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महंगाई और बेरोजगारी पर कांग्रेस हमलावर, मोदी सरकार से पूछे तीखे सवाल - मोदी सरकार से पूछे तीखे सवाल

देश मे डीजल-पेट्रोल और गैस की बढ़ती कीमतों के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है. रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा (National Spokesperson Alka Lamba) ने यूपीए सरकार के आंकड़ों से मोदी सरकार के आंकड़ों की तुलना कर कई तीखे सवाल किये.

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Published : May 1, 2022, 3:06 PM IST

नई दिल्ली: महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि एक मार्च 2022 को कमर्शियल गैस सिलिंडर 19 किलोग्राम की कीमत 105 रुपये बढ़ाई गई थी. इसके बाद 1 अप्रैल 2022 को फिर से कमर्शियल सिलिंडर की कीमत में 250 रुपये का इजाफा किया गया. 1 मई 2022 को एक बार फिर कमर्शियल गैस सिलिंडर की कीमत को 102.5 रुपये बढ़ा दिया गया है.

बीते आठ महीनों में कमर्शियल एलपीजी सिलिंडर की कीमत में कुल बढ़ोतरी 618.5 रुपये की जा चुकी है. अल्का लांबा ने कहा कि इस महंगाई की मार सीधे आम और गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है. मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि यूपीए की सरकार महंगाई का 'म' शब्द भी नहीं बोलती है लेकिन आज मोदी सरकार का पर्याय ही महंगाई हो चुकी है.

CMIE (Center for Monitoring Indian Economy) के सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक बार फिर इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. देश में 2.1 करोड़ के करीब नौकरियां घटी हैं. 45 करोड़ लोगों ने रोजगार ढूंढना बंद कर दिया है क्योंकि वह हताश और निराश हो कर बैठ चुके हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में महंगाई और बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है. देश में महिलाओं की कुल आबादी का नौ प्रतिशत ही रोजगार में है. बेरोजगारी 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. बेरोजगारी के बीच लगातार महंगाई की मार भी जनता को झेलनी पड़ रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया. कोयला आपूर्ति में हुई कमी और इसके कारण बढ़ती गर्मी के बीच बिजली में कटौती पर भी अल्का लांबा ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि गरीब जनता जो ट्रेन में सफर करती है उसे बिना बताए 600 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया क्योंकि कोयला की आपूर्ति समय रहते सुनिश्चित नहीं की जा सकी. आज 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है. हाल में आए CMIE के आंकड़ों के अनुसार देश में कामगारों की संख्या में भी गिरावट आई है.

वर्ष 2017 में जहां देश की आबादी का 46 प्रतिशत हिस्सा कामगारों की श्रेणी में था वहीं 2022 में यह घट कर 40% रह गया है. डीजल पेट्रोल की बढ़ी कीमतें कम नहीं हो रही हैं. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार महंगाई पर वार करने की बजाय कांग्रेस और नेता राहुल गांधी पर वार करती रहती है. वर्ष 2013-14 में पेट्रोल पर केंद्र सरकार द्वारा जो एक्साइज ड्यूटी ली जाती थी वह केवल 9 रुपये 48 पैसे थी. आज उसी पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी के तौर पर केंद्र 27 रुपये 90 पैसे वसूल रहा है. मनमोहन सरकार में डीजल पर वर्ष 2013-14 में एक्साइज ड्यूटी 3 रुपये 56 पैसे वसूली जाती थी जो अब बढ़ कर मोदी सरकार में 21 रुपये 80 पैसे वसूली जा रही है.

अल्का लांबा ने कहा कि यदि मौजूदा सरकार एक्साइज ड्यूटी को मनमोहन सरकार के बराबर स्तर पर ले आये तो जनता को बड़ी राहत मिलेगी. एलपीजी कामर्शियल सिलिंडर की बढ़ती कीमतों में भी डीजल की बढ़ी कीमतें मुख्य कारक हैं क्योंकि मालवाहकों के जरिये ही सिलिंडर का यातायात होता है. दिल्ली में 19 किलोग्राम के एलपीजी कमर्शियल सिलिंडर की कीमत 2355 रुपये हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी, ममता और लाल मिर्च, वायरल हुआ वीडियो

देश में सबसे महंगा एलपीजी कामर्शियल सिलिंडर इस समय चेन्नई में है जहाँ एक सिलिंडर गैस की कीमत 2610 रुपये तक पहुंच चुकी है. कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता बताया है. कांग्रेस पार्टी ने इसके खिलाफ एक बार फिर बिगुल फूंकने की बात कही है और आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शनों का दौर एक बार फिर शुरू हो सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता अल्का लांबा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह बढ़ती कीमतों को वापस लें.

