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प्रसिद्ध उपन्यास सुरजमुखीर स्वप्ना का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद

साहित्यकार सैयद अब्दुल मलिक द्वारा लिखे गए प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक सुरजमुखीर स्वप्ना का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद किया गया है. किताब का अनुवाद करने का काम पिछले साल जून में बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुरू किया गया था.

सुरजमुखीर स्वप्ना
सुरजमुखीर स्वप्ना
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Published : Dec 1, 2020, 8:34 PM IST

गुवाहाटी : मशहूर साहित्यकार सैयद अब्दुल मलिक द्वारा लिखे गए असामी के प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक सुरजमुखीर स्वप्ना का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद किया गया है. 1960 के दशक में प्रकाशित सुरजमुखिर स्वप्ना में 60 के दशक में ग्रामीण असामी समाज के मानवीय संबंधों और जुनून की कहानी को दर्शाया गया है.

यह उपन्यास मलिक का एक उल्लेखनीय कार्य था. मलिक को उनकी साहित्यिक रचनाओं के लिए अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

सुरजमुखीर स्वप्ना का अनुवाद

किताब का अनुवाद करने का काम पिछले साल जून में बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुरू किया गया था. पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि भारतीय भाषाओं की दस महान कृतियों का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा.

पढ़ें - न्यायालय का आदेश, राज्यों में उपलब्ध हो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा

प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद, साहित्य अकादमी ने भारतीय भाषाओं में से 10 टाइटल चुने, जिसमें सुरजमुखीर स्वप्ना (असमिया), आरोग्य निकेतन (बंगला), वीविशाल (गुजराती), कव्वे हमारी कल आहापानी (हिंदी), पर्व (कन्नड़), मनोज दासका कथा ओ कहिनी (ओरिया), मरही दा दिवा (पंजाबी), सिला मणिथरगल (तमिल), इल्लू (तेलगु), एक चादर मैली सी (उर्दू) शामिल हैं.

गुवाहाटी : मशहूर साहित्यकार सैयद अब्दुल मलिक द्वारा लिखे गए असामी के प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक सुरजमुखीर स्वप्ना का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद किया गया है. 1960 के दशक में प्रकाशित सुरजमुखिर स्वप्ना में 60 के दशक में ग्रामीण असामी समाज के मानवीय संबंधों और जुनून की कहानी को दर्शाया गया है.

यह उपन्यास मलिक का एक उल्लेखनीय कार्य था. मलिक को उनकी साहित्यिक रचनाओं के लिए अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

सुरजमुखीर स्वप्ना का अनुवाद

किताब का अनुवाद करने का काम पिछले साल जून में बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुरू किया गया था. पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि भारतीय भाषाओं की दस महान कृतियों का चीनी और रूसी भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा.

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प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद, साहित्य अकादमी ने भारतीय भाषाओं में से 10 टाइटल चुने, जिसमें सुरजमुखीर स्वप्ना (असमिया), आरोग्य निकेतन (बंगला), वीविशाल (गुजराती), कव्वे हमारी कल आहापानी (हिंदी), पर्व (कन्नड़), मनोज दासका कथा ओ कहिनी (ओरिया), मरही दा दिवा (पंजाबी), सिला मणिथरगल (तमिल), इल्लू (तेलगु), एक चादर मैली सी (उर्दू) शामिल हैं.

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