मुंबई: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने महाराष्ट्र के सांसद-विधायक युगल नवनीत राणा और रवि राणा को मुंबई में खार में उनके आवास पर "अवैध निर्माण" को लेकर नोटिस भेजा है. हाल ही में हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तार जोड़े को बीएमसी नोटिस मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 की धारा 488 के तहत जारी किया गया है. जिसके अनुसार अधिकारी किसी भी इमारत का दौरा कर सकते हैं और यह पता लगाने के लिए क्या कोई अवैध परिवर्तन किया गया है?
नोटिस के अनुसार नामित अधिकारी ने कहा कि वह 4 मई को कभी भी परिसर में निरीक्षण, फोटो व माप लेने के लिए प्रवेश करेंगे. राणा दंपति को 23 अप्रैल को उनके मुंबई आवास से गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन्होंने घोषणा की थी कि वे बांद्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर (मातोश्री) के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. चूंकि वे अभी जेल में बंद हैं, इसलिए बीएमसी अधिकारियों ने उनके घर के दरवाजे पर एक निरीक्षण नोटिस चिपका दिया है.
सोमवार को मौजूदा सांसद के वकील ने भायखला जेल के अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा नेता को स्पोंडिलोसिस है जो जेल में लगातार बैठने और फर्श पर लेटने के कारण बढ़ रहा है. नवनीत को सीटी स्कैन से गुजरना होगा ताकि डॉक्टर उनकी स्थिति की गंभीरता को जांच सकें, यह कहते हुए कि जेल अधिकारियों ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय पर निदान नहीं होने के कारण राणा की हालत बिगड़ती है, तो इसके लिए जेल अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
दंपति पर देशद्रोह, दुश्मनी को बढ़ावा देने और कर्तव्य के निर्वहन को रोकने के लिए एक लोक सेवक पर हमला करने के आरोप में दर्ज दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सांसद नवनीत को 23 अप्रैल को खार पुलिस स्टेशन में गिरफ्तारी के बाद से जेल भेज दिया गया था. बाद में उन्हें अगले दिन भायखला महिला जेल ले जाया गया. 24 अप्रैल को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, बांद्रा की हॉलिडे एंड संडे कोर्ट ने दंपति को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 23 अप्रैल को, मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया, जो एक लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल से संबंधित है.
राणा दंपत्ति ने इस दूसरी प्राथमिकी को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. हालांकि जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने सोमवार को इस याचिका को खारिज कर दिया और पुलिस को कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से कम से कम 72 घंटे पहले नोटिस देने को कहा. उनकी न्यायिक हिरासत छह मई को समाप्त होगी. राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने आरोप लगाया कि राणा दंपति ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम किया. अमरावती के सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर "हनुमान चालीसा" का जाप करने की अपनी योजना की घोषणा के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणा दंपत्ति के आवास पर विरोध प्रदर्शन के बाद विवाद को गति दी.
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एएनआई