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नहीं बाज आ रहा चीन, LAC के करीब फिर से भेजा फाइटर प्लेन

चीनी फाइटर जेट पिछले कुछ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास उड़ान भर रहे हैं. हालांकि भारतीय वायुसेना खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. साथ भी इंडियन एयरफोर्स चीनी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए है. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jul 24, 2022, 4:42 PM IST

Updated : Jul 24, 2022, 5:04 PM IST

Chinese fighter planes are flying
चीनी लड़ाकू विमान भर रहे उड़ान

नई दिल्ली : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कोर कमांडर स्तर की बातचीत के जारी रहने के बावजूद चीनी लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय बलों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. चीनी फाइटर जेट पिछले तीन से चार हफ्तों में नियमित रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब उड़ान भर रहे हैं. इसे क्षेत्र में भारतीय रक्षा तंत्र की जांच के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय वायु सेना भी मुस्‍तैद है और बहुत जिम्मेदारी से स्थिति का जवाब दे रही है. भारतीय वायु सेना खतरे से निपटने के लिए कोई मौका नहीं गंवा रही है. साथ ही इस आक्रामकता को किसी भी तरह से टकराव के तौर पर बढ़ने नहीं दे रही है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन के जे-11 समेत अन्‍य लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब उड़ान भर रहे हैं. हाल के दिनों में इस क्षेत्र में 10 किलोमीटर के दायरे वाले विश्वास निर्माण उपाय लाइन के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने इन उकसावे वाली कार्रवाइयों का जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. इंडियन एयर फोर्स ने मिग-29 और मिराज 2000 समेत अपने सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों को उन्नत ठिकानों पर भेज दिया है. इन ठिकानों से भारतीय एयर फोर्स के विमान मिनटों में चीनी गतिविधियों का करारा जवाब दे सकते हैं. ऐसा लगता है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना के बुनियादी ढांचे के विकास के कार्यों को लेकर तनाव में है. अब भारतीय वायु सेना अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में चीनी गतिविधियों की गहराई से निगरानी कर सकती है.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना इन कार्रवाइयों का माकूल तरीके से जवाब दे रही हैय भारतीय वायु सेना क्षेत्र में चीनी उड़ानों के पैटर्न पर कड़ी नजर रख रही है. अप्रैल-मई 2020 के दौरान एलएसी पर चीन की ओर से एकतरफा यथास्थिति को बदलने की कोशिश के बाद भारत भी लद्दाख में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने का बहुत तेजी से काम कर रहा है. चीनी लड़ाकू विमानों की ओर से उकसावे की शुरुआत 24 से 25 जून के आसपास हुई जब एक चीनी लड़ाकू विमान ने पूर्वी लद्दाख में एक तनाव वाले बिंदु के बहुत करीब उड़ान भरी थी.

बताे दें कि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (पीएलएएएफ) भारत को उकसा रही है. लेकिन जब भी उनके लड़ाकू विमान एलएसी के बहुत करीब आते हैं तो उनको कड़ा जवाब दिया जाता है. वहीं, एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायु सेना उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और हल्के लड़ाकू विमान को शामिल करना चाह रही है.

ये भी पढ़ें - LAC पर उकसा रहा चीन, भारत दे रहा कड़ा जवाब : वायु सेना प्रमुख

(ANI)

नई दिल्ली : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कोर कमांडर स्तर की बातचीत के जारी रहने के बावजूद चीनी लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय बलों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. चीनी फाइटर जेट पिछले तीन से चार हफ्तों में नियमित रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब उड़ान भर रहे हैं. इसे क्षेत्र में भारतीय रक्षा तंत्र की जांच के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय वायु सेना भी मुस्‍तैद है और बहुत जिम्मेदारी से स्थिति का जवाब दे रही है. भारतीय वायु सेना खतरे से निपटने के लिए कोई मौका नहीं गंवा रही है. साथ ही इस आक्रामकता को किसी भी तरह से टकराव के तौर पर बढ़ने नहीं दे रही है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन के जे-11 समेत अन्‍य लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब उड़ान भर रहे हैं. हाल के दिनों में इस क्षेत्र में 10 किलोमीटर के दायरे वाले विश्वास निर्माण उपाय लाइन के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने इन उकसावे वाली कार्रवाइयों का जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. इंडियन एयर फोर्स ने मिग-29 और मिराज 2000 समेत अपने सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों को उन्नत ठिकानों पर भेज दिया है. इन ठिकानों से भारतीय एयर फोर्स के विमान मिनटों में चीनी गतिविधियों का करारा जवाब दे सकते हैं. ऐसा लगता है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना के बुनियादी ढांचे के विकास के कार्यों को लेकर तनाव में है. अब भारतीय वायु सेना अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में चीनी गतिविधियों की गहराई से निगरानी कर सकती है.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना इन कार्रवाइयों का माकूल तरीके से जवाब दे रही हैय भारतीय वायु सेना क्षेत्र में चीनी उड़ानों के पैटर्न पर कड़ी नजर रख रही है. अप्रैल-मई 2020 के दौरान एलएसी पर चीन की ओर से एकतरफा यथास्थिति को बदलने की कोशिश के बाद भारत भी लद्दाख में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने का बहुत तेजी से काम कर रहा है. चीनी लड़ाकू विमानों की ओर से उकसावे की शुरुआत 24 से 25 जून के आसपास हुई जब एक चीनी लड़ाकू विमान ने पूर्वी लद्दाख में एक तनाव वाले बिंदु के बहुत करीब उड़ान भरी थी.

बताे दें कि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (पीएलएएएफ) भारत को उकसा रही है. लेकिन जब भी उनके लड़ाकू विमान एलएसी के बहुत करीब आते हैं तो उनको कड़ा जवाब दिया जाता है. वहीं, एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायु सेना उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और हल्के लड़ाकू विमान को शामिल करना चाह रही है.

ये भी पढ़ें - LAC पर उकसा रहा चीन, भारत दे रहा कड़ा जवाब : वायु सेना प्रमुख

(ANI)

Last Updated : Jul 24, 2022, 5:04 PM IST
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