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बेंगलुरु : रात 11 बजे के बाद घूम रहे थे पति-पत्नी, पुलिस ने लगाया जुर्माना, निलंबित

कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दंपति पर रात 11 बजे के बाद बाहर रहने के कारण पुलिस के द्वारा जुर्माना लगाए का मामला सामने आने के बाद बेंगलुरु शहर के उत्तर पूर्व डिवीजन के पुलिस उपायुक्त ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

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Published : Dec 11, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Dec 11, 2022, 7:14 PM IST

Police fined the couple
पुलिस ने दंपति पर लगाया जुर्माना

बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दंपति पर रात 11 बजे के बाद बाहर रहने के कारण पुलिस के द्वारा जुर्माना लगाए जाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि गुरुवार को पुलिसकर्मियों ने दंपति पर आधी रात यानी 11 बजे के बाद घर के पास सड़क पर होने कारण एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इस पर दंपति ने कानून तोड़ने पर पेटीएम से जुर्माने की राशि अदा की. दंपति एक बर्थडे पार्टी में शामिल होकर घर जा रहा था उसी दौरान यह घटना हुई. पुलिस उपायुक्त ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

  • I would like to share a traumatic incident my wife and I encountered the night before. It was around 12:30 midnight. My wife and I were walking back home after attending a friend’s cake-cutting ceremony (We live in a society behind Manyata Tech park). (1/15)

    — Karthik Patri (@Karthik_Patri) December 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस संबंध में कार्तिक पत्री ने ट्वीट करते हुए अपनी आपबीती बताते हुए बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त से मदद का अनुरोध किया है. कार्तिक पत्री ने ट्विटर थ्रेड में लिखा है कि 'मैं एक दर्दनाक घटना साझा करना चाहता हूं, जो मेरी पत्नी और मेरे साथ रात में हुई. यह करीब 12.30 बजे मध्यरात्रि का समय था. उस समय मैं और मेरी पत्नी एक दोस्त के केक काटने की रस्म में भाग लेने के बाद घर वापस आ रहे थे. हम मान्यता टेक पार्क के पीछे एक सोसायटी में रहते हैं.'

साथ ही कार्तिक पत्री ने ट्विटर थ्रेड में लिखा, अभी हम अपने घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर थे कि पुलिस गश्ती वैन हमारे पास आकर रुकी और पुलिस की वर्दी में दो लोगों ने हमार आईडी कार्ड दिखाने की मांग की. हम लोग हैरान रह गए. क्योंकि एक सामान्य दिन में सड़क पर चलने वाले एक दंपति को अपना आईडी कार्ड दिखाने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए? पुलिसकर्मी एक गुलाबी रंग की होयसला वैन में थे. यह वैन सुरक्षा पैनिक ऐप और पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 के द्वारा दी शिकायतों को देखती है.

कार्तिक पत्री ने कहा कि हालांकि हमने आधार कार्ड की तस्वीरें पुलिस को दिखाईं, लेकिन इसके बाद पुलिस वालों ने हमारे फोन जब्त कर लिए और हमसे व्यक्तिगत विवरण के बारे में पूछताछ की. इस पर हमने उनके सवालों का सहजता से जवाब दिया. तभी उनमें से एक ने चालान बुक की तरह दिखने वाली चीज निकालने के साथ हमारे नाम और आधार संख्या को नोट करना शुरू कर दिया. परेशानी को देखते हुए हमने पूछा कि हमें चालान क्यों जारी किया जा रहा है, तो पुलिसकर्मियों में एक ने बताया कि उन्हें रात 11 बजे के बाद सड़क पर घूमने की अनुमति नहीं है.

कार्तिक पत्री ने बताया कि वह इस बात से सहमत नहीं थे कि इस तरह का कोई नियम था, लेकिन दंपति ने स्थिति को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि रात काफी हो चुकी थी और उनके फोन जब्त कर लिए गए थे. पत्री ने दावा किया कि दंपति ने इस तरह के नियम से अनजान होने के लिए माफी मांगी, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से मना कर दिया और 3,000 रुपये जुर्माने की मांग की.

