ETV Bharat / bharat

विपक्ष के विरोध के बीच राष्ट्रपति कोविंद ने किए कृषि बिलों पर हस्ताक्षर

कृषि विधेयकों के विरोध के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज तीनों विधेयकों पर हस्ताक्षर किए. विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की थी. पढ़ें विस्तार से...

author img

By

Published : Sep 27, 2020, 6:38 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 8:07 PM IST

राष्ट्रपति कोविंद ने कृषि बिलों पर हस्ताक्षर किए
राष्ट्रपति कोविंद ने कृषि बिलों पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज संसद द्वारा पारित तीन कृषि विधेयकों को स्वीकृति दे दी है. ये विधेयक लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है. इस प्रकार इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल चुकी है. इन विधेयकों को अधिसूचित किये जाने से पहले राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. राष्ट्रपति ने आज कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी है.विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की थी.

इन विधेयकों को संसद में पारित किए जाने के तरीके को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच राष्ट्रपति ने उन्हें मंजूरी दी है.

गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी. ये विधेयक हैं-

  1. किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020.
  2. किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020.
  3. आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020.

इन विधेयकों का विरोध राजग के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी किया है और उसने खुद को राजग से अलग कर लिया.

  • किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है.
  • किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है.
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है.

इससे पहले विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा ने बीते रविवार को दो प्रमुख कृषि विधेयकों को पारित कर दिया था. हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर रुख करते हुए उनकी ओर नियम पुस्तिका को उछाला, सरकारी कागजातों को फाड़ डाला और मत विभाजन की अपनी मांग को लेकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था.

नई दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज संसद द्वारा पारित तीन कृषि विधेयकों को स्वीकृति दे दी है. ये विधेयक लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है. इस प्रकार इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल चुकी है. इन विधेयकों को अधिसूचित किये जाने से पहले राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. राष्ट्रपति ने आज कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी है.विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की थी.

इन विधेयकों को संसद में पारित किए जाने के तरीके को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच राष्ट्रपति ने उन्हें मंजूरी दी है.

गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी. ये विधेयक हैं-

  1. किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020.
  2. किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020.
  3. आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020.

इन विधेयकों का विरोध राजग के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी किया है और उसने खुद को राजग से अलग कर लिया.

  • किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है.
  • किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है.
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है.

इससे पहले विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा ने बीते रविवार को दो प्रमुख कृषि विधेयकों को पारित कर दिया था. हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर रुख करते हुए उनकी ओर नियम पुस्तिका को उछाला, सरकारी कागजातों को फाड़ डाला और मत विभाजन की अपनी मांग को लेकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था.

Last Updated : Sep 27, 2020, 8:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.