लखनऊ: राजधानी में बीबीडी छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की गोली मार कर हत्या करने का आरोपी ठेकेदार आदित्य देव पाठक गुरुवार को पहली बार जेल नही गया है. इससे पहले भी वह जेल जा चुका है. बीती 31 अगस्त को ही जेल से बाहर आया था. जेल से छूटने के बाद ही उसने मुंगेर मेड पिस्टल अपने एक दोस्त से ली थी. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आदित्य बीबीडी छात्रों से वसूली करता था.
बुधवार देर रात को चिनहट स्थित दयाल रेजीडेंसी कॉलोनी के एक घर में हरदोई जिले की रहने वाली बीबीडी छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप छात्रा के बलिया निवासी दोस्त आदित्य देव पाठक पर लगा. पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात छात्रा आदित्य के साथ उसके किराए के घर आई थी, जहां रात करीब 3:30 बजे छात्रा को गोली लग गई. बताया जा रहा है उस वक्त छात्रा का दोस्त नशे में था. फिलहाल पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर आदित्य समेत दो लोगों को जेल भेज दिया.
पुलिस जांच में सामने आया है कि छात्रा को गोली मारने का आरोपी आदित्य देव पाठक आदतन अपराधी है. बीती 15 मार्च को आदित्य ने बीबीडी के छात्र उदय प्रताप सिंह को बीच सड़क रोक कर उसके साथ मारपीट की थी और उसका मोबाइल लूटने का प्रयास कर रहा था. इस मामले में आदित्य को जेल भेजा गया था, हालांकि 31 अगस्त को वह जेल से छूट कर बाहर आया था. इसी के बाद उसने अपने एक दोस्त से मुंगेर की बनी अवैध पिस्टल ली थी, जिसे वह अपने पास ही रखता था. आदित्य के किराए वाले मकान के पड़ोस में रहने वालों ने भी बताया कि आदित्य और उसके दोस्त रोजाना कॉलोनी में रहने वाले बीबीडी और राम स्वरूप कॉलेज के छात्रों के साथ मारपीट व गाली गलौज करते थे. इतना ही नहीं उस घर में शराब पार्टी आम बात सी थी.
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