  • Two police personnel from @sampigehallips responsible for the incident have been identified, suspended and departmental action initiated. @BlrCityPolice will not tolerate deviant behaviour from its staff. @DCPNEBCP @Karthik_Patri

    — ಬೆಂಗಳೂರು ನಗರ ಪೊಲೀಸ್‌ BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) December 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कार्तिक पत्री ने लिखा, 'यह स्पष्ट था कि यह दोनों (दुखद, अगर वे वास्तव में पुलिसकर्मी थे) बिना सोचे-समझे नागरिकों को धोखा देने के लिए बाहर थे, और हम उनके शिकार बन गए. हमने सचमुच उनसे विनती की कि हमें जाने दें, लेकिन वे माने नहीं. जितना अधिक हम विनती करते थे, वे उतने ही कठोर होते गए, यहां तक ​​कि हमें गिरफ्तार करने की धमकी देने लगे. यह ऐसा था, जैसे हम दलदल में फंस गए हों - जितना अधिक हम संघर्ष करते थे, हम उतने ही गहरे डूबते गए. यह लंबे समय तक जारी रहा, जब तक कि उत्पीड़न असहनीय नहीं हो गया. पुलिसकर्मियों ने भुगतान न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.'

कार्तिक ने लिखा कि मैं मुश्किल से अपना आपा रोक सका, जबकि मेरी पत्नी आंसू बहा रही थी. शायद यह महसूस करते हुए कि उन्होंने एक महिला को बहुत डरा दिया था, एक पुलिसकर्मी मुझे दूर ले गया और सलाह दी कि वह आगे की परेशानी से बचने के लिए न्यूनतम राशि का भुगतान करे. पत्री ने कहा कि वह 1,000 रुपये देने के लिए तैयार हो गया, जिसे पुलिसकर्मी ने उसे पेटीएम के माध्यम से भेजने के लिए कहा. उस व्यक्ति ने तुरंत एक पेटीएम क्यूआर कोड पकड़ा, मेरे स्कैन करने और भुगतान करने का इंतजार किया और हमें एक कड़ी चेतावनी के साथ जाने दिया.

बेंगलुरु शहर के उत्तर पूर्व डिवीजन के पुलिस उपायुक्त अनूप ए शेट्टी ने ट्विटर थ्रेड का जवाब देते हुए पात्री को मामले के बारे में बताने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. आज उन दोनों पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- पॉक्सो मामले में गलत गिरफ्तारी के लिए पुलिस पर लगाया गया 5 लाख रुपये का जुर्माना

बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दंपति पर रात 11 बजे के बाद बाहर रहने के कारण पुलिस के द्वारा जुर्माना लगाए जाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि गुरुवार को पुलिसकर्मियों ने दंपति पर आधी रात यानी 11 बजे के बाद घर के पास सड़क पर होने कारण एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इस पर दंपति ने कानून तोड़ने पर पेटीएम से जुर्माने की राशि अदा की. दंपति एक बर्थडे पार्टी में शामिल होकर घर जा रहा था उसी दौरान यह घटना हुई. पुलिस उपायुक्त ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

  • I would like to share a traumatic incident my wife and I encountered the night before. It was around 12:30 midnight. My wife and I were walking back home after attending a friend’s cake-cutting ceremony (We live in a society behind Manyata Tech park). (1/15)

    — Karthik Patri (@Karthik_Patri) December 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस संबंध में कार्तिक पत्री ने ट्वीट करते हुए अपनी आपबीती बताते हुए बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त से मदद का अनुरोध किया है. कार्तिक पत्री ने ट्विटर थ्रेड में लिखा है कि 'मैं एक दर्दनाक घटना साझा करना चाहता हूं, जो मेरी पत्नी और मेरे साथ रात में हुई. यह करीब 12.30 बजे मध्यरात्रि का समय था. उस समय मैं और मेरी पत्नी एक दोस्त के केक काटने की रस्म में भाग लेने के बाद घर वापस आ रहे थे. हम मान्यता टेक पार्क के पीछे एक सोसायटी में रहते हैं.'

