इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इमरान सरकार की सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यू ने यहां एक हिंदू मंदिर के निर्माण का विरोध किया है. इसके बाद मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी गई है.
बता दें कि इमरान सरकार में शामिल पार्टी पीएमएल-क्यू ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर के निर्माण का विरोध करते हुए अपने गठबंधन सहयोगी दल से इस परियोजना को रद्द करने को कहा है. पीएमएल-क्यू का कहना है कि यह 'इस्लाम की भावना के खिलाफ' है.
पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में पहले हिंदू मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई थी. प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया है.
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही ने कहा, 'पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था. उसकी राजधानी में नए हिंदू मंदिर का निर्माण न केवल इस्लाम की भावना के खिलाफ है, बल्कि यह रियासत-ए-मदीना का भी एक अपमान है.
उन्होंने कहा, 'मेरी पार्टी हालांकि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का समर्थन करती है. जब मैं पंजाब का मुख्यमंत्री था, तब मंदिरों की मरम्मत की गई. मैंने कटास राज मंदिर की भी मरम्मत कराई.'
अपनी सहयोगी पार्टी की आपत्ति पर प्रतिक्रिया जताते हुए पंजाब के सूचना मंत्री एवं पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी के नेता फयाजुल हसन चौहान ने कहा कि कुछ पार्टियों के विरोध के बावजूद मंदिर परियोजना आगे बढ़ेगी.
उन्होंने कहा, 'हिंदू मंदिर के लिए जमीन का आवंटन 2016 में पीएमएल (एन) सरकार द्वारा किया गया था. मूलरूप से यह पीएमएल-एन सरकार की परियोजना थी.'
पीएमएल-क्यू के नेता एम. इलाही ने कहा कि परवेज इलाही के कहने का तात्पर्य यह है कि मंदिर का निर्माण सिंध प्रांत में होना चाहिए, जहां हिंदुओं की अधिक आबादी है.
योजना के अनुसार, श्रीकृष्ण मंदिर राजधानी के एच-9 क्षेत्र में 20,000 वर्ग फुट के भूखंड पर निर्मित होगा. पिछले सप्ताह मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही द्वारा मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह किया गया था.
मल्ही का कहना है कि इस्लामाबाद और उसके आसपास के इलाकों में स्वतंत्रता से पहले कई मंदिर थे, जिनमें से एक सैदपुर गांव में और एक रावल झील के पास स्थित मंदिर है.