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पंजाब में जहरीली शराब से 104 की मौत, सीएम पर लग रहे गंभीर आरोप - पंजाब की कांग्रेस सरकार

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि वह जहरीली शराब मामले में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों को बचाने की कोशिश कर रही है. जहरीली शराब के मामले में एक स्थानीय शीर्ष आबकारी अधिकारी के अनुसार वैसे तो जब्त सामग्री का रासायनिक विश्लेषण अभी आना बाकी है लेकिन ऊपरी तौर पर पता चलता है कि यह ऐसी स्पिरिट है जिसका उपयोग आम तौर पर पेंट या हार्डवेयर उद्योग में किया जाता है.

पंजाब त्रासदी
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Published : Aug 2, 2020, 10:44 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब में जहरीली शराब पीने से अभी तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है और बच गए लोगों में से कई ने आंखों की रोशनी प्रभावित होने की शिकायत की है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बादल ने कहा कि जहरीली शराब मामले में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों को कार्रवाई से 'बचाने' के लिए सरकार 'लीपापोती' कर रही है.

हरसिमरत कौर बादल आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस के उन नेताओं को 'बचा रहे' हैं जिनके 'नाम' मृतकों के परिजनों ने लिए हैं.

हरसिमरत ने रविवार को ट्वीट किया, 'पंजाब जहरीली शराब मामले में कांग्रेस विधायकों को बचाने के लिए लीपापोती चल रही है. विधायकों के सहयोगियों को ईएनए की आपूर्ति करने वाले डिस्टलरी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. निंदनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मृतकों के परिजन ने जिन कांग्रेसियों के नाम लिये, उन्हें बचा रहे हैं.'

जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अमरिंदर सिंह की सरकार के खिलाफ पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे आप सांसद भगवंत मान ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है जिसमें ज्यादातर गरीब परिवार के लोग थे. भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने पूरे मामले में एक सिटिंग जज से जांच कराए जाने की मांग की है.

इस घटना पर आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह का कहना है कि पिछले तीन जहरीली शराब पीने से, मौत हुई है वो काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौत से अधिक अफसोस की बात यह है कि सीएम अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, उन्होंने चुनाव के दौरान चार हफ्ते में शराब का कारोबार खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आज हालात बिल्कुल विपरीत है. बता दें कि सीएम अमरिंदर के पास आबकारी और गृह मंत्रालय का प्रभार भी है.

विधायक जरनैल सिंह का बयान

दिल्ली के सीएम से भिड़े !

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की. इस पर अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने काम से काम रखना चाहिए. अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता से कहा, 'राज्य में निष्क्रिय पड़ी आम आदमी पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए इस त्रासद घटना का इस्तेमाल न करें.

केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए सिंह ने एक बयान में कहा, 'इतने सारे लोग मर गये और आप इस घटना से राजनीतिक लाभ हासिल करने के चक्कर में हैं. आपको शर्म नहीं आती.

आप संयोजक को अपने काम से काम रखने’ की सलाह देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली में कानून व्यवस्था कायम रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो अपराधियों और गिरोहों के सड़कों पर बिना डर के खुलेआम घूमने के लिए कुख्यात है.

बता दें कि केजरीवाल ने रविवार को अपने ट्वीट में पंजाब में जहरीली शराब कांड के मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी जिसमें अब तक 98 लोगों की जान जा चुकी है.

पढ़ें - पंजाब : जहरीली शराब पीने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत

गौरतलब है कि जहरीली शराब इस घटना में बच गये लोगों में से एक तिलक राज नामक व्यक्ति का कहना है कि जहरीली शराब पीने के बाद वह ठीक से नहीं देख पा रहा है. बटाला नगर निगम के अनुबंधित कर्मी तिलक राज का कहना है कि जहरीली शराब पीने के बाद उसे बेचैनी होने लगी थी. उसने बटाला में हाथीगेट इलाके में त्रिवेणी चौहान और दर्शना रानी उर्फ फौजान से 60 रुपये में शराब खरीदी थी.

राज ने कहा, 'इसे पीने के बाद मैं सही तरीके से नहीं देख पा रहा था और बेचैनी महसूस होने लगी.' उसके परिवारवाले उसे डॉक्टर के पास ले गये और उसकी जान बच गयी. राज (50) ने कहा, 'अब मैं थोड़ा अच्छा महसूस कर रहा हूं लेकिन मेरी आंखों की रोशनी नहीं सुधरी है और चीजें घूमती हुई नजर आती हैं.'

बटाला में इस त्रासदी में बच गये अजय कुमार (32) नामक एक व्यक्ति ने कहा कि उसे शराब पीने के बाद सिहरन होने लगी. उसने कहा, 'मैं अब भी कमजोरी महसूस कर रहा हूं.' वह स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती है. उसने जहरीली शराब की बिक्री के लिए त्रिवेणी और दर्शना को जिम्मेदार ठहराया.

