ड और कोवैक्सीन के टीके उपलब्ध हैं.

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच मॉडर्ना के आयात को मंजूरी से भारत में टीकाकरण तेजी से हो सकेगा. 135 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश भारत में पहले से मौजूद तीन वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं होने के चलते अधिकांश लोग इससे वंचित रह रहे हैं.

जानकारी के अनुसार मॉडर्ना आयात की मंजूरी केवल इमरजेंसी हालात में प्रतिबंधित इस्तेमाल के लिए मिली है. मॉर्डना की दो डोज लगवाना जरूरी होता है. इसे 18 साल या फिर उससे अधिक उम्र वाले लोगों को लगाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक डीसीजीआई ने फिलहाल मॉडर्ना की वैक्सीन 'कोवाक्स' की 75 लाख खुराक आयात करने की अनुमति दी है.

हालांकि हाल ही में यूरोपीय औषधि एजेंसी ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी के कोविड रोधी टीके को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. यह पहली बार है जब टीके को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुमति मिली है.

इसे भी पढ़ें : यूरोपीय एजेंसी ने बच्चों के लिए मॉडर्ना के कोविड रोधी टीके को मंजूरी दी

उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अब तक 12 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए अब तक फाइजर और इसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक का टीका ही एकमात्र विकल्प रहा है.

हैदराबाद : कोरोना महामारी के खिलाफ जारी वैश्विक जंग में अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना वैक्सीन के आयात को भारतीय औषधि नियामक ने मंजूरी दे दी है. फाइजर कंपनी की इस वैक्सीन को भारत में सिपला कंपनी को आयात सप्लाई की अनुमति दी गई है.

इसी के साथ मॉडर्ना भारत में उपलब्ध होने वाला चौथा वैक्सीन होगा. इससे पहले रूस की स्पूतनिक V के अलावा भारत की स्वदेशी कोवीशील्ड और कोवैक्सीन के टीके उपलब्ध हैं.

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच मॉडर्ना के आयात को मंजूरी से भारत में टीकाकरण तेजी से हो सकेगा. 135 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश भारत में पहले से मौजूद तीन वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं होने के चलते अधिकांश लोग इससे वंचित रह रहे हैं.

जानकारी के अनुसार मॉडर्ना आयात की मंजूरी केवल इमरजेंसी हालात में प्रतिबंधित इस्तेमाल के लिए मिली है. मॉर्डना की दो डोज लगवाना जरूरी होता है. इसे 18 साल या फिर उससे अधिक उम्र वाले लोगों को लगाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक डीसीजीआई ने फिलहाल मॉडर्ना की वैक्सीन 'कोवाक्स' की 75 लाख खुराक आयात करने की अनुमति दी है.

हालांकि हाल ही में यूरोपीय औषधि एजेंसी ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी के कोविड रोधी टीके को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. यह पहली बार है जब टीके को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुमति मिली है.

इसे भी पढ़ें : यूरोपीय एजेंसी ने बच्चों के लिए मॉडर्ना के कोविड रोधी टीके को मंजूरी दी

उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अब तक 12 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए अब तक फाइजर और इसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक का टीका ही एकमात्र विकल्प रहा है.

Last Updated : Dec 28, 2021, 12:58 PM IST
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