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सेना ने 89 मोबाइल एप किए प्रतिबंधित, 15 जुलाई तक हटाने के निर्देश

भारतीय सेना ने भी 89 एप्स पर बैन लगा दिया है. इसमें चीनी मूल के एप्स भी शामिल हैं. इसके साथ ही सेना ने जवानों को आदेश दिया है कि वह अपने मोबाइल से इन एप्स को डिलीट कर दें. बता दें कि सेना को इन एप्स से जवानों की सूचनाएं लीक होने की आशंका है. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

सोशल मीडिया
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Published : Jul 9, 2020, 12:44 AM IST

Updated : Jul 9, 2020, 5:19 AM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव जारी है. इसी बीच, भारतीय सेना ने जवानों को मोबाइल से फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत 89 एप्स को 15 जुलाई तक डिलीट करने के लिए कहा है. इन एप्स में कई चीनी एप्स भी शामिल हैं.

इस तरह का आदेश कोई नई बात नहीं है. विगत दिनों में कई बार आधिकारिक निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद सख्ती से इनका पालन नहीं किया जा रहा था.इसलिए सेना ने इस बार एक समय सीमा तय की है.

सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'इस संबंध में जून के दूसरे सप्ताह में व्यापक आदेश जारी किया गया था. इस सूची में 40 एप्स वह हैं, जिन्हें पांच जुलाई को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किया गया था.'

89 एप्स की सूची में सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म (जिसमें वी चैट, वाइबर, हेलो, शेयर चैट, आदि) के साथ वीडियो होस्टिंग साइट जैसे टिक-टॉक और वेब ब्राउजर जैसे यूसी ब्राउजर, यूसी मिनी और लाइव स्ट्रीमिंग एप्स, यूटिलिटी एप्स जैसे कैमस्कैनर, गेमिंग एप्स में पबजी, ई-कॉमर्स साइट्स, डेटिंग एप्स जैसे टिंडर आदि शामिल हैं.

यह आदेश सेना की उस सैन्य टुकड़ी की बढ़ती आशंका को रेखांकित करता है, जिसकी वजह से सेना के जवानों को कई बार विशेष रूप से हनी ट्रैप के माध्यम से भारत के हितों के प्रतिकूल फंसाने की कोशिश की जाती है.

पढ़ें : भारत-चीन के बीच विश्वास बहाली के लिए 'पुलबैक' प्रक्रिया आवश्यक

पिछले साल, सेना ने दो निर्देश जारी किए थे- एक जुलाई में और दूसरा नवंबर में. इस निर्देश में सेना ने अपने जवानों को सोशल मीडिया के जरिए बातचीत करते समय सावधान और सतर्क रहने की चेतावनी दी थी.

सैकड़ों फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइलों के संचालित होने के बाद चेतावनी जारी की गई थी, जिन्हें संभावित खतरों के रूप में पहचाना गया था, जिनका उपयोग सेना के जवानों से संवेदनशील और सैन्य जानकारी निकालने के लिए किया जा सकता है.

विशेष रूप से, पाकिस्तानी जासूस एजेंसी आईएसआई महिलाओं का उपयोग करके भारतीय सेना, सुरक्षा और राजनयिकों से संवेदनशील सूचनाओं के साथ भाग लेने के लिए मजबूर कर रही हैं.

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव जारी है. इसी बीच, भारतीय सेना ने जवानों को मोबाइल से फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत 89 एप्स को 15 जुलाई तक डिलीट करने के लिए कहा है. इन एप्स में कई चीनी एप्स भी शामिल हैं.

इस तरह का आदेश कोई नई बात नहीं है. विगत दिनों में कई बार आधिकारिक निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद सख्ती से इनका पालन नहीं किया जा रहा था.इसलिए सेना ने इस बार एक समय सीमा तय की है.

सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'इस संबंध में जून के दूसरे सप्ताह में व्यापक आदेश जारी किया गया था. इस सूची में 40 एप्स वह हैं, जिन्हें पांच जुलाई को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किया गया था.'

89 एप्स की सूची में सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म (जिसमें वी चैट, वाइबर, हेलो, शेयर चैट, आदि) के साथ वीडियो होस्टिंग साइट जैसे टिक-टॉक और वेब ब्राउजर जैसे यूसी ब्राउजर, यूसी मिनी और लाइव स्ट्रीमिंग एप्स, यूटिलिटी एप्स जैसे कैमस्कैनर, गेमिंग एप्स में पबजी, ई-कॉमर्स साइट्स, डेटिंग एप्स जैसे टिंडर आदि शामिल हैं.

यह आदेश सेना की उस सैन्य टुकड़ी की बढ़ती आशंका को रेखांकित करता है, जिसकी वजह से सेना के जवानों को कई बार विशेष रूप से हनी ट्रैप के माध्यम से भारत के हितों के प्रतिकूल फंसाने की कोशिश की जाती है.

पढ़ें : भारत-चीन के बीच विश्वास बहाली के लिए 'पुलबैक' प्रक्रिया आवश्यक

पिछले साल, सेना ने दो निर्देश जारी किए थे- एक जुलाई में और दूसरा नवंबर में. इस निर्देश में सेना ने अपने जवानों को सोशल मीडिया के जरिए बातचीत करते समय सावधान और सतर्क रहने की चेतावनी दी थी.

सैकड़ों फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइलों के संचालित होने के बाद चेतावनी जारी की गई थी, जिन्हें संभावित खतरों के रूप में पहचाना गया था, जिनका उपयोग सेना के जवानों से संवेदनशील और सैन्य जानकारी निकालने के लिए किया जा सकता है.

विशेष रूप से, पाकिस्तानी जासूस एजेंसी आईएसआई महिलाओं का उपयोग करके भारतीय सेना, सुरक्षा और राजनयिकों से संवेदनशील सूचनाओं के साथ भाग लेने के लिए मजबूर कर रही हैं.

Last Updated : Jul 9, 2020, 5:19 AM IST
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