नई दिल्ली : भारत सरकार ने तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने वाले 2,550 विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि गृह मंत्रालय ने तबलीगी जमात से जुड़े लगभग 40 देशों के 2,550 सदस्यों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जो देशभर में कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान फंस गए थे और वीजा नियमों के उल्लंघन में मिशनरी गतिविधियों में लिप्त थे.
उन्होंने कहा कि इन लोगों को 10 साल तक भारत में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. यह संभवत: पहली बार है, जब सरकार ने एक झटके में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को ब्लैक लिस्टेड किया और फॉरेनर्स एक्ट के तहत इतनी लंबी अवधि के लिए भारत में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया.
गृह मंत्रालय द्वारा यह कार्रवाई विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा विदेशी लोगों का विवरण प्रदान करने के बाद की गई है, जो देशभर में मस्जिदों और धार्मिक संस्थानों में अवैध रूप से रह रहे थे.
इससे पहले निजामुद्दीन मरकज मामले में विदेशी जमातियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच गुरुवार को 12 आरोप पत्र दाखिल किए. इन आरोप पत्रों में 536 विदेशी जमातियों को आरोपी बनाया गया है. ये विदेशी जमाती तीन देशों से संबंध रखते हैं. इससे पहले क्राइम ब्रांच दो दिनों में 35 आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.
दिल्ली पुलिस ने एक अदालत में कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच वीजा शर्तों का उल्लंघन कर निजामुद्दीन में एक धार्मिक आयोजन में भाग लेने और धर्म प्रचार गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन देशों के 541 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 12 अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए थे.
पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अर्चना बेनीवाल के समक्ष आरोप पत्र दायर किए, जिन्होंने आरोप पत्र पर विचार की तारीख 25 जून तय की थी. बता दें कि मलेशिया के 42 , किर्गिस्तान के 85 और इंडोनेशिया के 414 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए हैं.
आरोप पत्र के अनुसार, सभी विदेशी नागरिकों पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और महामारी संबंधी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिये मामला दर्ज किया गया है.
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उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270, 271 तथा विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में मार्च में तबलीगी जमात ने एक बड़े धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जो बाद में देश में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा था.