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पीएम ने युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने को किया मजबूर : राहुल - कांग्रेस सत्याग्रह

अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने में जुटी हैं. इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को कांग्रेस के सांसदों और नेताओं ने यहां जंतर मंतर पर 'सत्याग्रह' किया. इस सत्याग्रह में प्रियंका गांधी व राहुल गांधी भी शामिल हुए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर उन्होंने युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है. वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है.

Agneepath Demonstration: Congress to conduct Satyagraha at Jantar Mantar
अग्निपथ प्रदर्शन : जंतर मंतर पर सत्याग्रह करेगी कांग्रेस
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Published : Jun 19, 2022, 7:52 AM IST

Updated : Jun 19, 2022, 8:43 PM IST

नई दिल्ली : सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नई अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने में जुटी हैं. कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को जंतर मंतर पर इस योजना के विरोध में सत्याग्रह किया. इस सत्याग्रह में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी नेताओं-जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद और अलका लांबा ने ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया. कांग्रेस के मुताबिक, सरकार को इस योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह छात्रों के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस के सत्याग्रह को लेकर जंतर मंतर पर भारी पुलिस बल सहित पैरामिल्रिटी फोर्सेस तैनात रहे.

देशभर में भी युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर उन्होंने युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है. गांधी ने यह भी कहा कि आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को केवल पकौड़े तलने का ज्ञान मिला.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है. आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को पकौड़े तलने का ही ज्ञान मिला.' उन्होंने कहा कि देश की इस हालत के लिए केवल प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं.

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. वहीं, सचिन पायलट ने 'सत्याग्रह' पर कहा, 'योजना को वापस लिया जाना चाहिए.' उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवकों से हिंसा का सहारा नहीं लेने की अपील करते हुए कहा, 'योजना का विरोध करना उनका अधिकार है, लेकिन विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. हिंसा नहीं होनी चाहिए.'

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, सत्याग्रह सत्य से सबंधित है जब भी आप सत्य के लिए खड़े होंगे जब भी आप किसी का विरोध करेंगे सत्य के साथ नहीं है वह सत्याग्रह होगा. हम देश के युवाओं को कहेंगे कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें यह देश का मामला है और फौज का मामला है इस मामले पर हिंसा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.

इस योजना पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के समर्थन देने पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि मनीष हमारे मित्र हैं और उन्हें अपनी व्यक्तिगत राय रखने का पूरा अधिकार है. हमारे नेता उनकी बात को भी सुन और उसके बाद निर्णय लेने ऐसा नहीं है कि मनीष में कोई विद्रोह किया हो हर कोई अपना विचार व्यक्त कर रहा है. वहीं अग्निपरीक्षा योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया है.

पढ़ें: Agnipath protest: देशभर में प्रदर्शन, बिहार में दिन में बंद रहेगा ट्रेनों का परिचालन

पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि 'अग्निपथ' योजना ने हमारे देश के युवाओं को आक्रोशित कर दिया है. वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रकट कर रहे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके साथ खड़े रहें.

गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में युवा विवादास्पद रक्षा भर्ती योजना का विरोध कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में, विभिन्न शहरों और कस्बों से प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ किए जाने, रेलगाड़ियों में आग लगाने और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की घटनाएं सामने आई हैं. गत शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई थी, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरुद्ध कर दिया गया था.

गौरतलब है कि गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े सत्रह साल से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ा दिया था. नई योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन भुगतान में कटौती करना है.

नई दिल्ली : सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नई अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने में जुटी हैं. कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को जंतर मंतर पर इस योजना के विरोध में सत्याग्रह किया. इस सत्याग्रह में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी नेताओं-जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद और अलका लांबा ने ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया. कांग्रेस के मुताबिक, सरकार को इस योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह छात्रों के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस के सत्याग्रह को लेकर जंतर मंतर पर भारी पुलिस बल सहित पैरामिल्रिटी फोर्सेस तैनात रहे.

देशभर में भी युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर उन्होंने युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है. गांधी ने यह भी कहा कि आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को केवल पकौड़े तलने का ज्ञान मिला.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के 'अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है. आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को पकौड़े तलने का ही ज्ञान मिला.' उन्होंने कहा कि देश की इस हालत के लिए केवल प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं.

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. वहीं, सचिन पायलट ने 'सत्याग्रह' पर कहा, 'योजना को वापस लिया जाना चाहिए.' उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवकों से हिंसा का सहारा नहीं लेने की अपील करते हुए कहा, 'योजना का विरोध करना उनका अधिकार है, लेकिन विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. हिंसा नहीं होनी चाहिए.'

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, सत्याग्रह सत्य से सबंधित है जब भी आप सत्य के लिए खड़े होंगे जब भी आप किसी का विरोध करेंगे सत्य के साथ नहीं है वह सत्याग्रह होगा. हम देश के युवाओं को कहेंगे कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें यह देश का मामला है और फौज का मामला है इस मामले पर हिंसा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.

इस योजना पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के समर्थन देने पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि मनीष हमारे मित्र हैं और उन्हें अपनी व्यक्तिगत राय रखने का पूरा अधिकार है. हमारे नेता उनकी बात को भी सुन और उसके बाद निर्णय लेने ऐसा नहीं है कि मनीष में कोई विद्रोह किया हो हर कोई अपना विचार व्यक्त कर रहा है. वहीं अग्निपरीक्षा योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया है.

पढ़ें: Agnipath protest: देशभर में प्रदर्शन, बिहार में दिन में बंद रहेगा ट्रेनों का परिचालन

पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि 'अग्निपथ' योजना ने हमारे देश के युवाओं को आक्रोशित कर दिया है. वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रकट कर रहे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके साथ खड़े रहें.

गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में युवा विवादास्पद रक्षा भर्ती योजना का विरोध कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में, विभिन्न शहरों और कस्बों से प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ किए जाने, रेलगाड़ियों में आग लगाने और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की घटनाएं सामने आई हैं. गत शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई थी, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरुद्ध कर दिया गया था.

गौरतलब है कि गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े सत्रह साल से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ा दिया था. नई योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन भुगतान में कटौती करना है.

Last Updated : Jun 19, 2022, 8:43 PM IST
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