नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है. अभिषेक तिवारी पर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के दौरान सीबीआई के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है.
अभिषेक तिवारी और आनंद डागा को सीबीआई ने जांच से जुड़े दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में एक सितंबर को गिरफ्तार किया था. छह सितंबर को दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आठ सितंबर को अभिषेक तिवारी और अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए थे.
सीबीआई ने कहा था कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गया था, जहां उसे रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट दिए गए. दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है.
सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और सीबीआई के डीएसपी आरएस गुंजियाल और तिवारी छह अप्रैल को मुंबई गए. इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए थे. अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे. तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्स ऐप के जरिये साझा किया था. उसके बाद सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.
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सीबीआई ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली, ये लगातार होता रहा है. तिवारी और डागा को 1 सितंबर की रात में गिरफ्तार किया गया. 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था.