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कोविड प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित याचिका पर केंद्र व राज्यों को SC ने भेजा नोटिस

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Published : Nov 26, 2021, 9:23 PM IST

उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित परिवारों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करने का आग्रह करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और सभी राज्यों से जवाब (Reply from center and all states) मांगा.

Supreme court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) की पीठ ने सुधीर कठपालिया द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी (Issued notices to governments) किया. याचिका में उन छात्रों के लिए शिक्षा शुल्क में छूट का आग्रह किया गया है जिन्होंने कोविड-19 महामारी ​​​​के प्रकोप के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता राजेश कुमार चौरसिया (Advocate Rajesh Kumar Chaurasia) ने कहा कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों या उन परिवारों जिनके कमाने वाले सदस्य घातक वायरस के कारण मारे गए हैं, की पीड़ा को कम करने के लिए कोई योजना अस्तित्व में नहीं है. पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी कर रही है जिसका छह सप्ताह में जवाब दिया जाना चाहिए.

याचिका में कहा गया है कि माता-पिता के असामयिक निधन (Untimely death of parents) के कारण बच्चों के अनाथ होने की खबरें हैं और राज्यों को परिवारों की कठिनाइयों को कम करने तथा अनाथ बच्चों के समग्र कल्याण के लिए तत्काल पर्याप्त कदम उठाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- हमें कोविड वैक्सीन पर संदेह नहीं करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता के आकस्मिक निधन के कारण शुल्क का भुगतान न करने के कारण अनेक छात्र अपनी शिक्षा से वंचित रह गए होंगे. याचिका में केंद्र को कोविड-19 महामारी से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकारों के साथ विमर्श कर राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) की पीठ ने सुधीर कठपालिया द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी (Issued notices to governments) किया. याचिका में उन छात्रों के लिए शिक्षा शुल्क में छूट का आग्रह किया गया है जिन्होंने कोविड-19 महामारी ​​​​के प्रकोप के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता राजेश कुमार चौरसिया (Advocate Rajesh Kumar Chaurasia) ने कहा कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों या उन परिवारों जिनके कमाने वाले सदस्य घातक वायरस के कारण मारे गए हैं, की पीड़ा को कम करने के लिए कोई योजना अस्तित्व में नहीं है. पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी कर रही है जिसका छह सप्ताह में जवाब दिया जाना चाहिए.

याचिका में कहा गया है कि माता-पिता के असामयिक निधन (Untimely death of parents) के कारण बच्चों के अनाथ होने की खबरें हैं और राज्यों को परिवारों की कठिनाइयों को कम करने तथा अनाथ बच्चों के समग्र कल्याण के लिए तत्काल पर्याप्त कदम उठाने की जरूरत है.

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इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता के आकस्मिक निधन के कारण शुल्क का भुगतान न करने के कारण अनेक छात्र अपनी शिक्षा से वंचित रह गए होंगे. याचिका में केंद्र को कोविड-19 महामारी से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकारों के साथ विमर्श कर राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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