बटाला के बाशिंदों का आरोप है कि हाथी गेट इलाके में खुलेआम जहरीली शराब बेची जा रही थी लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. अमृतसर के मुछाल गांव में त्रासदी में बच गये एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि शराब पीने के बाद वह बेचैनी महसूस करने लगा और वह ठीक से नहीं देख पा रहा है.

चंडीगढ़ : पंजाब में जहरीली शराब पीने से अभी तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है और बच गए लोगों में से कई ने आंखों की रोशनी प्रभावित होने की शिकायत की है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बादल ने कहा कि जहरीली शराब मामले में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों को कार्रवाई से 'बचाने' के लिए सरकार 'लीपापोती' कर रही है.

हरसिमरत कौर बादल आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस के उन नेताओं को 'बचा रहे' हैं जिनके 'नाम' मृतकों के परिजनों ने लिए हैं.

हरसिमरत ने रविवार को ट्वीट किया, 'पंजाब जहरीली शराब मामले में कांग्रेस विधायकों को बचाने के लिए लीपापोती चल रही है. विधायकों के सहयोगियों को ईएनए की आपूर्ति करने वाले डिस्टलरी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. निंदनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मृतकों के परिजन ने जिन कांग्रेसियों के नाम लिये, उन्हें बचा रहे हैं.'

जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अमरिंदर सिंह की सरकार के खिलाफ पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे आप सांसद भगवंत मान ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है जिसमें ज्यादातर गरीब परिवार के लोग थे. भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने पूरे मामले में एक सिटिंग जज से जांच कराए जाने की मांग की है.

इस घटना पर आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह का कहना है कि पिछले तीन जहरीली शराब पीने से, मौत हुई है वो काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौत से अधिक अफसोस की बात यह है कि सीएम अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, उन्होंने चुनाव के दौरान चार हफ्ते में शराब का कारोबार खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आज हालात बिल्कुल विपरीत है. बता दें कि सीएम अमरिंदर के पास आबकारी और गृह मंत्रालय का प्रभार भी है.

विधायक जरनैल सिंह का बयान

दिल्ली के सीएम से भिड़े !

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की. इस पर अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने काम से काम रखना चाहिए. अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता से कहा, 'राज्य में निष्क्रिय पड़ी आम आदमी पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए इस त्रासद घटना का इस्तेमाल न करें.

केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए सिंह ने एक बयान में कहा, 'इतने सारे लोग मर गये और आप इस घटना से राजनीतिक लाभ हासिल करने के चक्कर में हैं. आपको शर्म नहीं आती.

आप संयोजक को अपने काम से काम रखने’ की सलाह देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली में कानून व्यवस्था कायम रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो अपराधियों और गिरोहों के सड़कों पर बिना डर के खुलेआम घूमने के लिए कुख्यात है.

बता दें कि केजरीवाल ने रविवार को अपने ट्वीट में पंजाब में जहरीली शराब कांड के मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी जिसमें अब तक 98 लोगों की जान जा चुकी है.

पढ़ें - पंजाब : जहरीली शराब पीने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत

गौरतलब है कि जहरीली शराब इस घटना में बच गये लोगों में से एक तिलक राज नामक व्यक्ति का कहना है कि जहरीली शराब पीने के बाद वह ठीक से नहीं देख पा रहा है. बटाला नगर निगम के अनुबंधित कर्मी तिलक राज का कहना है कि जहरीली शराब पीने के बाद उसे बेचैनी होने लगी थी. उसने बटाला में हाथीगेट इलाके में त्रिवेणी चौहान और दर्शना रानी उर्फ फौजान से 60 रुपये में शराब खरीदी थी.

राज ने कहा, 'इसे पीने के बाद मैं सही तरीके से नहीं देख पा रहा था और बेचैनी महसूस होने लगी.' उसके परिवारवाले उसे डॉक्टर के पास ले गये और उसकी जान बच गयी. राज (50) ने कहा, 'अब मैं थोड़ा अच्छा महसूस कर रहा हूं लेकिन मेरी आंखों की रोशनी नहीं सुधरी है और चीजें घूमती हुई नजर आती हैं.'

बटाला में इस त्रासदी में बच गये अजय कुमार (32) नामक एक व्यक्ति ने कहा कि उसे शराब पीने के बाद सिहरन होने लगी. उसने कहा, 'मैं अब भी कमजोरी महसूस कर रहा हूं.' वह स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती है. उसने जहरीली शराब की बिक्री के लिए त्रिवेणी और दर्शना को जिम्मेदार ठहराया.

बटाला के बाशिंदों का आरोप है कि हाथी गेट इलाके में खुलेआम जहरीली शराब बेची जा रही थी लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. अमृतसर के मुछाल गांव में त्रासदी में बच गये एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि शराब पीने के बाद वह बेचैनी महसूस करने लगा और वह ठीक से नहीं देख पा रहा है.

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