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बीजेपी सांसद संघमित्रा बोलीं, पिता स्वामी प्रसाद मौर्या पर जूता फेंकना कोई नई घटना नहीं

बदायूं पहुंची बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्या पर जूता फेंकने को लेकर कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है. जूता फेंकने की पहली घटना 2008 में हुई थी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2023, 4:14 PM IST

मीडिया से बात करतीं सांसद संघमित्रा मौर्य.

बदायूं: भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद संघमित्रा मौर्य का बदायूं पहुंचने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मानसून सत्र में पेश किए गए विधेयकों को लेकर सांसद ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. वहीं, पिता स्वामी प्रसाद मौर्या पर जूता फेंकने को लेकर सांसद ने कहा कि राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग चीज है.

  • मानसून सत्र के समापन के बाद अपने संसदीय क्षेत्र बदायूं में सत्र की सफलता और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार को समाप्त करने के आह्वान पर प्रेस वार्ता की।#BJP4India#NarendraModi#AmitShah#JPNadda#BLSantoshpic.twitter.com/eHqCPt6EKQ

    — Dr. Sanghmitra Maurya (@bjpmpsanghmitra) August 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


बीजेपी सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने बदायूं के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मानसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताया. वहीं, पिता स्वामी प्रसाद पर जूता फेंकने पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के संत राजू दास के बयान को लेकर कहा कि जिस प्रकार हम लोग संत महापुरुषों के कार्यों को लेकर टीका टिप्पणी नहीं करते हैं. उसी प्रकार हर किसी को अपना क्षेत्र सीमित रखने की आवश्यकता है.


सांसद ने अपने पिता फेंके गए जूते को लेकर कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है. लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें लगता है यह सब ठीक नहीं है. किसी का भी इस तरह करना गलत है. सांसद ने कहा कि जूता फेंकने की शुरुआत 2008 में हुई थी. उन्होंने कहा कि जूता या स्याही फेंकना लोग आजकल एक राजनीतिक स्टंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि वह इस तरीके से राजनीति में फेमस हो जाएंगे. साथ ही कहीं ना कहीं अपनेआप को राजनीति में स्थापित कर सकेंगे. फेमस होने के लिए लोकतंत्र में इस हद तक गिरना निंदनीय है. वह इसका इस कृत्य का विरोध करती हैं.

सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी यह घटना हुई थी. कोई भी पार्टी किसी व्यक्ति से गलत कार्य करने को नहीं कहती है. लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते वह इसकी निंदा करती हैं. एक बेटी होने के नाते यह कहना चाहती हैं कि इस तरह की घटनाओं का आज के समय में कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

यह भी पढे़ं- लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बसपा सुप्रीमो बना रहीं खास रणनीति, नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को दिया आशीर्वाद

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मीडिया से बात करतीं सांसद संघमित्रा मौर्य.

बदायूं: भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद संघमित्रा मौर्य का बदायूं पहुंचने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मानसून सत्र में पेश किए गए विधेयकों को लेकर सांसद ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. वहीं, पिता स्वामी प्रसाद मौर्या पर जूता फेंकने को लेकर सांसद ने कहा कि राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग चीज है.

  • मानसून सत्र के समापन के बाद अपने संसदीय क्षेत्र बदायूं में सत्र की सफलता और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार को समाप्त करने के आह्वान पर प्रेस वार्ता की।#BJP4India#NarendraModi#AmitShah#JPNadda#BLSantoshpic.twitter.com/eHqCPt6EKQ

    — Dr. Sanghmitra Maurya (@bjpmpsanghmitra) August 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


बीजेपी सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने बदायूं के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मानसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताया. वहीं, पिता स्वामी प्रसाद पर जूता फेंकने पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के संत राजू दास के बयान को लेकर कहा कि जिस प्रकार हम लोग संत महापुरुषों के कार्यों को लेकर टीका टिप्पणी नहीं करते हैं. उसी प्रकार हर किसी को अपना क्षेत्र सीमित रखने की आवश्यकता है.


सांसद ने अपने पिता फेंके गए जूते को लेकर कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है. लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें लगता है यह सब ठीक नहीं है. किसी का भी इस तरह करना गलत है. सांसद ने कहा कि जूता फेंकने की शुरुआत 2008 में हुई थी. उन्होंने कहा कि जूता या स्याही फेंकना लोग आजकल एक राजनीतिक स्टंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि वह इस तरीके से राजनीति में फेमस हो जाएंगे. साथ ही कहीं ना कहीं अपनेआप को राजनीति में स्थापित कर सकेंगे. फेमस होने के लिए लोकतंत्र में इस हद तक गिरना निंदनीय है. वह इसका इस कृत्य का विरोध करती हैं.

सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी यह घटना हुई थी. कोई भी पार्टी किसी व्यक्ति से गलत कार्य करने को नहीं कहती है. लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते वह इसकी निंदा करती हैं. एक बेटी होने के नाते यह कहना चाहती हैं कि इस तरह की घटनाओं का आज के समय में कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

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