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कैसे ली जाएंगी परीक्षाएं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस - exam guidelines

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित परीक्षाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को संशोधित किया. जिन छात्रों में कोरोना के लक्षण हैं और जो छात्र कंटेनमेंट जोन से आते हैं, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन उन्हें अन्य साधनों के माध्यम से अवसर दिया जाएगा.

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Published : Sep 10, 2020, 10:45 PM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इस दिशानिर्देश में एहतियाती उपायों का पालन करना शामिल है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा केंद्रों में बड़ी संख्या में छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी उपस्थित होंगे इसलिए, एहतियात बरतना जरूरी है.

दिशानिर्देशों में सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करना, चेहरे को ढंकना, बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग करना और अन्य नियमों का पालन करना शामिल है. इसमें खांसने और छींकने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने का सख्ती से पालन करना होगा.

कंटेनमेंट जोन के बाहर वाले परीक्षा केंद्रों में ही परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. कंटेनमेंट जोन के स्टाफ और परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे परीक्षार्थियों को अन्य माध्यमों या विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, एजेंसी के माध्यम से परीक्षा कराने का अवसर दिया जाएगा.

विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान और परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारी अलग-अलग दिन परीक्षा आयोजित करने के लिए योजना भी बना सकते हैं जिससे परीक्षा केंद्र पर भीड़भाड़ न एकत्रित हो.

सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए संस्थानों में परीक्षा के लिए बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. कमरे में छात्रों को दूर-दूर बैठाने की पर्याप्त क्षमता होनी चाहिए. परीक्षा कक्ष में व्यक्तिगत सुरक्षा गियर जैसे फेस कवर, मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध होने चाहिए.

परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय परीक्षा अधिकारी और परीक्षार्थियों को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा.

छात्रों को इस बात की पूर्व सूचना भी दी जानी होगी कि उन्हें परीक्षा केंद्र में क्या लेकर जाना चाहिए, जिसमें परीक्षा से संबंधित दस्तावेज, एडमिट कार्ड, आईडी कार्ड आदि शामिल हैं. अनुशासन बनाए रखने के लिए संस्थान द्वारा पर्याप्त अधिकारी मौजूद होने चाहिए.

अधिकारियों और स्टाफ को कोविड -19 के संदर्भ में आचार संहिता के बारे में जानकारी दी जानी होगी. परीक्षा केंद्र में, किसी भी ऐसे व्यक्ति को अलग बैठाने के लिए एक आइसोलेशन कक्ष होना चाहिए जिसमें स्क्रीनिंग के समय या परीक्षा के दौरान लक्षण पाए जाएं.

इसके अलावा, प्रवेश द्वारों पर अनिवार्य रूप से थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. यदि कोई भी परीक्षा अधिकारी और परीक्षार्थी स्व-घोषणा पत्र के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पढ़ें :- एनटीए ने कहा- निर्धारित समय पर होंगी नीट-जेईई परीक्षाएं

परीक्षा हॉल के अंदर केवल उन कर्मचारियों और छात्रों को अनुमति दी जाएगी जिनमें कोरोना के कोई लक्षण न हो.

अगर किसी छात्र में लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसे मामलों में परीक्षा देने या नहीं देने की अनुमति परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों द्वारा बताई गई नीति के अनुसार प्रदान की जाएगी. परीक्षा केंद्र में बैग, किताबें, मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं होगी.

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इस दिशानिर्देश में एहतियाती उपायों का पालन करना शामिल है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा केंद्रों में बड़ी संख्या में छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी उपस्थित होंगे इसलिए, एहतियात बरतना जरूरी है.

दिशानिर्देशों में सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करना, चेहरे को ढंकना, बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग करना और अन्य नियमों का पालन करना शामिल है. इसमें खांसने और छींकने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने का सख्ती से पालन करना होगा.

कंटेनमेंट जोन के बाहर वाले परीक्षा केंद्रों में ही परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. कंटेनमेंट जोन के स्टाफ और परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे परीक्षार्थियों को अन्य माध्यमों या विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, एजेंसी के माध्यम से परीक्षा कराने का अवसर दिया जाएगा.

विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान और परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारी अलग-अलग दिन परीक्षा आयोजित करने के लिए योजना भी बना सकते हैं जिससे परीक्षा केंद्र पर भीड़भाड़ न एकत्रित हो.

सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए संस्थानों में परीक्षा के लिए बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. कमरे में छात्रों को दूर-दूर बैठाने की पर्याप्त क्षमता होनी चाहिए. परीक्षा कक्ष में व्यक्तिगत सुरक्षा गियर जैसे फेस कवर, मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध होने चाहिए.

परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय परीक्षा अधिकारी और परीक्षार्थियों को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा.

छात्रों को इस बात की पूर्व सूचना भी दी जानी होगी कि उन्हें परीक्षा केंद्र में क्या लेकर जाना चाहिए, जिसमें परीक्षा से संबंधित दस्तावेज, एडमिट कार्ड, आईडी कार्ड आदि शामिल हैं. अनुशासन बनाए रखने के लिए संस्थान द्वारा पर्याप्त अधिकारी मौजूद होने चाहिए.

अधिकारियों और स्टाफ को कोविड -19 के संदर्भ में आचार संहिता के बारे में जानकारी दी जानी होगी. परीक्षा केंद्र में, किसी भी ऐसे व्यक्ति को अलग बैठाने के लिए एक आइसोलेशन कक्ष होना चाहिए जिसमें स्क्रीनिंग के समय या परीक्षा के दौरान लक्षण पाए जाएं.

इसके अलावा, प्रवेश द्वारों पर अनिवार्य रूप से थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. यदि कोई भी परीक्षा अधिकारी और परीक्षार्थी स्व-घोषणा पत्र के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पढ़ें :- एनटीए ने कहा- निर्धारित समय पर होंगी नीट-जेईई परीक्षाएं

परीक्षा हॉल के अंदर केवल उन कर्मचारियों और छात्रों को अनुमति दी जाएगी जिनमें कोरोना के कोई लक्षण न हो.

अगर किसी छात्र में लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसे मामलों में परीक्षा देने या नहीं देने की अनुमति परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों द्वारा बताई गई नीति के अनुसार प्रदान की जाएगी. परीक्षा केंद्र में बैग, किताबें, मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं होगी.

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