साथ ही कार्तिक पत्री ने ट्विटर थ्रेड में लिखा, अभी हम अपने घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर थे कि पुलिस गश्ती वैन हमारे पास आकर रुकी और पुलिस की वर्दी में दो लोगों ने हमार आईडी कार्ड दिखाने की मांग की. हम लोग हैरान रह गए. क्योंकि एक सामान्य दिन में सड़क पर चलने वाले एक दंपति को अपना आईडी कार्ड दिखाने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए? पुलिसकर्मी एक गुलाबी रंग की होयसला वैन में थे. यह वैन सुरक्षा पैनिक ऐप और पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 के द्वारा दी शिकायतों को देखती है.

कार्तिक पत्री ने कहा कि हालांकि हमने आधार कार्ड की तस्वीरें पुलिस को दिखाईं, लेकिन इसके बाद पुलिस वालों ने हमारे फोन जब्त कर लिए और हमसे व्यक्तिगत विवरण के बारे में पूछताछ की. इस पर हमने उनके सवालों का सहजता से जवाब दिया. तभी उनमें से एक ने चालान बुक की तरह दिखने वाली चीज निकालने के साथ हमारे नाम और आधार संख्या को नोट करना शुरू कर दिया. परेशानी को देखते हुए हमने पूछा कि हमें चालान क्यों जारी किया जा रहा है, तो पुलिसकर्मियों में एक ने बताया कि उन्हें रात 11 बजे के बाद सड़क पर घूमने की अनुमति नहीं है.

कार्तिक पत्री ने बताया कि वह इस बात से सहमत नहीं थे कि इस तरह का कोई नियम था, लेकिन दंपति ने स्थिति को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि रात काफी हो चुकी थी और उनके फोन जब्त कर लिए गए थे. पत्री ने दावा किया कि दंपति ने इस तरह के नियम से अनजान होने के लिए माफी मांगी, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से मना कर दिया और 3,000 रुपये जुर्माने की मांग की.

  • Two police personnel from @sampigehallips responsible for the incident have been identified, suspended and departmental action initiated. @BlrCityPolice will not tolerate deviant behaviour from its staff. @DCPNEBCP @Karthik_Patri

    — ಬೆಂಗಳೂರು ನಗರ ಪೊಲೀಸ್‌ BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) December 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कार्तिक पत्री ने लिखा, 'यह स्पष्ट था कि यह दोनों (दुखद, अगर वे वास्तव में पुलिसकर्मी थे) बिना सोचे-समझे नागरिकों को धोखा देने के लिए बाहर थे, और हम उनके शिकार बन गए. हमने सचमुच उनसे विनती की कि हमें जाने दें, लेकिन वे माने नहीं. जितना अधिक हम विनती करते थे, वे उतने ही कठोर होते गए, यहां तक ​​कि हमें गिरफ्तार करने की धमकी देने लगे. यह ऐसा था, जैसे हम दलदल में फंस गए हों - जितना अधिक हम संघर्ष करते थे, हम उतने ही गहरे डूबते गए. यह लंबे समय तक जारी रहा, जब तक कि उत्पीड़न असहनीय नहीं हो गया. पुलिसकर्मियों ने भुगतान न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.'

कार्तिक ने लिखा कि मैं मुश्किल से अपना आपा रोक सका, जबकि मेरी पत्नी आंसू बहा रही थी. शायद यह महसूस करते हुए कि उन्होंने एक महिला को बहुत डरा दिया था, एक पुलिसकर्मी मुझे दूर ले गया और सलाह दी कि वह आगे की परेशानी से बचने के लिए न्यूनतम राशि का भुगतान करे. पत्री ने कहा कि वह 1,000 रुपये देने के लिए तैयार हो गया, जिसे पुलिसकर्मी ने उसे पेटीएम के माध्यम से भेजने के लिए कहा. उस व्यक्ति ने तुरंत एक पेटीएम क्यूआर कोड पकड़ा, मेरे स्कैन करने और भुगतान करने का इंतजार किया और हमें एक कड़ी चेतावनी के साथ जाने दिया.

बेंगलुरु शहर के उत्तर पूर्व डिवीजन के पुलिस उपायुक्त अनूप ए शेट्टी ने ट्विटर थ्रेड का जवाब देते हुए पात्री को मामले के बारे में बताने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. आज उन दोनों पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- पॉक्सो मामले में गलत गिरफ्तारी के लिए पुलिस पर लगाया गया 5 लाख रुपये का जुर्माना

Last Updated : Dec 11, 2022, 7:14 PM IST
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