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पर्यावरण प्रभाव आकलन का मसौदा वापस ले सरकार: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ईआईए ड्राफ्ट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट के 'मित्रों' के लिए क्या-क्या करती आ रही है. पढ़ें पूरी खबर...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
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Published : Aug 10, 2020, 12:43 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर से निशाना साधा और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए.

उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद 'देश की लूट' है.

Rahul Gandhis tweet
राहुल गांधी का ट्वीट

कांग्रेस नेता ने दावा किया, 'यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले 'मित्रों' के लिए क्या-क्या करती आ रही है.'

राहुल गांधी ने कहा, 'देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए.'

उन्होंने रविवार को भी लोगों से अपील की थी कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 मसौदे के खिलाफ प्रदर्शन करें क्योंकि यह 'खतरनाक' है और अगर अधिसूचित होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम 'विनाशकारी' होंगे.

गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे. इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं.

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर से निशाना साधा और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए.

उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद 'देश की लूट' है.

Rahul Gandhis tweet
राहुल गांधी का ट्वीट

कांग्रेस नेता ने दावा किया, 'यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले 'मित्रों' के लिए क्या-क्या करती आ रही है.'

राहुल गांधी ने कहा, 'देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए.'

उन्होंने रविवार को भी लोगों से अपील की थी कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 मसौदे के खिलाफ प्रदर्शन करें क्योंकि यह 'खतरनाक' है और अगर अधिसूचित होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम 'विनाशकारी' होंगे.

गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे. इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं.

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