नई दिल्ली: महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि एक मार्च 2022 को कमर्शियल गैस सिलिंडर 19 किलोग्राम की कीमत 105 रुपये बढ़ाई गई थी. इसके बाद 1 अप्रैल 2022 को फिर से कमर्शियल सिलिंडर की कीमत में 250 रुपये का इजाफा किया गया. 1 मई 2022 को एक बार फिर कमर्शियल गैस सिलिंडर की कीमत को 102.5 रुपये बढ़ा दिया गया है.

बीते आठ महीनों में कमर्शियल एलपीजी सिलिंडर की कीमत में कुल बढ़ोतरी 618.5 रुपये की जा चुकी है. अल्का लांबा ने कहा कि इस महंगाई की मार सीधे आम और गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है. मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि यूपीए की सरकार महंगाई का 'म' शब्द भी नहीं बोलती है लेकिन आज मोदी सरकार का पर्याय ही महंगाई हो चुकी है.

CMIE (Center for Monitoring Indian Economy) के सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक बार फिर इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. देश में 2.1 करोड़ के करीब नौकरियां घटी हैं. 45 करोड़ लोगों ने रोजगार ढूंढना बंद कर दिया है क्योंकि वह हताश और निराश हो कर बैठ चुके हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में महंगाई और बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है. देश में महिलाओं की कुल आबादी का नौ प्रतिशत ही रोजगार में है. बेरोजगारी 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. बेरोजगारी के बीच लगातार महंगाई की मार भी जनता को झेलनी पड़ रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया. कोयला आपूर्ति में हुई कमी और इसके कारण बढ़ती गर्मी के बीच बिजली में कटौती पर भी अल्का लांबा ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि गरीब जनता जो ट्रेन में सफर करती है उसे बिना बताए 600 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया क्योंकि कोयला की आपूर्ति समय रहते सुनिश्चित नहीं की जा सकी. आज 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है. हाल में आए CMIE के आंकड़ों के अनुसार देश में कामगारों की संख्या में भी गिरावट आई है.

वर्ष 2017 में जहां देश की आबादी का 46 प्रतिशत हिस्सा कामगारों की श्रेणी में था वहीं 2022 में यह घट कर 40% रह गया है. डीजल पेट्रोल की बढ़ी कीमतें कम नहीं हो रही हैं. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार महंगाई पर वार करने की बजाय कांग्रेस और नेता राहुल गांधी पर वार करती रहती है. वर्ष 2013-14 में पेट्रोल पर केंद्र सरकार द्वारा जो एक्साइज ड्यूटी ली जाती थी वह केवल 9 रुपये 48 पैसे थी. आज उसी पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी के तौर पर केंद्र 27 रुपये 90 पैसे वसूल रहा है. मनमोहन सरकार में डीजल पर वर्ष 2013-14 में एक्साइज ड्यूटी 3 रुपये 56 पैसे वसूली जाती थी जो अब बढ़ कर मोदी सरकार में 21 रुपये 80 पैसे वसूली जा रही है.

अल्का लांबा ने कहा कि यदि मौजूदा सरकार एक्साइज ड्यूटी को मनमोहन सरकार के बराबर स्तर पर ले आये तो जनता को बड़ी राहत मिलेगी. एलपीजी कामर्शियल सिलिंडर की बढ़ती कीमतों में भी डीजल की बढ़ी कीमतें मुख्य कारक हैं क्योंकि मालवाहकों के जरिये ही सिलिंडर का यातायात होता है. दिल्ली में 19 किलोग्राम के एलपीजी कमर्शियल सिलिंडर की कीमत 2355 रुपये हो चुकी है.

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देश में सबसे महंगा एलपीजी कामर्शियल सिलिंडर इस समय चेन्नई में है जहाँ एक सिलिंडर गैस की कीमत 2610 रुपये तक पहुंच चुकी है. कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता बताया है. कांग्रेस पार्टी ने इसके खिलाफ एक बार फिर बिगुल फूंकने की बात कही है और आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शनों का दौर एक बार फिर शुरू हो सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता अल्का लांबा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह बढ़ती कीमतों को वापस लें.

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