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'एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान' कोई राजनीतिक नारा नहीं था : अमित शाह - JK Reservation amendment bill 2023

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक निशान, एक प्रधान और एक संविधान, यह कोई राजनीतिक नारा नहीं था, बल्कि हम इसमें यकीन करते हैं और पूरा देश यही चाहता है. लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पर बोलते हुए शाह ने कहा कि एक देश में दो प्रधानमंत्री और दो संविधान नहीं चल सकते हैं.

amit shah in Lok Sabha
अमित शाह लोकसभा में
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 4:46 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि देश में 'एक ध्वज, एक प्रधानमंत्री, एक संविधान' की अवधारणा कोई राजनीतिक नारा नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सिद्धांत में दृढ़ता से विश्वास करती है तथा उसने जम्मू कश्मीर में आखिरकार यह कर दिखाया है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने कहा कि देश में ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ एक ‘राजनीतिक नारा’ था. इस पर शाह ने आश्चर्य जताया कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो ध्वज कैसे हो सकते हैं.

  • Union Home Minister Amit Shah during discussion on J&K bills in Lok Sabha

    "How can a country have two PMs, two constitutions and two flags? Those who did this, they did wrong. PM Modi corrected it. We have been saying since 1950 that there should be 'Ek Pradhan, Ek Nishan, Ek… pic.twitter.com/oyKUtrMlju

    — ANI (@ANI) December 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने सौगत राय की टिप्पणियों को ‘आपत्तिजनक’ करार दिया. विपक्षी सदस्यों की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए, शाह ने कहा, ‘‘जिसने भी यह किया था, वह गलत था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सही किया है. आपकी सहमति या असहमति कोई मायने नहीं रखती, पूरा देश यह चाहता था.’’ शाह की यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के स्पष्ट संदर्भ में की गई थी.

उन्होंने आगे कहा कि ‘‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’’ कोई चुनावी नारा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘हम 1950 से कहते आ रहे हैं कि एक देश में एक प्रधानमंत्री, एक (राष्ट्रीय) ध्वज और एक संविधान होना चाहिए और हमने ऐसा किया है.’’

‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक’ पर राय का वक्तव्य समाप्त होने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब टीएमसी नेता ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उल्लेख किया, तो उन्हें उनके बलिदान को भी याद करना चाहिए था. इस पर राय ने कहा कि उन्होंने मुखर्जी के नाम पर बने कॉलेज में पढ़ाया था और ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ उनका नारा था और यह एक ‘राजनीतिक नारा’ था.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय था जब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा रहे नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था, आज कश्मीर की हर गली में तिरंगा लहरा रहा है.

ये भी पढ़ें : Winter Session 2023: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि देश में 'एक ध्वज, एक प्रधानमंत्री, एक संविधान' की अवधारणा कोई राजनीतिक नारा नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सिद्धांत में दृढ़ता से विश्वास करती है तथा उसने जम्मू कश्मीर में आखिरकार यह कर दिखाया है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने कहा कि देश में ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ एक ‘राजनीतिक नारा’ था. इस पर शाह ने आश्चर्य जताया कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो ध्वज कैसे हो सकते हैं.

  • Union Home Minister Amit Shah during discussion on J&K bills in Lok Sabha

    "How can a country have two PMs, two constitutions and two flags? Those who did this, they did wrong. PM Modi corrected it. We have been saying since 1950 that there should be 'Ek Pradhan, Ek Nishan, Ek… pic.twitter.com/oyKUtrMlju

    — ANI (@ANI) December 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने सौगत राय की टिप्पणियों को ‘आपत्तिजनक’ करार दिया. विपक्षी सदस्यों की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए, शाह ने कहा, ‘‘जिसने भी यह किया था, वह गलत था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सही किया है. आपकी सहमति या असहमति कोई मायने नहीं रखती, पूरा देश यह चाहता था.’’ शाह की यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के स्पष्ट संदर्भ में की गई थी.

उन्होंने आगे कहा कि ‘‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’’ कोई चुनावी नारा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘हम 1950 से कहते आ रहे हैं कि एक देश में एक प्रधानमंत्री, एक (राष्ट्रीय) ध्वज और एक संविधान होना चाहिए और हमने ऐसा किया है.’’

‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक’ पर राय का वक्तव्य समाप्त होने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब टीएमसी नेता ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उल्लेख किया, तो उन्हें उनके बलिदान को भी याद करना चाहिए था. इस पर राय ने कहा कि उन्होंने मुखर्जी के नाम पर बने कॉलेज में पढ़ाया था और ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ उनका नारा था और यह एक ‘राजनीतिक नारा’ था.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय था जब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा रहे नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था, आज कश्मीर की हर गली में तिरंगा लहरा रहा है.

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