नई दिल्ली : देश में ओमीक्रोन के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 415 हो गई है. महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमिक्रोन के सबसे ज़्यादा 108 और 79 मामले हैं. ओमिक्रोन के 433 मरीज़ों में से 115 मरीज़ रिकवर हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी.
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7,189 नए मामले आए. 7,286 रिकवरी हुईं और 387 लोगों की कोरोना से मौत हुई.
कुल मामले : 3,47,79,815
सक्रिय मामले : 77,032
कुल रिकवरी : 3,42,23,263
कुल मौतें : 4,79,520
कुल वैक्सीनेशन : 1,41,01,26,404
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए. इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31 और राजस्थान में 21 मामले सामने आए. वहीं उत्तर प्रदेश में शनिवार को ओमीक्रोन (Omicron) का एक केस मिला है, जबकि 37 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है.
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राजस्थान में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron in Rajasthan) का विस्फोट देखने को मिला है. जहां शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों से ओमीक्रोन के 21 नए मामले (21 New Cases of Omicron Found in Rajasthan) सामने आए है. कोरोना के नए वेरिएंट के विस्फोट से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. यूपी में तीसरा केस मिलने से हड़कंप मच गया है. अमेरिका से एक सप्ताह पहले लौटी रायबरेली की महिला कोरोना संक्रमित मिली थी. उसकी जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट में ओमीक्रोन वेरिएंट की पुष्टि शनिवार को हुई है. राजस्थान में कुल मामले 43 हो गए हैं.
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को एनआईवी पुणे से प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार 21 नए मामले ओमीक्रोन के देखने को मिले हैं. जिसमें जयपुर से 11, अजमेर से 6, उदयपुर से 3 और महाराष्ट्र का 1 व्यक्ति कोरोना के इस नए वायरस की चपेट में आया है. बताया जा रहा है कि इन 21 मरीजों में से पांच व्यक्ति विदेश से लौटे थे और तीन व्यक्ति इन विदेश से लौटे व्यक्तियों के संपर्क में आए थे तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग के बाद अन्य व्यक्ति भी संक्रमण की चपेट में आ गए.
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 7,189 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,47,79,815 पर पहुंच गयी है जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 77,032 हो गयी है. इस बीमारी से 387 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,79,520 हो गयी है. कोरोना वायरस के रोज आने वाले नए मामले पिछले 58 दिनों से 15,000 से कम हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.22 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है. कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 98.40 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है. कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में पिछले 24 घंटों में 484 मामलों की कमी दर्ज की गयी है. संक्रमण की दैनिक दर 0.65 प्रतिशत है. यह पिछले 82 दिनों से दो प्रतिशत से कम रही है. साप्ताहिक संक्रमण दर भी 0.60 प्रतिशत दर्ज की गयी और यह पिछले 41 दिनों से एक प्रतिशत से कम बनी हुई है.
इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,42,23,263 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत है. देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 141.01 करोड़ खुराक दी जा चुकी है.
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी. वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे. देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे.
इस महामारी से जिन 387 और मरीजों ने जान गंवाई है उनमें से 342 की मौत केरल में और 12 की महाराष्ट्र में हुई.
केरल सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि राज्य में सामने आए मौत के 342 मामलों में से 31 मामले पिछले कुछ दिनों में सामने आए. वहीं, मौत के 311 मामलों को केन्द्र तथा उच्चतम न्यायालय के नए दिशानिर्देशों के आधार पर कोविड-19 से मौत के मामलों में जोड़ा गया है.
आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक कोविड-19 से 4,79,520 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 1,41,404 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में, 46,203 की केरल में, 38,305 की कर्नाटक, 36,714 की तमिलनाडु, 25,103 की दिल्ली, 22,915 की उत्तर प्रदेश और 19,707 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं. मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है.