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अयोध्या राम मंदिर में सीताजी की भी हो प्रमुख मूर्ति, भव्य शिवलिंग भी बने : कर्ण सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने कहा है कि सीताजी के बिना भगवान श्रीराम की पूजा अधूरी रह जाती है, इसलिए अयोध्या में श्रीराम के साथ ही सीताजी की मूर्ति भी लगाई जानी चाहिए. उन्होंने एक शिवलिंग स्थापित करने की बात भी कही है.

karan singh
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह
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Published : Jul 28, 2020, 5:47 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर में भगवान राम के साथ ही सीता जी की भी प्रमुख मूर्ति होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह आग्रह भी किया कि मंदिर में एक भव्य शिवलिंग भी स्थापित किया जाना चाहिए क्योंकि श्रीराम ने शिवजी की उपासना की थी.

डॉ कर्ण सिंह ने एक बयान में कहा, '5 अगस्त को श्रीराम के भव्य मंदिर का जो शिलान्यास होने जा रहा है उस संदर्भ में मेरे कुछ सुझाव हैं. एक तो यह कि प्रमुख मूर्तियां श्रीराम और सीता जी दोनों की होनी चाहिए. अकेले श्रीरामजी की पूजा अधूरी रह जाती है. अयोध्या में सीताजी के साथ जितना अन्याय हुआ है. क्या उनको फिर से वनवास भेजा जाएगा?'

सिंह ने कहा, 'मेरा दूसरा सुझाव है कि इस मंदिर में एक सुंदर और भव्य शिवलिंग की स्थापना अवश्य होनी चाहिए. यह सर्वविदित है कि श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई से पहले और विजय प्राप्त करने के बाद शिवजी की पूजा की थी. रामेश्वरम में स्थित शिवजी का भव्य मंदिर इस सत्य का स्थायी प्रमाण है.

यह भी पढ़ेंः राम मंदिर भूमिपूजन में नहीं जाएंगे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद, कहा- सही समय नहीं

जम्मू-कश्मीर के पूर्व 'सद्र-ए-रियासत' ने कहा, 'किसी मित्र ने मुझसे पूछा कि क्या आप वास्तव में रामभक्त हैं? मैंने उत्तर दिया कि मैं रघुवंशी हूं, श्रीराम मेरे कुलदेवता हैं जिनका भव्य श्री रघुनाथ मंदिर मेरे पूर्वजों ने जम्मू में बना रखा है. रहा भक्ति का प्रश्न तो मैं उन्हीं (शिवजी) की भक्ति करता हूं जिनकी श्रीराम ने स्वयं पूजा की थी. बता दें कि आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है.

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर में भगवान राम के साथ ही सीता जी की भी प्रमुख मूर्ति होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह आग्रह भी किया कि मंदिर में एक भव्य शिवलिंग भी स्थापित किया जाना चाहिए क्योंकि श्रीराम ने शिवजी की उपासना की थी.

डॉ कर्ण सिंह ने एक बयान में कहा, '5 अगस्त को श्रीराम के भव्य मंदिर का जो शिलान्यास होने जा रहा है उस संदर्भ में मेरे कुछ सुझाव हैं. एक तो यह कि प्रमुख मूर्तियां श्रीराम और सीता जी दोनों की होनी चाहिए. अकेले श्रीरामजी की पूजा अधूरी रह जाती है. अयोध्या में सीताजी के साथ जितना अन्याय हुआ है. क्या उनको फिर से वनवास भेजा जाएगा?'

सिंह ने कहा, 'मेरा दूसरा सुझाव है कि इस मंदिर में एक सुंदर और भव्य शिवलिंग की स्थापना अवश्य होनी चाहिए. यह सर्वविदित है कि श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई से पहले और विजय प्राप्त करने के बाद शिवजी की पूजा की थी. रामेश्वरम में स्थित शिवजी का भव्य मंदिर इस सत्य का स्थायी प्रमाण है.

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व 'सद्र-ए-रियासत' ने कहा, 'किसी मित्र ने मुझसे पूछा कि क्या आप वास्तव में रामभक्त हैं? मैंने उत्तर दिया कि मैं रघुवंशी हूं, श्रीराम मेरे कुलदेवता हैं जिनका भव्य श्री रघुनाथ मंदिर मेरे पूर्वजों ने जम्मू में बना रखा है. रहा भक्ति का प्रश्न तो मैं उन्हीं (शिवजी) की भक्ति करता हूं जिनकी श्रीराम ने स्वयं पूजा की थी. बता दें कि आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है.

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