रामपुर : राजनीति में चुनावी जीत और हार राजनेताओं के लिए मायने रखती है. चुनावी राजनीति के लिए राजनेता हद से गुजर जाते हैं. कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगराध्यक्ष मामून शाह खान के जीवन में 45 बसंत कैसे गुजर गए, उन्हें पता ही नहीं चला.राजनीति के उठापटक में उन्हें घर बसाने यानि शादी करने की याद भी नहीं आई. रामपुर नगर पालिका अध्यक्ष बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए क्षेत्र में जुटे रहे. मगर योगी सरकार ने जब यह सीट महिला के लिए रिजर्व कर दी, तो उन्हें बड़ा धक्का लगा. रामपुर के कांग्रेस नेता मामून शाह खान ने इस सीट पर दावेदारी के लिए शादी करने का फैसला किया और 45 घंटों में दुल्हन ढूंढ ली.
रामपुर में कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगराध्यक्ष मामून शाह खान की शादी का कार्ड वायरल हो रहा है. उनकी शादी 15 अप्रैल को होगी. यहां निकाय चुनाव के लिए नामांकन की लास्ट डेट 17 अप्रैल है. माना जा रहा है कि शादी के बाद उनकी नई दुल्हन रामपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगी. खुद कांग्रेस नेता मामून शाह खान मानते हैं कि पालिका अध्यक्ष की सीट महिला के लिए रिजर्व होने के कारण उन्होंने 45 साल की उम्र में शादी करने का फैसला किया. मामून शाह ने ईटीवी भारत को बताया कि वह लंबे समय से छात्र राजनीति में रहे. फिर सक्रिय राजनीति में आए और रामपुर के लोगों के खिदमत करते रहे. उन्होंने दावा किया कि बिना समय देखे, रात हो या अल सुबह, वह लोगों के लिए हमेशा खड़े रहे. इस समाजसेवा के कारण वह शादी करने का वक्त नहीं निकाल पाए.
इस बीच उनके समर्थकों ने रामपुर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए राजी किया. वह भी जनता के बीच समर्थन जुटाने में मशगूल हो गए. इस बीच यूपी सरकार ने रामपुर नगर पालिका के अध्यक्ष का पद महिला के लिए रिजर्व कर दिया. मामून शाह कहते हैं कि नगर पालिका का चुनाव लड़ने का उनका प्रोग्राम था, मगर महिला सीट डिक्लेयर होने के बाद वह मजबूर हो गए. उनका कहना है कि समर्थकों ने उन्हें शादी करने की सलाह दी, जिस पर वह राजी हो गए.
15 अप्रैल को निकाह करने जा रहे कांग्रेस नेता मामून शाह खान को रामपुर के सभी लोगों से काफी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को उनकी शादी है, जो उनसे मोहब्बत करते हैं, वह सभी उनके सिर पर हाथ रखें. मामून अपनी समाजसेवा के बारे में कहते हैं कि उन्होंने 40 वर्षों में इतना ब्लड डोनेशन किया कि डॉक्टरों को मना करना पड़ा. इसके अलावा उन्होंने पल्स पोलियो अभियान में भी अपना योगदान दिया है.
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